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हमास से समझौते पर अपने ही देश में घिरे इजरायली पीएम नेतन्याहू, सांसद बोले- घुटने टेक दिए

aajtak.in
  • तेल अवीव,
  • 21 मई 2021,
  • अपडेटेड 11:05 AM IST
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इजरायल-फिलिस्तीन के बीच 11 दिन चले संघर्ष के बाद गुरुवार रात को सीजफायर का ऐलान कर दिया गया. संघर्षविराम की घोषणा के बाद फिलिस्तीन में जश्न का माहौल है. सीजफायर लागू होने के बाद गाजा सिटी में फिलिस्तीनी सड़कों पर निकल आए और जश्न मनाया. हमास ने इसे अपनी जीत बताया है. लेकिन सीजफायर को लेकर इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू अपने ही देश में घिर गए हैं. बेंजामिन नेतन्याहू के कुछ करीबी राजनीतिक सहयोगियों सहित कई दक्षिणपंथी सांसदों ने उन्हें हमास के साथ संघर्षविराम को लेकर आगाह किया है. 

(फोटो-AP)
 

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प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के सुरक्षा मंत्रिमंडल ने गाजा पट्टी में 11 दिनों के सैन्य अभियान को रोकने के लिए एकतरफा संघर्ष विराम को मंजूरी दी है. इजरायली कैबिनेट ने इसकी पुष्टि की है. असल में, नेतन्याहू ने गाजा में चल रहे सैन्य अभियानों के साथ-साथ विदेशी नेताओं की तरफ से सीजफायर के लिए राजनयिक प्रयासों पर चर्चा करने के लिए गुरुवार शाम को उच्च-स्तरीय सुरक्षा कैबिनेट की बैछक बुलाई. बैठक में कैबिनेट के मंत्रियों ने संघर्षविराम प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया.

(फोटो-Getty Images)

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टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के मुताबिक, कैबिनेट में मतदान से पहले न्यू होप के नेता गिदेयोन सार ने नेतन्याहू सरकार की सीजफायर की योजना की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि सीजफायर हमास और अन्य 'आतंकी गुटों' के खिलाफ "इजरायल की कार्रवाई को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाएगा."

(फोटो-Getty Images)
 

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गिदेयोन सार ने कहा, 'हमास को मजबूत होने से रोकने, गाजा में बंधक बनाए गए इजरायली सैनिकों और नागरिकों की बगैर वापसी सीजफायर करना राजनीतिक नाकामी होगी...और भविष्य में ब्याज सहित इसकी कीमत चुकानी पड़ेगा.' मुखर सहयोगी माने जाने वाले गिदेयोन सार अब इजरायली पीएम नेतान्याहू के बड़े आलोचक बन चुके हैं. उन्होंने नेतान्याहू के साथ दक्षिणपंथी सरकार के गठन से भी इनकार कर दिया है.

(फोटो-Getty Images)

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पूर्वी यरुशल में अल-अक्सा मस्जिद में झड़प के बाद से पिछले 11 दिनों में हमास और फिलिस्तीन के अन्य चरमपंथी गुटों ने इजरायल पर चार हजार के करीब रॉकेट दागे. हमास के रॉकेट दागने पर इजरायल ने भी जवाबी कार्रवाई में गाजा पट्टी पर ताबड़तोड़ हमले किए जिसमें 227 फिलिस्तीनियों की जान चली गई. वहीं हमास के हमले में इजरायल में 11 लोगों की मौत हो गई.   

(फोटो-Getty Images)

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एक अन्य दक्षिणपंथी राजनेता और एविग्डोर लिबरमैन के अध्यक्ष यइज़रायल बेयटेनु सीजफायर को "नेतन्याहू की एक और विफलता" बताया है. टीवी चैनल 12 न्यूज से बातचीत में उन्होंने कहा, 'आतंकी गुट के प्रति सरकार की पिछली नरमी के कारण हमास इजरायल को धमकी देने की स्थिति में आ गया है और सीजफायर उसे और मजबूत बना सकता है.' लिबरमैन ने नेतन्याहू पर ही हमास को मजबूत बनाने का आरोप लगा दिया. उन्होंने कहा, हमास आज जहां है, वहां उसे पहुंचाने में नेतन्याहू की भूमिका है. नेतन्याहू ने ही हमास को मजबूत बनने में सक्षम बनाया है.  

(फोटो-रॉयटर्स)

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कट्टर दक्षिणपंथी जियोनिज़्म पार्टी के नेता और नेतान्याहू के एक प्रमुख समर्थक बेज़ेल स्मोट्रिच ने चेतावनी दी कि यदि सीजफायर सौदे में यरुशलम पर रियायतें शामिल हैं, तो प्रधानमंत्री "सरकार बनाने के बारे में भूल जाएं."

(फोटो-Getty Images)

 

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बेज़ेल स्मोट्रिच ने ट्वीट किया, 'मैं अभी आपको (नेतान्याहू) हमास के खिलाफ सैन्य कार्रवाई का श्रेय दे रहा हूं. लेकिन अगर, भगवान न करे, हमास के साथ समझौते में, स्पष्ट रूप से या परोक्ष रूप से (जो कुछ भी हो) यरुशलम से संबंधित है...तो आप सरकार बनाने के बारे में भूल जाएं."

(फोटो-Getty Images)

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बेज़ेल स्मोट्रिच ने नेतन्याहू से कहा कि माउंट टेम्पल या पूर्वी यरुशलम में शेख जर्राह से फिलिस्तीनियों की बेदखली की योजना को लेकर उन्हें हथियार नहीं डालना चाहिए. स्मोट्रिच और उनकी पार्टी के अन्य सभी पांच सांसदों ने भी इसी तरह के संदेश ट्वीट किया. उन्होंने कहा कि सीजफायर नहीं बल्कि एक निर्णायक जीत चाहिए.

(फोटो-AP)

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फिलिस्तीन के चरमपंथी गुट रमजान के दौरान टेम्पल माउंट में प्रार्थना और यरुशल से फिलिस्तीनियों की बेदखली को लेकर इजरायल के खिलाफ खड़े हैं. 10 मई को अल-अक्सा मस्जिद में झड़प के बाद से दोनों पक्षों की तरफ से हमले जारी थे.

(फोटो-Getty Images)
 

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इससे पहले, कट्टर दक्षिणपंथी ओट्ज़मा येहुदित गुट के प्रमुख इतामार बेन ग्विर ने भी कहा है कि सीजफायर की स्थिति में वह नेतन्याहू का समर्थन नहीं कर सकते हैं. जारी बयान में बेन ग्विर ने कहा, "दक्षिण (दक्षिणी इजरायल) के लोग मजबूत और दृढ़निश्चयी हैं, लेकिन दुर्भाग्य से इजरायली सरकार में ये बात नहीं है. मैं आज इजरायली सरकार से शर्मिंदा हूं और मानता हूं कि सीजफायर दक्षिण के निवासियों के मुंह पर थूकना है." 

(फोटो-AP)

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बेन ग्विर ने कहा, 'इस तरह का युद्धविराम आतंकवाद और कमजोरी के सामने आत्मसमर्पण है. प्रधानमंत्री को यह समझना चाहिए कि हम इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करेंगे. निश्चित रूप से, अगर हमें पता चलता है कि इजरायल के सुरक्षा हितों को नुकसान पहुंचा है या भगवान न करे, तो प्रधानमंत्री ने यरुशलम में रियायतें दी हैं.'

(फोटो-AP)

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नेतन्याहू की उनकी ही पार्टी के कुछ लोगों ने आलोचना भी की है. लिकुड के उप रक्षा मंत्री गाडी येवरकन ने कहा कि 2014 में हमास द्वारा पकड़े गए सैनिकों के शवों और अभी बंधक बनाए गए दो इजरायली नागरिकों की वापसी के बिना सीजफायर "आतंकवाद के लिए एक इनाम" है. नेतान्याहू के मंत्री ने कहा कि इजरायल सरकार का नैतिक कर्तव्य है कि वह अब बंधक नागरिकों को वापस लाए. अगर हम अभी मौके का फायदा नहीं उठाते हैं तो इजरायल को भविष्य में हजारों आतंकवादियों को छोड़ना पड़ सकता है.


(फोटो-AP)

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