इंडोनेशिया-नेपाल के बाद ताजिकिस्तान में आया भूकंप, घरों से बाहर निकले लोग

इंडोनेशिया और नेपाल के बाद अब ताजिकिस्तान में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. भूकंप से किसी के हताहत होने या किसी महत्वपूर्ण नुकसान की तत्काल कोई रिपोर्ट नहीं मिली है. हालांकि, अधिकारी स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं.

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ताजिकिस्तान-इडोनेशिया और नेपाल में आया भूकंप. (सांकेतिक फोटो) ताजिकिस्तान-इडोनेशिया और नेपाल में आया भूकंप. (सांकेतिक फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 23 मई 2025,
  • अपडेटेड 4:49 AM IST

इंडोनेशिया में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज (GFZ) ने बताया कि इंडोनेशिया के दक्षिणी सुमात्रा में 5.9 तीव्रता का भूकंप आया. वहीं, नेपाल में भी भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए हैं.

GFZ शुक्रवार तड़के बताया कि भूकंप 10 किलोमीटर (6.21 मील) की गहराई पर आया था. अभी तक किसी के घायल होने या हताहत होने की कोई खबर नहीं है. हालांकि, अधिकारी स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं.

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ताजिकिस्तान में भी महसूस हुए भूकंप के झटके

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, इंडोनेशिया-नेपाल के बाद अब ताजिकिस्तान में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. ताजिकिस्तान में आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.9 मापी गई है. NCS ने बताया कि ताजिकिस्तान में 3.9 तीव्रता का भूकंप आया है. भूकंप का केंद्र गहराई 10 किमी था.


 

नेपाल में भी आया भूकंप

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) के अनुसार, शुक्रवार की सुबह नेपाल में 4.3 तीव्रता का भूकंप आया. भूकंप का केंद्र 29.36 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 80.44 डिग्री पूर्वी देशांतर पर 10 किलोमीटर की गहराई पर था. यह भूकंप भारतीय समयानुसार रात 1:33 बजे दर्ज किया गया.

एनसीएस ने एक्स पर जानकारी देते हुए बताया कि नेपाल में 23 मई को 01 बजकर 33 मिनट 53 सेकंड पर अक्षांश: 29.36 एन, देशांतर: 80.44 ई, गहराई: 10 किमी गहराई पर 4.3 तीव्रता भूकंप आया था.

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भूकंप से किसी के हताहत होने या किसी महत्वपूर्ण नुकसान की तत्काल कोई रिपोर्ट नहीं मिली है. हालांकि, अधिकारी स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं.

भूकंप के प्रति नेपाल की संवेदनशीलता

नेपाल दुनिया के सबसे भूकंप-संभावित क्षेत्रों में से एक है, क्योंकि यह भारतीय और यूरेशियाई टेक्टोनिक प्लेटों की सीमा पर स्थित है. भारतीय प्लेट लगातार यूरेशियाई प्लेट के नीचे उत्तर की ओर खिसक रही है, जिसे सबडक्शन कहा जाता है. इस प्रक्रिया से पृथ्वी की सतह में भारी दबाव और तनाव पैदा होता है जो न केवल बार-बार भूकंप का कारण बनता है, बल्कि हिमालय पर्वत श्रृंखला के निर्माण और उत्थान के लिए भी जिम्मेदार है.

नेपाल में भूकंपीय घटनाओं का दुखद इतिहास रहा है, जिसमें सबसे उल्लेखनीय अप्रैल 2015 में आया 7.8 तीव्रता का विनाशकारी भूकंप है, जिसमें लगभग 9,000 लोगों की जान चली गई थी.

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