उत्तर प्रदेश के बरेली की एक स्थानीय अदालत ने 3 साल पहले प्रेम प्रसंग के चलते एक अन्य व्यक्ति की हत्या के जुर्म में 24 साल के एक व्यक्ति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश तबरेज अहमद ने मंगलवार को 22 साल के झम्मनलाल की हत्या के लिए दोषी करण वाल्मीकि पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया. अतिरिक्त जिला शासकीय अधिवक्ता राजेश्वरी गंगवार ने बताया कि हत्या 22 अगस्त, 2022 की रात को हुई थी.
झम्मनलाल का शव अगले दिन गांव के बाहर कूड़े के ढेर पर मिला, उसकी गर्दन पर रस्सी के और धड़ पर खरोंच के निशान थे. उसके भाई मदनलाल ने 23 अगस्त को एक प्राथमिकी दर्ज कराई. शुरुआत में, तीन स्थानीय लोगों - प्रदीप, संजीव और सुनील - पर शक हुआ क्योंकि मदनलाल ने बताया कि झम्मनलाल ने मोबाइल फोन पर उनसे बहस की थी. गंगवार ने बताया कि पुलिस पूछताछ के दौरान तीनों को बरी कर दिया गया.
उन्होंने बताया कि तीनों ने खुलासा किया कि वाल्मीकि का गांव की एक लड़की के साथ संबंध था और झम्मनलाल भी उससे बात करता था, जो वाल्मीकि को पसंद नहीं था. पूछताछ करने पर, वाल्मीकि ने शुरू में पुलिस को गुमराह किया, लेकिन बाद में उसने कबूल किया, 'मैंने बहुत बड़ी गलती की. मुझे नहीं लगा था कि इसका पता चलेगा.'
जांच में पता चला कि झम्मनलाल ने वाल्मीकि के इस संबंध पर आपत्ति जताई थी, यहां तक कि उसने लड़की के भाई से शिकायत भी की थी और वाल्मीकि को चेतावनी दी थी कि वह उसे रंगे हाथों पकड़ लेगा. हत्या वाली रात, सुनील के घर पर शराब के नशे में हुए विवाद के बाद, वाल्मीकि ने झम्मनलाल को जमीन पर पटक दिया और रस्सी से उसका गला घोंट दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई. गंगवार ने आगे कहा, 'अदालत ने सबूतों और गवाहों के बयानों के आधार पर वाल्मीकि को दोषी पाया और उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई.'
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