वेनेजुएला के सरकारी टेलीविजन ने एक सनसनीखेज वीडियो प्रसारित किया है. जिसमें एक अमेरिकी नागरिक ने राष्ट्रपति निकोलस मदुरो का तख्तापलट करने की साजिश रचने की बात कबूल की है. वीडियो में ल्यूक डेनमैन नाम का अमेरिकी नागरिक निकोलस मदुरो को बंधक बनाकर अमेरिका ले जाने की योजना का भी जिक्र करता है.
बुधवार को प्रसारित किए गए वीडियो में 34 वर्षीय डेनमैन ने कहा कि उन्हें काराकस लौटने से पहले कोलंबिया में वेनेजुएला के लोगों को ट्रेनिंग करने के लिए भर्ती किया गया था और मदुरो को देश से बाहर ले जाने के लिए एक एयरपोर्ट पर कब्जा करने के लिए भी कहा गया था.
स्पेशल ऑपरेशन फोर्सेज के पूर्व सदस्य डेनमैन ने कहा, मैं वेनेजुएला के लोगों की देश पर वापस नियंत्रण स्थापित करने में मदद कर रहा था. डेनमैन ने कहा कि उन्हें और एरन बेरी को इस ऑपरेशन के लिए अमेरिकी मिलिट्री के सैनिक जॉर्डन गुड्रो ने भर्ती किया था.
वेनेजुएला ने कहा कि वह ऑपरेशन में गुड्रो का नाम सामने आने के बाद उसके प्रत्यर्पण की मांग करेगा. राष्ट्रपति मदुरो के मुताबिक, अमेरिकियों ने विपक्ष के नेता जुआन गुएडो के साथ एक समझौता किया है जिसको अमेरिका और तमाम यूरोपीय देश वेनेजुएला का वैध नेता मानते हैं. मदुरो ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि डोनाल्ड ट्रंप इस हमले के प्रमुख कर्ता-धर्ता हैं. वेनेजुएला के राष्ट्रपति ने कहा कि गिरफ्तार किए गए अमेरिकियों का ट्रायल उचित और पारदर्शी तरीके से होगा.
हालांकि, पकड़े गए अमेरिकी नागरिकों के बारे में अभी तक ज्यादा जानकारी सामने नहीं आई है. वेनेजुएला की सेना का दावा है कि दोनों अमेरिकी सुरक्षा बल के सदस्य हैं. अमेरिकी मीडिया का कहना है कि दोनों अमेरिका के पूर्व सैनिक हैं लेकिन अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है. काराकस ने बयान में कहा है कि दो अमेरिकियों के अलावा 11 अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है और कथित तख्तापलट के ऑपरेशन के दौरान 8 सशस्त्र लोगों को मार गिराया गया.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिकी नागरिक गुड्रो कई बार वेनेजुएला के विपक्षी नेता गुएडो से अतीत में जुड़े होने का दावा कर चुके हैं. हालांकि, सोमवार को गुएडो ने कहा कि उनका अमेरिकी नागरिक से कोई लेना-देना नहीं है. एक बयान में उन्होंने कहा कि अमेरिकी सेना के वरिष्ठ सदस्य के किसी भी ऐक्शन से उनका ना तो कोई संबंध है और ना ही कोई जिम्मेदारी. उन्होंने साथ ही मदुरो पर आरोप लगाया कि वह हालिया गैंगवार की घटना और जेल में हुए दंगों से लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं. वेनेजुएला की वर्तमान सरकार और अमेरिका के बीच लंबे वक्त से टकराव की स्थिति बनी हुई है. अमेरिका ने वेनेजुएला की सरकार पर दबाव बनाने के लिए तमाम तरह के आर्थिक प्रतिबंध भी लागू कर रखे हैं. इन आर्थिक प्रतिबंधों की वजह से उसकी अर्थव्यवस्था की हालत भी खराब है.