इजरायल के वैकल्पिक प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री यैर लैपिड ने सोमवार को कहा कि नई सरकार भारत के साथ 'रणनीतिक संबंधों' को आगे बढ़ाने के लिए काम करेगी. नए विदेश मंत्री के इस बयान को अहम माना जा रहा है क्योंकि भारत रूस के बाद इजरायल से सबसे बड़ा रक्षा उपकरणों का खरीदार है.
बेंजामिन नेतन्याहू के 12 साल के कार्यकाल को खत्म करते हुए नेफ्टाली बेनेट ने रविवार को ही प्रधानमंत्री के तौर पर देश की कमान संभाली है. इसके बाद विदेश मंत्री का कार्यभार संभालने वाले लैपिड ने भारत के साथ रणनीतिक संबंधों को आगे बढ़ाने की बात कही है.
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विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बधाई संदेश के जवाब में लैपिड ने ट्वीट किया, 'मैं दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंधों को आगे बढ़ाने की दिशा में साथ काम करने की उम्मीद करता हूं और आशा है जल्द ही इजरायल में आपका स्वागत करेंगे.' जयशंकर ने इससे पहले एक ट्वीट कर अपने इजरायली समकक्ष को बधाई दी थी.
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एस. जयशंकर ने लिखा था, 'इजरायल के वैकल्पिक प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री यायर लैपिड को उनकी नियुक्ति पर बधाई. अपनी बहुआयामी रणनीतिक साझेदारी को और आगे ले जाने के लिए मिलकर काम करने के लिए तत्पर हैं.'
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येश एतिड पार्टी के प्रमुख लैपिड सत्ता साझेदारी समझौते के तहत सितंबर 2023 में नेफटाली बेनेट से प्रधानमंत्री पद का दायित्व संभालेंगे और कार्यकाल पूरा होने तक दो वर्षों के लिए इस पद पर रहेंगे.
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इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इजरायल के नए प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ लेने वाले नेफ्टाली बेनेट को बधाई दी थी और कहा था कि अगले साल कूटनीतिक संबंध बहाल होने के 30 वर्ष पूरे हो रहे हैं और वह उनसे मिलने और दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने के लिए उत्सुक हैं. नेफ्टाली बेनेट ने भी पीएम मोदी को शुक्रिया अदा करते हुए एक ट्वीट में लिखा, मैं दोनों लोकतांत्रिक देशों के अनोखे और गर्मजोशी से भरे रिश्ते को और आगे ले जाने के लिए आपके साथ काम करने के लिए उत्साहित हूं.
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अपने ट्वीट में भारतीय पीएम मोदी ने नेतन्याहू के प्रति अपना 'गहरा आभार' व्यक्त किया था. बतौर प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का कार्यकाल रविवार को खत्म हो गया.
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भारत-इजरायल के बीच 1990 के दशक से रिश्तों में बदलाव आने शुरू हुए. पीवी नरसिम्हा राव की सरकार ने 1992 में इजरायल के साथ भारत के राजनयिक रिश्ते कायम किए थे. इसके बाद से दोनों देशों में कई मोर्चों पर करीबी बढ़ती गई. लेकिन 2014 में दोनों देशों के रिश्तों तब बड़ा बदलाव आया नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री का कार्यभार संभाला.
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बेंजामिन नेतन्याहू के पीएम रहते भारत और इजरायल के रिश्ते और मजबूत हुए थे. 2017 में इजरायल का दौरा करने वाले नरेंद्र मोदी भारत के पहले प्रधानमंत्री बने. इसके बाद जनवरी 2018 इजरायली पीएम नेतन्याहू भी भारत के दौरे पर आए. दोनों नेताओं के दौरे में कई अहम द्विपक्षीय समझौते हुए.
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पीएम मोदी ने तोड़ी धारणाः किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने इजरायल जाने का जोखिम नहीं उठाया. पीएम मोदी के इजरायल दौरे से पहले एक धारणा यह थी कि अगर कोई भारतीय प्रधानमंत्री इजरायल के दौरे पर जाएगा तो अरब के इस्लामिक देशों में इसका गलत संदेश जाएगा. हालांकि, पीएम मोदी ने इसकी परवाह नहीं की और उन्होंने इजरायल का दौरा किया.
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