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विश्व

चीन पर बरस रहे ट्रंप के तेवर क्यों अचानक पड़े ढीले?

aajtak.in
  • 22 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 5:22 PM IST
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के साथ मिलकर कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने की इच्छा जाहिर की है. ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि बीजिंग और वॉशिंगटन के बीच तनाव बढ़ाने की बजाए अमेरिका वैक्सीन बनाने के लिए चीन या दुनिया के किसी भी देश के साथ काम करने के लिए तैयार है. अमेरिका में कोरोना वायरस के 40 लाख से भी ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं.

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ट्रंप ने कहा, 'हम ऐसे किसी भी व्यक्ति के साथ काम करने के लिए तैयार हैं जो हमें एक अच्छे नतीजे की ओर लेकर जा सकता है.' दरअसल ट्रंप से एक सवाल में पूछा गया था कि क्या प्रशासन वैक्सीन बनाने के लिए चीन का सहयोग करना चाहेगा. फिर चाहे चीन पहले वैक्सीन बनाने में सफल हो या नहीं.

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लंबे समय के बाद राष्ट्रपति ट्रंप मंगलवार को पोडियम पर वापस लौटे थे. हालांकि पिछली बार की तरह उनके साथ मंच पर पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट मौजूद नहीं थे. इस बार सहयोगियों द्वारा बनाई हुई स्क्रिप्ट के साथ उन्होंने मंच संभाला था. महामारी से लड़ने के लिए मास्क का समर्थन करने के अलावा उन्होंने युवाओं को भीड़ इकट्ठा करने और बीमारी फैलाने के बारे में भी चेतावनी दी.

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देरी से चिह्नित की गई ट्रंप की ये बातें संकेत देती हैं कि अप्रैल से सुस्त पड़ी अमेरिका की अर्थव्यवस्था अब पटरी पर वापसी कर रही है. इससे भी ज्यादा जरूरी कि देश में कोरोना वायरस के तेजी से बढ़ते मामले री-इलेक्शन को खतरे में डाल सकते हैं.

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डोनाल्ड ट्रंप का यह बयान ऐसे हालातों में सामने आया है, जब शोधकर्ता चीन के 'कैनसिनो बायोलॉजिक्स' और मिलिट्री रिसर्च यूनिट द्वारा एक सुरक्षित वैक्सीन बनाने का दावा कर रहे हैं. अभी तक सामने आई स्टडीज में इस वैक्सीन का इम्यून पर काफी अच्छा असर देखने को मिला है.

Photo: Reuters

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कैनसिनो कैंडिडेट उन चुनिंदा वैक्सीन में से एक है जिन्होंने ह्यूमन ट्रायल के शुरुआती चरणों में काफी अच्छे परिणाम दिए हैं. इस रेस में कई और भी वैक्सीन हैं, जिनमें अमेरिकी की Moderna के अलावा जर्मनी की BioNTech और अमेरिका की Pfizer के साझा सहयोग से बनाई गई वैक्सीन भी शामिल हैं. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और ब्रिटिश-स्वीडिश कंपनी AstraZeneca के शोधकर्ताओं द्वारा विकसित की गई वैक्सीन के मिडिल स्टेज का डेटा भी सोमवार को जारी किया जा चुका है.

Photo: Reuters

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बता दें कि ट्रंप प्रशासन लंबे समय से चीन को इस जानलेवा महामारी के लिए दोषी मानता आया है. अमेरिका का कहना था कि कोरोना वायरस चीनी के वुहान शहर में पैदा हुआ, जिसके कारण अमेरिका में 1 लाख 40 हजार से ज्यादा लोगों की मौतें हुई. डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका को जल्द ही अच्छे परिणाम आने की उम्मीद है, अमेरिका में टेस्टिंग भी ज्यादा हो रही है.

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हालांकि अपने भाषण में राष्ट्रपति ट्रंप ने इसे 'चाइनीज वायरस' कहना ही जारी रखा. इसके बाद उनका संदेश अमेरिका पर हुए प्रकोप की तरफ शिफ्ट हो गया. उन्होंने कहा, 'परिस्थिति सुधरने से पहले दुर्भाग्यवश बिगड़ भी सकती हैं.' उन्होंने लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग मुमकिन ना होने पर मास्क पहनने का आग्रह किया.

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