अस्पतालों में बेड के साथ-साथ ऑक्सीजन की कमी ने भारत में कोरोना संकट को विकराल बना दिया है. भारत के कई शहरों में ऑक्सीन की किल्लत सामने आई है. ऑक्सीजन की कमी का आलम यह है कि दिल्ली के दो अस्पतालों में बेड्स की संख्या कम कर दी गई. ऐसा इसलिए किया गया है कि ऑक्सीजन न होने की वजह से मरीजों का इलाज कठिन होगा, लिहाजा दिल्ली के दो अस्पतालों में बेड्स की संख्या घटा दी गई है. इस संकट में रूस ने मदद का प्रस्ताव दिया है.
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असल में, दिल्ली में बगैर ऑक्सीजन के जयपुर गोल्डन अस्पताल में 25 लोगों ने दम तोड़ दिया. इसलिए क्योंकि देश की राजधानी दिल्ली में 25 कोरोना संक्रमितों को ऑक्सीजन नहीं मिली. मुर्दाघरों में जगह कम पड़ गई है, श्मशानों में कतारें लगी हैं, कब्रिस्तानों में जगह कम पड़ गई है...और ये सब सिर्फ इसलिए नहीं है कि कोरोना से लोग मर रहे हैं, बल्कि इसलिए है कि बगैर इलाज के लोग मर रहे हैं. क्योंकि अस्पतालों में ऑक्सीजन की किल्लत बढ़ गई है.
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भारत में शनिवार को कोरोना के 3,46,786 नए मामले सामने आए जिससे संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1,66,10,481 पहुंच गई. स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक भारत में कोरोना के एक्टिव केसों की संख्या 25 लाख को पार कर चुकी है. जानलेवा वायरस के चलते 24 अप्रैल को 2,624 लोगों की जान चली गई. इसके साथ भी भारत में कोविड की चपेट में आकर जानगंवाने वालों की संख्या 1,89,544 हो चुकी है. (फोटो-PTI)
बहरहाल, भारत में ऑक्सीजन की कमी होने की वजह से हाहाकार मचा हुआ है. इस बीच, रूस ने भारत को कोरोना संकट से निपटने का प्रस्ताव दिया है. सूत्रों ने बताया कि भारत रूस से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स और टैंकों की खरीदने के बारे में सोच रहा है. अगर यह प्लान अमल में लाया जा सका तो इस संकट की घड़ी में ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे भारत को काफी राहत मिलेगी.
रूस की तरफ से मदद का प्रस्ताव ऐसे समय आया है जब सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के अनुरोध के बावजूद अमेरिका ने वैक्सीन के लिए कच्चे माल के निर्यात पर पाबंदी हटाने की मांग पर चुप्पी अख्तियार किए हुए हैं. हालांकि अमेरिका ताकतवर लॉबी ने बाइडन प्रशासन पर भारत की मदद करने का दबाव बढ़ाना शुरू कर दिया है.
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ऑक्सीजन मुहैया कराने का रूस की मदद का प्रस्ताव इसलिए भी अहम है क्योंकि इसके चलते अस्पताल मदद की गुहार लगाने के लिए कोर्ट पहुंचने लगे हैं. दिल्ली के चार अस्पताल हाई कोर्ट पहुंच गए और ऑक्सीन के लिए मदद की गुहार लगाई. (फाइल फोटो-PTI)
बहरहाल, रूस से पहले चीन भी भारत को कोरोना संकट से निपटने का प्रस्ताव दे चुका है. चीन कोरोना की दूसरी लहर से परेशान भारत को मदद मुहैया कराने को तैयार है. चीन ने गुरुवार को कहा था कि वह भारत को कोरोना के प्रसार को रोकने में मदद करने और मेडिकल सप्लाई करने के लिए तैयार है. कोरोना के नए स्ट्रेन के चलते भारत में मेडिकल ढांचा चरमराने लगा है. लिहाजा, चीन ने मदद के लिए आगे आने की हामी भरी है.
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भारत में महामारी की स्थिति पर एक सवाल के जवाब में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा था कि चीन मदद के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस मानवजाति का दुश्मन है. इस महामारी से निपटने के लिए पूरी दुनिया को एकजुट होने की जरूरत है.
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वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कोरोना से निपटने के लिए भारतीय लोगों के साथ एकजुटता प्रदर्शित की. इमरान खान ने कहा कि हमें इस वैश्विक चुनौती का मुकाबला मानवता के साथ मिलकर करना चाहिए. इमरान खान ने ट्वीट किया, हमारे पड़ोसी मुल्क सहित दुनियाभर भर में जहां भी लोग कोरोना के चलते बीमार हैं, उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं. भारत के लोग कोरोना की खतरनाक लहर का सामना कर रहे हैं. मैं उनके प्रति एकजुटता प्रदर्शित करता है. हमें मानवता को चुनौती देने वाली इस बीमारी से एक साथ मिलकर लड़ना है.
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