सऊदी अरब में तख्तापलट की साजिश रचने के आरोप में चार राजकुमारों की गिरफ्तारी के बाद सऊदी किंग सलमान की नई तस्वीर जारी की गई है. दरअसल, सऊदी किंग सलमान के भाई और उनके भतीजों की रविवार को हुई गिरफ्तारी के बाद सऊदी किंग के स्वास्थ्य को लेकर अफवाहें उड़ने लगी थीं.
सऊदी रॉयल कोर्ट द्वारा जारी की गई तस्वीरों में 84 वर्षीय किंग सलमान तमाम राजदूतों से मिलते और कुछ पत्र पढ़ते नजर आ रहे हैं. इन तस्वीरों से यह दावा भी गलत साबित हो गया कि प्रिंस अहमद बिन अब्दुल अजीज और प्रिंस मोहम्मद बिन नायेफ की गिरफ्तारी की वजह क्राउन प्रिंस के राजगद्दी संभालने की तैयारी है.
ये तस्वीरें गिरफ्तार किए गए दो अन्य राजकुमारों की रिहाई के बाद सामने आई हैं. सूत्रों के मुताबिक, प्रिंस अब्दुल अजीज बिन सउद बिन नायेफ और प्रिंस सऊद नायेफ से रॉयल कोर्ट में पूछताछ की गई. सऊदी अधिकारियों ने रविवार को भी बयान में कहा कि इन गिरफ्तारियों से राजगद्दी के उत्तराधिकारी के खिलाफ तख्तापलट की शुरुआती कोशिशें नाकाम हो गईं. बता दें कि सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने खुद अपने रिश्तेदारों की गिरफ्तारी के आदेश दिए थे. क्राउन प्रिंस को ही सऊदी के वास्तविक शासक के तौर पर देखा जाता है जिनके पास रक्षा से लेकर अर्थव्यवस्था तक सभी अहम विभागों की जिम्मेदारी है.
अधिकारियों का कहना है कि किंग सलमान ने अरेस्ट वॉरंट पर खुद हस्ताक्षर किए थे. सऊदी किंगडम के दो वरिष्ठ सदस्यों के खिलाफ क्राउन प्रिंस का यह कदम काफी हैरान करने वाला है क्योंकि इनमें से एक प्रिंस अहमद, किंग सलमान के इकलौते जीवित सगे भाई हैं.
दोनों प्रिंस को ही क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के राजगद्दी के उत्तराधिकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती के तौर पर देखा जाता रहा है. तमाम कारोबारी हस्तियां और विरोधी पहले ही 34 वर्षीय क्राउन प्रिंस के रास्ते से हट चुके हैं.
सऊदी किंग सलमान अपने बेटे को लगातार अपना समर्थन देते रहे हैं. हालांकि, कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि राजमहल के अंदर सत्ता के लिए रस्साकशी देखने को मिल रही है जिसमें क्राउन प्रिंस सलमान बाजी मारते नजर आ रहे हैं.
सऊदी के विश्लेषकों और क्षेत्रीय अधिकारी अभी तक अचानक हुई इन गिरफ्तारियों को लेकर हैरान हैं. सूत्रों के मुताबिक, हिरासत में लिए गए राजकुमारों ने अपने परिवारों से फोन पर बातचीत की और बताया कि उन्हें प्राइवेट विला में रखा गया है.
प्रिंस अहमद ने सार्वजनिक रूप से पेश होने के लिए पहने जाने वाले अंगवस्त्र (रोब) की भी मांग की थी. उनकी इस अपील से यह कयास भी लगाए जाने लगे कि वह जल्द ही कोई बयान जारी कर सकते हैं. गिरफ्तारियों के बाद अन्य वरिष्ठ राजकुमारों को भी सार्वजनिक तौर पर क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के लिए अपना समर्थन जाहिर करने का आदेश दिया गया था. तीन राजकुमारों ने ट्विटर पर ऐसा किया भी.
क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान उर्फ एमबीएस राजगद्दी को लेकर अपनी दावेदारी मजबूत कर चुके हैं और वह प्रभावपूर्ण तरीके से शासन भी संभाल रहे हैं. उन्हें अपने पिता की कुर्सी लेने की कोई जल्दबाजी नहीं है लेकिन राजशाही के वरिष्ठ सदस्यों और खाड़ी देशों के कुछ परिवारों का दावा है कि क्राउन प्रिंस राजगद्दी के लिए बेसब्र हैं.
पश्चिम के एक अधिकारी के मुताबिक, कुवैत के नेताओं ने कभी क्राउन प्रिंस के लिए गर्मजोशी नहीं दिखाई, अमीराती निराश हैं और यमन को लेकर अलग राह पर हैं, वहीं कतर को लगता है कि वे क्राउन प्रिंस से निपट सकते हैं. तमाम पड़ोसी यह सुनिश्चित करने में लगे हुए हैं कि क्राउन प्रिंस की राजगद्दी तक की राह आसान ना हो.
किंगडम के बाहर के विरोधियों का दावा है कि प्रिंस अहमद और मोहम्मद बिन
नायेफ की गिरफ्तारी के बाद आने वाले वक्त में किंग सलमान हाशिए पर आ
जाएंगे.
हालांकि, सऊदी किंग नवंबर महीने में रियाद में होने वाली जी-20 समिट तक
राजगद्दी पर बने रहना चाहते हैं. सऊदी अरब के लिए यह समिट कट्टरपंथ की
बेड़ियों को तोड़ने की दिशा में एक अहम पड़ाव भी होगा.
गार्जियन से बातचीत में कुछ सूत्रों ने कहा, पूरे सप्ताह का घटनाक्रम बेहद संदेहास्पद है और अभी तक कुछ स्पष्ट नहीं हो सका है.