आज से यूपी के सभी 75 जिलों में एक साथ चलेगा ये विशेष अभियान, जानिए आपको क्या रखनी होगी सावधानी

यूपी में आज (1 सितंबर) से 30 सितम्बर तक ‘नो हेलमेट, नो फ्यूल’ अभियान चलेगा. योगी सरकार के निर्देश पर सभी 75 जिलों में जिलाधिकारी और जिला सड़क सुरक्षा समिति की निगरानी में अभियान संचालित होगा. सीएम योगी खुद इसकी मॉनिटरिंग करेंगे. पेट्रोल पम्प वाले बिना हेलमेट पेट्रोल नहीं देंगे. पुलिस, प्रशासन व परिवहन विभाग इसकी निगरानी करेंगे. सरकार का संदेश है कि यह दंड नहीं, बल्कि नागरिक सुरक्षा का संकल्प है. 

Advertisement
सीएम योगी के आदेश में यूपी में आज से ‘नो हेलमेट, नो फ्यूल’ अभियान चलेगा . (PTI photo) सीएम योगी के आदेश में यूपी में आज से ‘नो हेलमेट, नो फ्यूल’ अभियान चलेगा . (PTI photo)

aajtak.in

  • लखनऊ,
  • 01 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 8:20 AM IST

यूपी के सभी 75 जिलों में आज से एक साथ एक विशेष अभियान चलने जा रहा है. इसकी मॉनिटरिंग खुद सीएम योगी अदित्यनाथ करेंगे. जी हां, आज से यूपी की सड़कों पर अब बिना हेलमेट के चलने वाले दोपहिया चालकों को बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा. योगी आदित्यनाथ सरकार ने सड़क सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए 1 से 30 सितम्बर तक पूरे प्रदेश में नो हेलमेट, नो फ्यूल विशेष अभियान शुरू कर दिया है. इस पहल के तहत, यदि कोई व्यक्ति बिना हेलमेट पेट्रोल पम्प पर पहुंचता है तो उसे पेट्रोल नहीं दिया जाएगा.

Advertisement

सरकार का मानना है कि यह कदम दंडात्मक कार्रवाई से अधिक लोगों को सुरक्षा के महत्व का एहसास कराने वाला है. अभियान की बागडोर जिलाधिकारी के हाथों में होगी और जिला सड़क सुरक्षा समिति (DRSC) इसके संचालन में सक्रिय भूमिका निभाएगी. लखनऊ से भी इस अभियान की मॉनिटरिंग होगी. 

योगी सरकार की सख्ती

प्रदेश सरकार ने इस अभियान को लागू करने के लिए सभी जिलाधिकारियों, पुलिस विभाग, परिवहन विभाग और राजस्व प्रशासन को साफ निर्देश दिए हैं. अधिकारियों से कहा गया है कि वे न सिर्फ नियमों का पालन करवाएँ बल्कि लोगों को यह समझाएँ कि हेलमेट सिर्फ कानूनी बाध्यता नहीं, बल्कि जिंदगी बचाने की ढाल है. मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 129 स्पष्ट रूप से दोपहिया चालक और पीछे बैठने वाले सवार दोनों के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य करती है. वहीं धारा 194D उल्लंघन करने वालों पर दंड का प्रावधान भी देती है. सर्वोच्च न्यायालय की सड़क सुरक्षा समिति ने भी राज्यों को चेताया है कि सड़क पर होने वाली मौतों को कम करने के लिए हेलमेट अनुपालन को सख्ती से लागू किया जाए.

Advertisement

75 जिलों में एक साथ बिगुल

अधिकारियों का कहना है कि इस अभियान की सबसे बड़ी ताकत है कि यह पूरे यूपी के सभी 75 जिलों में एक साथ चलाया जा रहा है. जिलाधिकारी स्वयं इसकी निगरानी करेंगे. जिला सड़क सुरक्षा समिति को जिम्मेदारी दी गई है कि वह अभियान को प्रभावी बनाने के लिए सभी संबंधित विभागों को जोड़े. पुलिस की जिम्मेदारी होगी कि वह जगह-जगह चेकिंग कराए और बिना हेलमेट वालों को चेतावनी दे. परिवहन विभाग नियम उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई करेगा और राजस्व प्रशासन पूरे अभियान की मॉनिटरिंग में सहयोग देगा.

पेट्रोल पम्प पर अब नई तस्वीर

पेट्रोल पम्पों पर इस अभियान का सबसे सीधा असर दिखेगा. अब कोई भी बिना हेलमेट पहुंचेगा तो पम्प कर्मचारी उसे ईंधन देने से मना कर देंगे. इसके लिए सरकार ने सभी प्रमुख तेल विपणन कंपनियों—IOCL, BPCL और HPCL—के साथ बैठक कर उन्हें निर्देश दिए हैं. पम्प मालिकों को कहा गया है कि वे नियम का पालन सुनिश्चित करें. खाद्य एवं रसद विभाग के अधिकारी पेट्रोल पम्पों पर जाकर निगरानी करेंगे और कहीं भी लापरवाही पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

क्या बोले परिवहन आयुक्त

परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह ने बताया कि ‘नो हेलमेट, नो फ्यूल’ अभियान दंड का तरीका नहीं है. इसका मकसद लोगों में सुरक्षित आदतें विकसित करना है. पिछले अनुभव बताते हैं कि लोग जल्दी ही हेलमेट लेकर आने की आदत डाल लेते हैं. इससे ईंधन बिक्री पर भी कोई नकारात्मक असर नहीं होता. उन्होंने आगे कहा कि सड़क सुरक्षा का यह प्रयास तभी सफल होगा जब नागरिक, प्रशासन और उद्योग सभी एक साथ कदम बढ़ाएं.

Advertisement

जागरूकता अभियान भी साथ-साथ

उन्होंने कहा कि सरकार जानती है कि केवल नियम थोपने से बदलाव नहीं आता. इसलिए सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग को भी इसमें शामिल किया गया है. टीवी, रेडियो, सोशल मीडिया और अखबारों के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाएगा. जगह-जगह पोस्टर और होर्डिंग्स लगाकर बताया जाएगा कि "हेलमेट जीवन का बीमा है.

जनता की जिम्मेदारी भी उतनी ही अहम

परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह का कहना है कि सरकार और प्रशासन भले ही अभियान चला दें, लेकिन असली जिम्मेदारी जनता की है. आखिरकार हेलमेट पहनना किसी और की सुरक्षा नहीं, आपकी खुद की जिंदगी बचाने के लिए है. ऐसे में यह हर नागरिक का कर्तव्य है कि वह नियमों का पालन करे और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करे. साथ ही पेट्रोल पम्प संचालकों की भूमिका भी अहम होगी. यदि वे सचमुच सख्ती से नियम लागू करते हैं, तभी इसका असर जमीनी स्तर पर दिखेगा.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement