मोहम्मद पैगंबर का कार्टून छापने वाली फ्रांस की व्यंगात्मक पत्रिका शार्ली हेब्दो एक बार फिर से चर्चा में है. इस बार पत्रिका ने भारत के कोविड संकट और हिंदू देवी-देवताओं पर कटाक्ष किया है. मैगजीन के कार्टून को लेकर सोशल मीडिया पर तीखी बहस छिड़ गई है.
दरअसल, फ्रांसीसी मैगजीन ने एक कार्टून जारी किया था जिसमें भारत में कोविड संकट और ऑक्सीजन की कमी पर तंज कसा गया है. 28 अप्रैल को प्रकाशित हुए कार्टून में ऑक्सीजन के लिए तरसते भारतीयों को जमीन पर लेटे हुए दिखाया गया है. इस कार्टून में हिंदू देवी-देवताओं का भी मजाक उड़ाया गया है. कार्टून के कैप्शन में लिखा हुआ है- 33 मिलियन देवी-देवता, पर एक भी ऑक्सीजन का उत्पादन करने में सक्षम नहीं.
ट्विटर पर गुरुवार को शार्ली हेब्दो ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा था. कई लोग जहां इस कार्टून को अपमानजनक बताकर शार्ली हेब्दो के बहिष्कार की मांग कर रहे थे, वहीं कुछ लोग अभिव्यक्ति की आजादी का हवाला देते हुए इसके समर्थन में भी नजर आए.
@Manik_M_Jolly ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया है, डियर शार्ली एब्दो आपको बता दें कि हमारे पास 330 मिलियन देवता हैं. जिन्होंने हमें कभी हिम्मत नहीं हारने का ज्ञान दिया है. हम अभिव्यक्ति की आजादी और हर फ्रेंच नागरिक का सम्मान करते हैं. चिंता न करें, आपके ऑफिस या स्टाफ पर हमला नहीं किया जाएगा.
शार्ली हेब्दो के कार्टून पर @ajayrr50 ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया है, 33 करोड़ देवी-देवता प्रकृति में निहित है लेकिन भारतीय समाज आप जैसे देशों से प्रभावित होकर अपने पेड़ों को काट रहा है. हम तो पेड़ों को भी भगवान मानते हैं.
वहीं, एक यूजर ने शार्ली हेब्दो की गलती की ओर इशारा किया. यूजर ने लिखा, “शार्ली हेब्दो ने हमारे देवताओं की गिनती 330 मिलियन से 33 मिलियन कर दी. मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं.” एक यूजर ने लिखा, “हम आहत नहीं हुए. उन्हें जो छापना है छापें, हमें उससे फर्क नहीं पड़ता. शार्ली हेब्दो बस ये जान लो कि वो 33 मिलियन नहीं, 33 कोटि है.”
सुप्रीम कोर्ट के वकील ब्रजेश कलप्पा ने लिखा, “जब शार्ली एब्दो ने इस्लाम को गलत रोशनी में दिखाते हुए कार्टून बनाए थे तब बीजेपी IT सेल ने जश्न मनाया था. अब क्या होगा?” @AtrijKasera नाम के यूजर ने लिखा, मैं अब भी फ्रांस और शार्ली हेब्दो के साथ हूं. शार्ली हेब्दो पत्रिका अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए जानी जाती है और वह अपना काम कर रही है.
इस बहस के बीच लेखक देवदत्त पटनायक के एक ट्वीट को लेकर भी विवाद छिड़ गया. देवदत्त पटनायक ने एक ट्वीट में लिखा कि ये बड़ी विडंबना है कि शार्ली हेब्दो के पैगंबर मोहम्मद के कार्टून को हिंदू अतिवादियों के बीच बहुत समर्थन मिला था लेकिन अब वे इस कार्टून से आहत हो रहे हैं. उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा, इस तस्वीर को देखकर हिंदुत्ववादी क्या कहेंगे- 33 मिलियन क्यों, ये 330 मिलियन होना चाहिए. 2. हम किसी का सिर नहीं काटेंगे, हम सर्वश्रेष्ठ हैं. लेकिन लोग त्रासदी और अपने नेताओं की नाकामी को नहीं देख पाएंगे.
ये पहली बार नहीं है जब शार्ली हेब्दो ने किसी धर्म पर कटाक्ष करते हुए कार्टून छापा है. फ्रांस की पत्रिका शार्ली हेब्दो ने साल 2015 में पैगंबर मोहम्मद पर कुछ कार्टून प्रकाशित किए थे जिस पर खूब हंगामा मचा था. कार्टून छपने के बाद पैरिस में मैगजीन के दफ्तर पर आतंकी हमला भी हुआ था. इस हमले में मैगजीन में काम करने वाले 12 लोगों की जानें चली गई थीं.
साल 2020 में पैगंबर मोहम्मद के कार्टून को लेकर फिर से विवाद तब बढ़ गया जब पत्रिका ने उन्हीं कार्टूनों को फिर से प्रकाशित किया. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैंक्रो ने भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हवाला देते हुए इस कदम का समर्थन किया था. इसी विवाद के बीच अक्टूबर 2020 में फ्रांस के एक टीचर सैमुएल पैटी की हत्या कर दी गई थी. आरोपी ने कहा था कि टीचर ने अपनी क्लास में पैगंबर के कार्टून दिखाए थे.