ममता बनर्जी की पार्टी TMC के निलंबित विधायक हुमायूं कबीर ने कहा कि उन्होंने मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद के पुनर्निर्माण की नींव रखी है और यह कदम राजनीतिक नहीं बल्कि धार्मिक और सामाजिक उद्देश्य से जुड़ा है. उन्होंने कहा, 'राजनीति अलग है और बाबरी मस्जिद का निर्माण अलग. इसका राजनीति से कोई संबंध नहीं है.' कबीर ने आगे कहा, 'जिस प्रकार सनातन संस्कृति संसद गीता पाठ करा रही है, उसी प्रकार हम यहां कुरान पढ़वाएंगे. 'हम 1 लाख लोगों को इकट्ठा करेंगे, उन्हें भोजन कराएंगे और फिर मस्जिद निर्माण का काम शुरू करेंगे.'
उन्होंने अयोध्या मुद्दे का हवाला देते हुए कहा, 'बाबरी मस्जिद 450 साल तक अयोध्या में रही, उसे गिरा दिया गया, वहां राम मंदिर बना और दूसरी जगह मस्जिद के लिए जमीन दी गई, लेकिन वहां निर्माण नहीं हो पाया. अब हम मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद बना रहे हैं, इसमें किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए.
क्या है पूरा मामला?
हुमायूं कबीर के इस कदम पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी सामने आई हैं. बीजेपी के वरिष्ठ नेता दिलीप घोष ने कबीर पर निशाना साधते हुए कहा कि वे सिर्फ वोट बैंक को साधने के लिए ऐसे कदम उठा रहे हैं. घोष ने कहा कि TMC के अंदरूनी झगड़े के कारण ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं.
बीजेपी नेता ने यह भी कहा कि हुमायूं कबीर कई पार्टियों में रहे हैं, अगर उन्हें राजनीति करनी है तो नई पार्टी बनाकर चुनाव लड़ें. उन्होंने मुसलमानों के हित में काम करने की सलाह देते हुए कहा कि वोट बैंक के लिए विवादित कदम उठाना सही नहीं है.
राम मंदिर बन जाने का हवाला देते हुए घोष ने कहा कि अब बाबरी मस्जिद को भुला देना चाहिए. इस बयान के बाद मुर्शिदाबाद में सियासी गर्मी और बढ़ गई है. हुमायूं कबीर ने बार-बार स्पष्ट किया है कि उनका कार्यक्रम प्रशासन की अनुमति और सहयोग से ही आयोजित हो रहा है.
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