अफगानिस्तान में कब बनेगी तालिबान की सरकार, PAK के विदेश मंत्री ने दिया ये जवाब

समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने बताया कि विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने इस्लामाबाद में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "हम उम्मीद करते हैं कि आने वाले दिनों में अफगानिस्तान में आम सहमति की सरकार बनेगी."

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सांकेतिक तस्वीर (रॉयटर्स) सांकेतिक तस्वीर (रॉयटर्स)

aajtak.in

  • इस्लामाबाद,
  • 01 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 11:53 PM IST
  • अफगानिस्तान में नई सरकार बनाने में जुटा तालिबान
  • कुछ ही दिनों में सरकार का गठन हो जाएगाः कुरैशी
  • डेडलाइन से एक दिन पूर्व ही अमेरिका ने छोड़ा देश

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के दो हफ्ते से ज्यादा का वक्त गुजर जाने के बाद भी वहां पर नई सरकार गठित नहीं हो सकी है. सरकार के गठन को लेकर कयासों का दौर जारी है. इस बीच पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने अफगानिस्तान में नई सरकार को लेकर उम्मीद जताई है कि जल्द ही सरकार का गठन हो जाएगा.

कब्जे के बाद कई दिन गुजर जाने के बावजूद वहां पर सरकार के गठन को लेकर अनिश्चितता का माहौल है, लेकिन पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने मंगलवार को कहा कि अफगानिस्तान में कुछ ही दिनों में सरकार का गठन हो जाएगा. 

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समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने बताया कि विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने इस्लामाबाद में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "हम उम्मीद करते हैं कि आने वाले दिनों में अफगानिस्तान में आम सहमति की सरकार बनेगी."

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इस बीच 31 अगस्त की डेडलाइन से एक दिन पहले ही अमेरिका ने अफगानिस्तान को छोड़ दिया. अमेरिका के अफगानिस्तान छोड़ते ही तालिबान ने नई सरकार के गठन की तैयारियां शुरू कर दी हैं. तालिबान (Taliban) ने कल मंगलवार को अफगानिस्तान को आजाद घोषित किया और अमेरिकी सेना के वापस लौटने का जश्न मनाया.

तालिबान का कहना है कि सरकार बनने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है और जल्द ही नई सरकार का गठन कर लिया जाएगा. जानकारी के मुताबिक, तालिबान का नेता मुल्ला बरादर (Mullah Baradar) जल्द ही काबुल पहुंचने वाला है. संभव है कि मुल्ला बरादर ही अफगानिस्तान का अगला राष्ट्रपति बन सकता है.

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इस बीच तालिबान के नेता अनस हक्कानी (Anas Haqqani) ने बयान दिया था कि अब तालिबान की नई सरकार सिर्फ कुछ दिनों की दूरी पर है. हाल ही में कंधार में तालिबान के वरिष्ठ नेताओं ने सरकार गठन को लेकर लंबा मंथन किया.

कतर के दोहा से आने के बाद तालिबान के बड़े नेता कंधार में ही रुके हुए हैं, जिनमें तालिबान का सुप्रीम लीडर हिबतुल्लाह अखुंदजादा भी शामिल है.

एक ओर तालिबान जहां अपनी नई सरकार बनाने की ओर बढ़ रहा है, तो वहीं भारत ने भी आधिकारिक तौर पर तालिबान के साथ बातचीत शुरू कर दी है. खास बात यह है कि ये बातचीत तब हुई, जब अमेरिकी सेना पूरी तरह से अफगानिस्तान छोड़ चुकी थीं. कतर में भारत के राजदूत दीपक मित्तल ने मंगलवार को तालिबानी नेता  शेर मोहम्मद अब्बास स्टेनकजई से मुलाकात की. 

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