अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन इसी महीने क्लाइमेंट चेंज को लेकर वर्चुअल समिट कर रहे हैं जिसमें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत साउथ एशिया से बांग्लादेश और भूटान सहित अन्य देशों के प्रमुखों को आमंत्रित किया गया है. लेकिन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को इसके लिए आमंत्रित नहीं किया गया है. पाकिस्तान की इस उपेक्षा को लेकर ये भी कहा जा रहा है कि अब अमेरिका के लिए पाकिस्तान की अहमियत कम हो चुकी है. पाकिस्तान की अवाम, सिविल सोसाइटी के लोग और पत्रकार भी इसे लेकर नाराजगी जाहिर कर रहे हैं. (फाइल फोटो)
बाइडेन ने 22 और 23 अप्रैल को होने वाले क्लाइमेट चेंज पर अपनी सरकार के पहले शिखर सम्मेलन में पाकिस्तान की उपेक्षा की है. इससे पाकिस्तान आहत महसूस कर रहा है. पाकिस्तान के अखबार ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडेन ने इस समिट में 40 देशों के नेताओं का आमंत्रित किया है जिनमें दक्षिण एशिया से भारत, बांग्लादेश और भूटान भी शामिल हैं. (फाइल फोटो-PTI)
अमेरिकी प्रशासन की तरफ से जारी बयान के अनुसार, पर्यावरण को लेकर राष्ट्रपति के विशेष दूत जॉन कैरी 1 से 9 अप्रैल के दौरान अबू धाबी, नई दिल्ली और ढाका की यात्रा करेंगे. वह इस दौरान समिट से पहले इन देशों से राय मशविरा करेंगे. अमेरिकी दूत इस वर्ष के अंत में जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन को लेकर भी इन देशों से चर्चा करेंगे. लेकिन अमेरिकी दूत जॉन कैरी की यात्रा में भी पाकिस्तान का जिक्र नहीं आया है. (फाइल फोटो-PTI)
व्हाइट हाउस की तरफ से बीते शुक्रवार को जारी बयान के मुताबिक, वर्चुअल समिट को रूस, चीन, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, इंडोनेशिया, जर्मनी, इजरायल, कनाडा, जापान, इटली, केन्या, मैक्सिको, डेनमार्क, कोलंबिया, कांगो, चिली, जमैका और अन्य देशों के नेता संबोधित करेंगे. लेकिन बाइडेन के इस कार्यक्रम के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को आमंत्रित न किए जाने से पाकिस्तान के लोग हैरान हैं. (फाइल फोटो-PTI)
अमेरिका की इस अनदेखी से कई पाकिस्तानियों ने सोशल मीडिया पर हैरानी जाहिर की है, कई पाकिस्तानी पत्रकारों ने कमेंट्स किए हैं. पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार कामरान युसूफ ने ट्वीट किया, "ये फैसला चौंकाने वाला नहीं है, कुछ दिन पहले ही अमेरिका के पूर्व राजदूत ने बयान दिया था कि पाकिस्तान ने अमेरिकी नेतृत्व के बीच अपनी अहमियत खो दी है." (फाइल फोटो-PTI)
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दक्षिण एशियाई मामलों के विशेषज्ञ माइकल कुगेलमैन ने ट्वीट किया, "पहले पाकिस्तान को जलवायु परिवर्तन को लेकर होने वाली समिट के लिए व्हाइट हाउस ने न्योता नहीं भेजा और अब अमेरिकी विशेष दूत जॉन केरी समिट से पहले परामर्श लेने के लिए भारत और बांग्लादेश जा रहे हैं. कुगेलमैन ने लिखा, ऐसा लगता है कि आमंत्रित किए जाने का मुख्य क्राइटेरिया अमेरिका के नजदीक सहयोगी देश, प्रदूषण फैलाने वाले बड़े देश और क्लाइमेट चेंज के मामले में संवेदनशील होना है. माइकल कुगेलमैन ने कहा कि पाकिस्तान को इसके लिए आमंत्रित किया जाना चाहिए था क्योंकि यह दुनिया में क्लाइमेंट चेंज को लेकर संवेदनशील देशों में शामिल हैं.
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पाकिस्तान के पीएम के विशेष सहयोगी मलिक अमीन असलम से जब इसे लेकर सवाल किया गया तो वो टालमटोल करते हुए नजर आए. उनका कहना था कि शिखर सम्मेलन में उन्हीं देशों को बुलाया गया है जो दो कैटेगरी में आते हैं लेकिन पाकिस्तान उनमें से किसी कैटेगरी में नहीं आता है. हालांकि, पत्रकारों के सवाल किए जाने पर वह उस कैटेगरी की व्याख्या नहीं कर सके. (फाइल फोटो-PTI)
बहरहाल, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे. ऊर्जा और जलवायु पर अमेरिका के नेतृत्व वाले मेजर इकोनॉमीज़ फोरम का पुनर्गठन किया गया है, जो वैश्विक उत्सर्जन और जीडीपी के लगभग 80% के लिए जिम्मेदार देशों के नेताओं को एक साथ लाने की कोशिश करेगा. पाकिस्तान की सरकार ने समिट में ना बुलाए जाने को लेकर कहा कि वह क्लाइमेंट चेंज से प्रभावित होने वाले 10 देशों में से है लेकिन वह कॉर्बन का कम उत्सर्जन करता है. (फाइल फोटो-PTI)
पाकिस्तान जलवायु परिवर्तन से सबसे अधिक प्रभावित देशों में से एक है. ग्लोबल क्लाइमेट रिस्क इंडेक्स के अनुसार, क्लाइमेट चेंज के लिहाज से पाकिस्तान पांचवां सबसे संवेदनशील देश है. पाकिस्तान के कई एक्सपर्ट्स कहते हैं कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार के मुख्य मुद्दों में जलवायु परिवर्तन भी रहा है. पीएम इमरान खान ने पर्यावरण संरक्षण के लिए कई उपायों के अलावा बिलियन ट्री सुनामी परियोजना की शुरुआत भी की है. ऐसे में, पाकिस्तान को समिट में ना बुलाया जाना किसी झटके से कम नहीं है. (फाइल फोटो-PTI)