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अमेरिका और इजरायल में तनातनी, अब किस करवट जाएगा संकट

aajtak.in
  • वेस्ट बैंक,
  • 27 मई 2021,
  • अपडेटेड 8:18 AM IST
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अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने इजरायल-हमास के बीच संघर्ष के बाद बुरी तरह से तबाह गाजा की मदद का आश्वासन दिया है. मध्य पूर्व की अपनी यात्रा के दौरान ब्लिंकन ने फिलिस्तीन को अतिरिक्त मदद मुहैया कराने, यरुशलम में फिर से वाणिज्य दूतावास खोलने और इजरायल के पक्ष में पिछले अमेरिकी प्रशासन के रुख से अलग संबंधों को बहाल करने पर जोर दिया. ब्लिंकन के इस रुख से इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू नाखुश दिखे. ब्लिंकन के साथ साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी नेतन्याहू की नाराजगी साफ दिखी.

असल में, इज़रायल और हमास के चरमपंथियों के बीच 11-दिन चले संघर्ष से हुई मौतों, मलबे में तब्दील हो चुकी इमारतों की तस्वीर इजरायल और फिलिस्तीनियों दोनों के दिमाग में अब भी ताजा हैं. ऐसे में अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की ये पहल अमेरिका की तटस्थ भूमिका को स्थापित करने की कोशिश है. 

(फोटो-ट्विटर/@SecBlinken)

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पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों से इतर बाइडन प्रशासन फिलिस्तीन की मदद के लिए आगे आया है. तत्कालीन ट्रंप प्रशासन ने फिलिस्तीन प्राधिकरण से राजनीतिक संवाद और फिलिस्तीनियों को मिलने वाली मदद को बंद कर दिया था, लेकिन इससे अलग रुख अपनाते हुए बाइडन प्रशासन ने फिलिस्तीन की मदद का फैसला किया है. यह अमेरिका की नीति में तेजी से आए बदलाव को दिखाता है. लेकिन इसमें बड़े जोखिम भी हैं. बाइडन प्रशासन का कहना है कि वह गाजा पट्टी में पुनर्निर्माण को बढ़ावा देने के लिए आर्थिक मदद करेगा जिस पर हमास का कब्जा है. हमास एक चरमपंथी गुट है जिसे अमेरिका, इज़रायल और कई अन्य देश आतंकवादी संगठन मानते हैं.

(फोटो-AP)

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न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, फिलिस्तीनियों के साथ संबंधों को फिर से बहाल करने से मध्य पूर्व में अमेरिका ने अपने सबसे विश्वसनीय सहयोगी इजरायल को नाराज करने का खतरा मोल ले लिया है. इजरायल के नेता पहले से ही ईरान के साथ परमाणु समझौते में फिर से शामिल होने के बाइडन प्रशासन के प्रयासों को लेकर चिंतित हैं. इजरायल ईरान के परमाणु कार्यक्रम का लंबे समय से विरोध करता रहा है. 

(फोटो-AP)

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ब्लिंकन ने यरुशलम और रामल्लाह में एक दिन में कई बैठकें कीं. इस दौरान वह बार बार हमास और इज़रायल के बीच संघर्ष में नागरिकों की दुखद मौतों पर जोर देते रहे. ब्लिंकन ने फिलिस्तीनी नेता महमूद अब्बास से वेस्ट बैंक में राष्ट्रपति कार्यालय में मुलाकात के बाद कहा, "फिलिस्तीनी लोगों की आकांक्षाएं भी अन्य लोगों की तरह ही हैं. इन आकांक्षाओं को साकार करने के लिए फिलिस्तीनी लोगों के साथ काम करने के लिए अमेरिका प्रतिबद्ध है."

(फोटो-ट्विटर/@SecBlinken)

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ब्लिंकन ने ऐलान किया कि अमेरिकी विदेश विभाग 2019 में ट्रंप प्रशासन की तरफ से बंद किए गए फिलिस्तीनी मामलों को संभालने के लिए यरुशलम में एक अमेरिकी वाणिज्य दूतावास को फिर से खोलेगा. इसके अलावा अमेरिका, वेस्ट बैंक और गाजा के विकास को लेकर फिलिस्तीन को अतिरिक्त 112 मिलियन डॉलर की मदद भेजेगा. उन्होंने कहा कि ट्रंप प्रशासन में की गई कटौती को रद्द करते हुए राष्ट्रपति बाइडन ने पिछले महीने से 360 मिलियन डॉलर से अधिक की सहायता मुहैया कराई है. फिलिस्तीनी नेता महमूद अब्बास ने इजरायल के साथ हालिया विवादों को शांत करने में अमेरिका की सक्रिय भूमिका को लेकर ब्लिंकन का आभार जताया. महमूद अब्बास ने कहा, "हमें उम्मीद है कि भविष्य राजनयिक और राजनीतिक प्रयासों से भरा होगा."  

(फोटो-AP)

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शांति के लिए जोर देते हुए बाइडन प्रशासन इजरायल के साथ अपने रिश्ते को लेकर भी खासा सजग रहा है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में अमेरिका इकलौता देश था जिसने हमास के साथ संघर्ष में इजरायल को दोषी करार देने को लेकर जारी किए जाने वाले प्रस्ताव को रोका. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने सार्वजनिक रूप से हमास के साथ संघर्ष में इजरायल के 'आत्मरक्षा' के हक की वकालत की.

(फोटो-AP)

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फिलिस्तीनी नेता महमूद अब्बास से मिलने से कुछ घंटे पहले ब्लिंकन इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मिले, जिन्होंने हमास के खिलाफ लड़ाई में समर्थन के लिए बाइडन प्रशासन को धन्यवाद दिया. हालांकि इस दौरान नेतन्याहू ब्लिंकन को पूर्व के ट्रंप प्रशासन की इजरायल को समर्थन देने वाली नीति को याद दिलाने से भी नहीं चूके. इसमें ईरान परमाणु समझौते को खत्म करना, और चार अरब देशों के साथ इजरायल के राजनयिक संबंधों को बहाल करना शामिल है. 

(फोटो-AP)
 

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हाल ही में अमेरिका और ईरान के बीच 2015 के परमाणु समझौते को बहाल करने की दिशा में वार्ता हुई है. नेतन्याहू सहित तमाम इजरायली नेता चाहते हैं कि अमेरिका किसी भी नए समझौते पर हस्ताक्षर करने से पहले ईरान के परमाणु, मिसाइल और सैन्य कार्यक्रमों पर सख्ती लगाए रखे. अमेरिका से नए समझौते के बाद ईरान के लिए परमाणु कार्यक्रम को आगे बढ़ाने का रास्ता खुल जाएगा. ईरान के साथ परमाणु समझौते पर नेतन्याहू का कहना है कि इज़रायल को अपना बचाव करने का अधिकार है. इस बात पर सहमत होते हुए कि तेहरान को परमाणु हथियार बनाने से रोका जाना चाहिए ब्लिंकन ने नेतन्याहू की बात पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. हां इतना जरूर संकेत दिया कि बाइडन प्रशासन ईरान परमाणु समझौते को लेकर इज़रायल के साथ विचार-विमर्श करना जारी रखेगा.

(फोटो-Getty Images)

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हमास और इजरायल के बीच संघर्षविराम के बाद अमेरिकी विेदेश मंत्री की मध्यपूर्व की यह पहली यात्रा थी. लेकिन नेतन्याहू ने साफ कर दिया कि यदि हमास कोई भी नया हमला करता है तो इजरायल 'बहुत ही ताकत' के साथ जवाब देने के लिए तैयार है. इजरायल और हमास के संघर्ष की वजह से गाजा में कम से कम 77,000 लोगों को अपना घर छोड़ने को मजबूर होना पड़ा है. इस दौरान गाजा में हजारों लोगों को बिजली और पीने के साफ पानी की किल्लत का सामना करना पड़ा. 

(फोटो-AP)

 

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इजरायल पहुंचे ब्लिंकन ने फिलिस्तीन की मदद के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग का आह्वान किया. ब्लिंकन पश्चिम एशिया के अपने दौरे के शुरुआती चरण के तहत इजराइल पहुंचे थे. अमेरिकी विदेश मंत्री की इस यात्रा का मकसद गाजा संघर्षविराम को प्रोत्साहित करना है. ब्लिंकन ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात के बाद कहा कि अमेरिका तटीय क्षेत्र में पैदा हुए गंभीर मानवीय संकट के समाधान के लिए काम करेगा. हालांकि, उन्होंने यह भी भरोसा दिया कि अमेरिका गाजा के हमास शासकों को इस पुननिर्माण सहायता से कोई फायदा नहीं उठाने देगा.


(फोटो-ट्विटर/@SecBlinken)


 

 

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हालांकि, हमास और फिलीस्तीनी प्राधिकरण तगड़े राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी हैं. यह सुनिश्चित नहीं है कि चरमपंथी गाजा पर अपनी किसी भी पकड़ को कमजोर करना चाहेंगे. न्यूयॉर्क टाइम्स से बातचीत में वेस्ट बैंक में बिरजीत विश्वविद्यालय के एक राजनीतिक वैज्ञानिक घासन खतीब का कहना है कि, "हमास नहीं चाहता कि फिलिस्तीनी प्राधिकरण का गाजा पर प्रभाव हो.” 

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बहरहाल, फ़िलिस्तीनी लोगों की मदद करने पर ब्लिंकन के ज़ोर देने से यह सवाल भी उठा कि क्या ट्रंप या किसी अन्य रिपब्लिकन ने तीन साल में राष्ट्रपति पद जीत लिया, तो क्या मध्य पूर्व पर अमेरिकी नीति फिर से बदल जाएगी? अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने इसी सप्ताह एक नागरिक की हैसियत से इजरायल का दौरा किया था. वह इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के निदेशक योसी कोहेन के लिए आयोजित रिटायर्मेंट कार्यक्रम में शामिल होने तेल अवीव पहुंचे थे. बाइडन प्रशासन की विदेश नीति के मुखर आचोलक पोम्पियो भविष्य में राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन उम्मीदवार माने जा रहे हैं. 

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हालांकि ब्लिंकन ने शेख जर्राह से फिलिस्तीनियों की बेदखली, अल-अक्सा मस्जिद के आसपास सुरक्षा को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की. जबकि हमास और इजरायल में शेख जर्राह से फिलिस्तीनियों की बेदखली, अल-अक्सा मस्जिद में झड़प के बाद ही संघर्ष शुरू हुआ था. हां ये जरूर था कि उन्होंने फिर से हिंसा न करने की हिदायत दी.

(फोटो-AP)

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फिर भी गाजा के पुनर्निर्माण और फिलिस्तीन के साथ अमेरिका के राजनयिक रिश्तों को बहाल करने के बाइडन प्रशासन के प्रयासों पर थोड़ा संदेह हो रहा है क्योंकि ब्लिंकन ने दोनों पक्षों के बीच ज्वलंत मु्द्दों पर कोई टिप्पणी नहीं की. अगर बाइडन प्रशासन अल-अक्सा मस्जिद और शेख जर्राह से फिलिस्तीनियों की बेदखली पर बात नहीं करता है तो फिर से हिंसा भड़क सकती है.

(फोटो-AP)
 

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