पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान कश्मीर मुद्दे पर पूरी तरह से हार मान चुके हैं. पाकिस्तानी पीएम इमरान ने एक इंटरव्यू में कहा है कि भारत में मोदी सरकार के रहते हुए कश्मीर समस्या को लेकर कोई उम्मीद नहीं है.
इमरान खान ने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान कश्मीर का समाधान नहीं हो सकता है क्योंकि राष्ट्रीय स्वयंसेवक-नरेंद्र मोदी सरकार नाजी और हिटलर की विचारधारा का अनुसरण कर रही है.
बेल्जियम के टीवी नेटवर्क वीआरटी को दिए एक इंटरव्यू में इमरान खान ने कहा, मुझे इस सरकार से बहुत उम्मीद नजर नहीं आ रही है लेकिन भविष्य में एक मजबूत भारतीय नेतृत्व कश्मीर समस्या का समाधान जरूर निकालना चाहेगा.
इमरान ने कहा, भारतीय नेता जवाहर लाल नेहरू ने आजादी के आंदोलन के दौरान कश्मीरियों से आत्म-संकल्प के अधिकार का वादा किया था लेकिन भारत अब उन्हें ये अधिकार नहीं दे रहा है क्योंकि वे जानते हैं कि अगर कश्मीरियों को ये अधिकार दिया गया तो वे पाकिस्तान को चुनेंगे. कश्मीर मुस्लिम बहुल क्षेत्र है.
उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि अगर भारत में मजबूत और स्पष्ट सोच वाला नेतृत्व आएगा तो इस समस्या का समाधान हो जाएगा. हर समस्या का समाधान निकाला जा सकता है.
अफगानिस्तान में शांति वार्ता को लेकर इमरान खान ने कहा कि वह अमेरिका और तालिबान के बीच संभावित समझौते को लेकर आशान्वित हैं. इमरान ने कहा, पहली बार चीजें सही दिशा में जा रही हैं, अमेरिकी तालिबान के साथ शांति और वार्ता चाहते हैं और तालिबान अमेरिकियों के साथ बातचीत कर रहे हैं. इसके बाद सीजफायर की तरफ कदम आगे बढ़ाए जाएंगे होगा और फिर अगले चरण में तालिबान अफगान सरकार के साथ बैठकर बात करेगा.
इमरान खान ने कहा कि जब से उनकी सरकार सत्ता में आई है, अफगानिस्तान में शांति बहाली के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी गई. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि अफगानिस्तान में 19 साल के लंबे संघर्ष की वजह से सब कुछ इतना आसान भी नहीं है. इमरान ने कहा, मैं यह देखकर खुश हूं कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के तौर पर मेरे कार्यकाल का पहला साल 9/11 हमले के बाद सबसे सुरक्षित साल रहा.