Advertisement

विश्व

सुपरपावर इजरायल से कैसे टकरा रहा हमास, पर्दे के पीछे से कौन कर रहा मदद?

aajtak.in
  • पेरिस,
  • 20 मई 2021,
  • अपडेटेड 1:37 PM IST
  • 1/15

फिलिस्तीन के साथ जारी गतिरोध के बीच चरमपंथी गुट हमास इजरायल पर ताबड़तोड़ रॉकेट दाग रहा है. इजरायल का दावा है कि हमास साढ़े तीन हजार से ज्यादा रॉकेट दाग चुका है. पिछली बार की तुलना में हमास इस बार ज्यादा आक्रामक तरीके से हमले को अंजाम दे रहा है. विश्लेषकों का मानना है कि हमास के पास अब पहले के मुकाबले ज्यादा कारगर हथियार हैं.

(फोटो-AP)

  • 2/15

विश्लेषकों का कहना है कि पिछले संघर्षों के मुकाबले हमास तेजी से इजरायल पर हमले कर रहा है. माना जा रहा है कि ईरान के समर्थन के चलते हमास इतना आक्रामक हुआ है. ब्रिटेन के टेलीग्राफ अखबार की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान ने फिलिस्तीनी चरमपंथी गुट हमास को अपनी मिसाइलों को विकसित करने में मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, ताकि वे इजरायल के अंदर अपने लक्ष्य को निशाना बना सकें.    

(फोटो-AP)

  • 3/15

रक्षा विश्लेषकों ने गाजा में हमास की सामरिक क्षमता को कमतर आंकने को लेकर आगाह किया है. विश्लेषका का कहना है कि इजरायल की 15 वर्षों से नाकेबंदी के बावजूद हमास का गाजा पर वर्चस्व कायम है. हमास ने इजरायल के विभिन्न शहरों को रॉकेट से निशाना बनाकर तेल अवीव को हैरान कर दिया है.   

(फोटो-Getty Images)
 

Advertisement
  • 4/15

दावा किया जा रहा है कि यरुशलम स्थित अल-अक्सा मस्जिद में नमाजियों पर हमले के बाद से भड़के खूनी संघर्ष के बाद से हमास ने इजरायल पर 4,000 से ज्यादा रॉकेट दागे हैं. ये अलग बात है कि इजरायल के मजबूत मिसाइल रोधी सिस्टम आयरन डोम ने 90 फीसदी रॉकेट हमलों को डिफ्यूज यानी नाकाम कर दिया है. हमास ने पहली बार अय्याश 250 मिसाइल का इस्तेमाल किया है, जिसकी क्षमता 250 किलोमीटर तक मार करने की है. 

(फोटो-Getty Images)


 

 

  • 5/15

मिडिल ईस्ट में मिसाइलों पर नजर रखने वाले स्वतंत्र विश्लेषक फैबियन हिंज ने कहा, 'इस बार के संघर्ष में सबसे प्रभावशाली बात यह है कि वे (हमास) थोड़े समय में एक साथ तड़ातड़ रॉकेट दागने में कितने कामयाब रहे.' 


(फोटो-Getty Images)

  • 6/15

इंटरनेशनल क्राइसिस ग्रुप (आईसीजी) का कहना है, 'हमास की मारक क्षमता, रॉकेटों की संख्या और उनकी निशाना बनाने की ताकत, दोनों मामले में पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा बढ़ोतरी हुई है. हालांकि इजरायल की जवाबी कार्रवाई तेज और विनाशकारी रही है. इजरायल ने अपना सुरक्षा कवच मजबूत बना चुका है. इजरायल ने हमास के ज्यादातर रॉकेट्स को हवा में ही नष्ट किए हैं.'

(फोटो-रॉयटर्स)

 

Advertisement
  • 7/15

हमास को कौन दे रहा है हथियार?
 
कुछ साल पहले तक सूडान फिलिस्तीनियों को मदद पहुंचाता था. सूडान, मिस्र के रास्ते तस्करी के जरिये फिलिस्तीन तक हथियार पहुंचाता रहा है. लेकिन उमर अल-बशीर के सत्ता से बेदखल होने के बाद पिछले साल सूडान और इज़रायल के बीच शांति समझौता हो गया. इसके बाद से सूडान की तरफ से फिलिस्तीन को हथियार मुहैया कराने की व्यवस्था खत्म हो गई. 

(फोटो-Getty Images)

  • 8/15

राष्ट्रपति बशर अल-असद के नेतृत्व में सीरिया ने भी अतीत में रॉकेट की आपूर्ति की थी. लेकिन ईरान फिलिस्तीनी चरमपंथी गुटों का अब तक का सबसे महत्वपूर्ण समर्थक बनकर उभरा है.

(फोटो-Getty Images)

  • 9/15

इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज ने पिछले महीने एक रिपोर्ट में बताया था कि, "क्षेत्रीय चरमपंथी गुटों को मदद मुहैया कराना ईरान की सैन्य व्यवस्था की फितरत बन गई है. ईरान ने गाजा, इराक, लेबनान, सीरिया और यमन में सीरियाई शासन और चरमपंथी गुटों पर फोकस किया है."

(फोटो-Getty Images)

Advertisement
  • 10/15

ट्विटर पर कैलिबर ऑब्स्कुरा के तौर पर अपनी बात कहने वाले एक रक्षा विशेषज्ञ ने एएफपी को बताया कि ईरान का मकसद सिर्फ हथियारों के स्थानांतरण तक सीमित नहीं है. विशेषज्ञ ने बताया, ईरान चरमपंथी गुटों हथियारों को देने के साथ ही उन्हें उसे चलाने, बनाने, डिजाइन आदि की भी जानकारी देता है. ये रॉकेट छद्म बलों के लिए तैयार किए गए हैं जिन्हें आसानी से बनाया जा सकता है.

(फोटो-Getty Images)

  • 11/15

हमास के पास कितना हथियार है?

विशेषज्ञों के अनुसार मौजूदा संघर्ष शुरू होने से पहले ही हमास के पास 12,000-13,000 रॉकेट थे. हालांकि हमास की रॉकेट बनाने की क्षमता का आकलन करना मुश्किल काम है लेकिन कैलिबर ऑब्स्कुरा का कहना है कि हमास के पास इतने रॉकेट्स तो होंगे ही कि वे दो हफ्तों से ज्यादा समय तक मुकाबला कर सकें. उनका मानना है कि हमास के हथियारों के भंडार को कम करके आंका गया. 

(फोटो-Getty Images)

  • 12/15

वहीं दूसरे विश्लेषक फैबियन हिंज का कहना है कि हमास के पास हथियारों का ठोस भंडार है. उन्होंने कहा, 'मेरा मानना है कि वे लंबे समय तक मुकाबला करने के लिए तैयार हैं. रॉकेट बनाने का हमास का लंबा इतिहास रहा है. उन्होंने कारगर तरीके से रॉकेट बनाने की बात साबित कर दी है.'  

(फोटो-Getty Images) 

  • 13/15

विश्लेषकों का मानना है कि दूसरे विश्व युद्ध के दौरान गाजा के तट पर ब्रिटेन की जंगी जहाज डूब गई थी. हमास गाजा के समुद्री तट पर डूब हुए ब्रिटिश जंगी पोत से विस्फोटक सामग्री हासिल करने में कामयाब रहा था. लेकिन सवाल है कि क्या हमास इजरायल के साथ जमीनी कार्रवाई का मुकाबला कर सकता है?  
(फोटो-Getty Images) 
 

  • 14/15

विश्लेषकों ने आगाह किया है कि गाजा में इजरायल की तरफ से जमीनी कार्रवाई को अंजाम देने से हिंसा का एक नया दौर शुरू हो जाएगा. इंटरनेशनल क्राइसिस ग्रुप (आईसीजी) का कहना है कि गाजा में जमीनी कार्रवाई से स्थिति बद से बदतर हो सकती है. यह इज़रायल के लिए भी कोई आसान विकल्प नहीं होगा. गाजा दुनिया के सबसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों में से एक है, और इसकी भूलभुलैया जैसी गलियों में निपटना इजरायल के लिए संभावित दुःस्वप्न वाला युद्ध साबित होगा. 

(फोटो-Getty Images) 

  • 15/15

फैबियन हिंज ने कहा, "बहुत ही खराब माहौल में यह शहरी मुकाबला होगा." इस तरह के हालात में हमास की रणनीति और शस्त्रागार के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखा जाना चाहिए. इसमें गाजा में सुरंगों का नेटवर्क, टैंक-रोधी मिसाइल और ग्रेनेड लांचर भी शामिल हैं. कैलिबर ऑब्स्कुरा ने कहा, "उन्हें (हमास) ईरानियों, हिज़्बुल्लाह से युद्ध के निर्देश मिले होंगे. उन्होंने आईएसआईएस को देखा है." हमास के खिलाफ जमीनी कार्रवाई इतना भी आसान नहीं होगा. हमास अब मुकाबला करने में पहले से कहीं ज्यादा प्रभावी हो सकता है.

(फोटो-Getty Images) 

Advertisement
Advertisement