उज्बेकिस्तान की राजधानी ताशकंद में आयोजित सेंट्रल एंड साउथ एशिया कनेक्टिविटी कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तान को कई मोर्चों पर सवालों का सामना करना पड़ा. एक तरफ तालिबान की मदद के करने के आरोप पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को सफाई देनी पड़ी तो ट्रांजिट ट्रेड को लेकर भारत ने भी पड़ोसी मुल्क को घेरा. ट्रांजिट ट्रेड के मसले पर भारत को उज्बेकिस्तान का भी साथ मिला और अफगानिस्तान से व्यापारिक रास्ता देने के लिए पाकिस्तान पर दवाब डाला.
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कॉन्फ्रेंस में भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर मौजूद थे जिन्होंने अपने भाषण में पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए ट्रांजिट ट्रेड में दिक्कतों का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि आर्थिक विकास, समृद्धि, शांति और सुरक्षा का रिश्ता एक दूसरे से गहराई से जुड़ा हुआ है.
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हालांकि जयशंकर ने सीधे चीन-पाकिस्तान का उल्लेख किए बिना कोरोना संकट के बाद "वन-वे" व्यापार की समस्याओं में लचीले सप्लाई चेन की आवश्यकता पर जोर दिया. इस बैठक में रूस, चीन के विदेश मंत्रियों और अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ और ईरान सहित लगभग 40 देशों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया.
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जयशंकर ने वाघा सीमा के जरिये अफगानिस्तान से भारतीय व्यापार की अनुमति देने से पाकिस्तान के इनकार के संदर्भ में कहा कि इस तरह रास्ता रोकने से किसी को कोई फायदा नहीं होता है. व्यापार अधिकारों और दायित्वों का एकतरफा दृष्टिकोण कभी काम नहीं कर सकता. कोई भी अहम कनेक्टिविटी कभी भी एकतरफा नहीं हो सकती है.
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चाबहार बंदरगाहः इस दौरान जयशंकर ने ईरान के चाबहार बंदरगाह के लिए एक भूमि मार्ग के लिए भारत के प्रयासों की भी बात की. इसे भारत अब समुद्र तक एक "सुरक्षित, व्यवहार्य और निर्बाध" वैकल्पिक पहुंच के रूप में बढ़ावा दे रहा है.
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इस बीच, उज्बेकिस्तान और भारत ने सम्मेलन के दौरान चाबहार पर काम करने के लिए भारत-उज्बेकिस्तान-ईरान-अफगानिस्तान क्वाडिलेट्रेल वर्किंग ग्रुप गठन का ऐलान किया. हालांकि, उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शौकत मिर्जियोयेव ने कहा कि टर्मेज़-मज़ार-ए-शरीफ़-पेशावर रेलमार्ग "कनेक्टिविटी" का प्रमुख हिस्सा होगा, जिसे भारत तब तक रोक सकता है जब तक कि पाकिस्तान ट्रांजिट ट्रेड रूट के लिए जमीनी मार्ग को फिर से नहीं खोल देता है.
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चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव का परोक्ष संदर्भ देते हुए जयशंकर ने कहा कि कनेक्टिविटी का निर्माण अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप होना चाहिए. चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) का जिक्र करते हुए जयशंकर ने कहा, "संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना अंतरराष्ट्रीय संबंधों के सबसे बुनियादी सिद्धांत हैं.' सीपीईसी पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से होकर गुजर रहा है.
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RSS पर बिफरे इमरान खानः पाकिस्तान के पीएम इमरान खान भारत-पाक संबंधों के बेपटरी होने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की विचारधारा को जिम्मेदार ठहराया. कॉन्फ्रेंस के बाद न्यूज एजेंसी एएनआई के सवाल पर इमरान खान ने कहा कि आरएसएस की विचारधारा भारत-पाकिस्तान संबंधों के बीच बड़ी बाधा है.
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भारत के साथ बातचीत पर पाकिस्तान के रुख के बारे में पूछे जाने पर प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा, "हम भारत को यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि हम लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं... हम सभ्य पड़ोसियों की तरह रहते हैं, लेकिन रास्ते में आरएसएस की विचारधारा आ जा रही है."
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ताशकंद में तालिबान के मसले पर अफगानिस्तान ने पाकिस्तान को घेरा. अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा कि पाकिस्तान ने आतंकी गुटों के साथ अपने संबंध नहीं तोड़े हैं. इससे नाराज इमरान खान ने कहा कि अशरफ गनी के आरोप अनुचित हैं. तालिबान को लेकर विवाद इतना बढ़ा कि पाकिस्तान ने इस्लामाबाद में आयोजित होने वाले 'अफगान पीस कॉन्फ्रेंस' को रद्द कर दिया.
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