अफगानिस्तान में सरकार गठन टला, तालिबान अब कल करेगा ऐलान

अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के दो हफ्ते से ज्यादा का वक्त गुजर जाने के बाद आज शुक्रवार को सरकार के गठन को लेकर कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन आज इसे कल तक के लिए टाल दिया गया है.

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अफगानिस्तान में कल तक के लिए तालिबान ने टाली सरकार गठन की योजना (सांकेतिक-AP) अफगानिस्तान में कल तक के लिए तालिबान ने टाली सरकार गठन की योजना (सांकेतिक-AP)

aajtak.in

  • काबुल,
  • 03 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 7:05 PM IST
  • मुल्ला बरादर को नई सरकार की कमान सौंपे जाने के आसार
  • सरकार का गठन आज शुक्रवार को करने वाला था तालिबान
  • राजधानी काबुल में नई सरकार के गठन की तैयारियां की जा रही

अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के दो हफ्ते से ज्यादा का वक्त गुजर जाने के बाद आज शुक्रवार को सरकार के गठन को लेकर कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन आज इसे कल तक के लिए टाल दिया गया है. तालिबान के प्रवक्ता ने बताया कि सरकार गठन का ऐलान कल किया जाएगा.

इससे पहले समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने दावा किया था कि तालिबान (Taliban) अफगानिस्तान में आज शुक्रवार को अपनी नई सरकार बनाएगा और मुल्ला बरादर को तालिबान की नई सरकार की कमान सौंपी जा सकती है. 

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रॉयटर्स ने तालिबान के हवाले से दावा किया था कि काबुल में शुक्रवार को तालिबान अपनी नई सरकार का गठन करेगा. मुल्ला बरादर इस सरकार की अगुवाई करेगा. साथ ही तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर का बेटा मुल्ला मोहम्मद याकूब के अलावा शेर मोहम्मद अब्बास स्टेनकजई को भी तालिबान की नई सरकार में अहम पद पाने की उम्मीद है.

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तालिबान की तरफ से काफी दिनों से राजधानी काबुल में नई सरकार के गठन की तैयारियां की जा रही हैं. काबुल के राष्ट्रपति पैलेस को सजाया जा रहा है. नए झंडे तैयार हो रहे हैं और हाल ही में इससे जुड़ा वीडियो भी रिलीज़ किया गया था.

कौन है मुल्ला अब्दुल गनी बरादर?
1968 में पैदा हुआ मुल्ला अब्दुल गनी बरादर तालिबान का दूसरे नंबर का नेता है. मुल्ला बरादर तालिबान के संस्थापकों में से एक है. इससे पहले तालिबान ने 1996 से 2001 तक जब अफगानिस्तान पर राज किया, तब भी मुल्ला बरादर ने अहम भूमिका निभाई थी.

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2001 के बाद जब अमेरिका ने अफगानिस्तान में घुसपैठ की तो मुल्ला अब्दुल गनी बरादर पाकिस्तान चला गया. 2010 में पाकिस्तान ने बरादर को जेल में डाल दिया था क्योंकि उस पर आरोप था कि वह बिना पाकिस्तान को लूप में रखे अफगानिस्तानी सरकार से बात करने की कोशिश में था. 

 

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