इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमले के बाद ईरान के सुप्रीम नेता अयोतुल्लाह खमनेई ने देश को संबोधित किया. ईरान के सुप्रीम नेता ने कहा कि हमारी मिसाइल स्ट्राइक अमेरिका के मुंह पर तमाचा है. हालांकि, उन्होंने कहा कि ये सैन्य कार्रवाई काफी नहीं है.
इराक में अमेरिकी फौजों के सैन्य बेस पर हमले के कुछ घंटे बाद खमनेई ने देशवासियों को संदेश दिया. वहीं, ईरान की रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स ने कहा कि यह हमला उनके मेजर जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या का बदला है.
खमनेई ने कहा कि मध्य-पूर्व में अमेरिका की अवैध मौजूदगी का अंत होना चाहिए. खमनेई ने कहा कि अमेरिकी सेना की मौजूदगी से युद्ध, मतभेद और विनाश ही पैदा हुआ है.
खमनेई ने कहा कि आज अमेरिकी बेस पर ईरान के बहादुर और साहसी सैनिकों ने सफल हमला किया. उन्होंने कहा, 'हमारा संघर्ष लगातार जारी है और हम शक्तिशाली ताकतों के खिलाफ संघर्ष के लिए एकजुट हैं. ईरान ना तो कभी कमजोर पड़ेगा और ना ही हार मानेगा. ईरान के साथ जो हुआ, हम उसको कभी नहीं भूलेंगे.'
ईरान के सुप्रीम नेता ने अपने कमांडर सुलेमानी को याद किया और कहा कि वह बहुत ही बहादुर योद्धा थे और हमारे दिल के बहुत करीब थे. सुलेमानी के अंतिम संस्कार के दौरान भी ईरान में काफी भीड़ उमड़ी थी.
ईरान की फार्स न्यूज एजेंसी के मुताबिक, ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने भी हमले के बाद देश को संबोधित किया और कहा कि अमेरिका ने सुलेमानी का हाथ काटा होगा लेकिन अब ईरान क्षेत्र में अमेरिका को उखाड़ फेंकेगा.
ईरान की मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि हमले में 80 अमेरिकी मारे गए हैं. ईरान की रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स ने बाद में आधिकारिक बयान में कहा, 'ऑपरेशन शहीद सुलेमानी' को बुधवार सुबह को अंजाम दिया गया और अमेरिकी ठिकानों पर दर्जनों सतह से सतह मार करने वाली मिसाइलों से हमला किया गया.
सरकारी टीवी ने रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स के हवाले से लिखा कि ईरान ने क्षेत्र में करीब 100 टारगेट की पहचान कर रखी है, अगर वॉशिंगटन किसी जवाबी कार्रवाई की कोशिश करता है तो वह इन ठिकानों को तबाह कर देगा.
ईरान ने अमेरिका के सहयोगियों को भी धमकी दी है कि अगर वे अमेरिका को अपने सैन्य बेस का इस्तेमाल करने देंगे तो उन्हें इसका अंजाम भुगतना होगा. बयान में कहा गया, जिसकी भी जमीन से ईरान पर हमला करने की कोशिश की जाएगी, उसे टारगेट किया जाएगा. इसके साथ ही कहा कि अगर अमेरिका और बड़े नुकसान से बचना चाहता है तो अपनी सेनाओं को मध्य-पूर्व क्षेत्र से तुरंत वापस बुला ले.
1979 में तेहरान में अमेरिकी दूतावास पर कब्जे की घटना के बाद से यह ईरान का अमेरिका पर बड़ा हमला माना जा रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट किया, ऑल इज वेल, अभी तक सब कुछ ठीक है. हमारे पास दुनिया की सबसे ताकतवर और हथियारों से लैस सेना है. मैं कल इस पर जवाब दूंगा.