'प्रभा शुक्ला मेरी पत्नी नहीं, मैं बारात लेकर गया था...' 100 करोड़ वाले DSP ने हर सवाल का दिया जवाब  

आय से अधिक संपत्ति मामले में निलंबित डीएसपी ऋषिकांत शुक्ला ने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया. आजतक से बातचीत में उन्होंने कहा कि जिन अपराधियों पर उन्होंने कार्रवाई की, उन्हीं के इशारे पर साजिश रची गई है. उन्होंने पत्नी, रिश्तेदारों और कंपनियों के नाम पर संपत्ति के आरोपों को गलत बताया. कहा कि जांच में पूरा सहयोग करेंगे, निर्दोष साबित होंगे और सभी दस्तावेज विजिलेंस को सौंपेंगे.

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डीएसपी ने अपने बेटे की शादी 200 करोड़ के रिजॉर्ट में की (Photo: ITG) डीएसपी ने अपने बेटे की शादी 200 करोड़ के रिजॉर्ट में की (Photo: ITG)

सिमर चावला

  • कानपुर ,
  • 05 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:50 AM IST

आय से अधिक संपत्ति के मामले में सुर्खियों में आए सस्पेंड डीएसपी ऋषिकांत शुक्ला एक बार फिर चर्चा में हैं. इस बार अपनी सफाई को लेकर. कानपुर में तैनाती के दौरान उनके खिलाफ 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति अर्जित करने के आरोप लगे हैं. अब खुद ऋषिकांत शुक्ला ने चुप्पी तोड़ी है. आजतक से बातचीत में उन्होंने हर सवाल का जवाब दिया. उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ झूठी रिपोर्टें बनवाई गई हैं, यह सब उन गैंग्स की साजिश है जिनपर मैंने कार्रवाई की थी.

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जो आदेश हुआ, वो सही… लेकिन रिपोर्ट बेबुनियाद

निलंबन और जांच पर उनकी पहली प्रतिक्रिया क्या है. उन्होंने कहा कि देखिए, जो भी मेरे वरिष्ठ अधिकारियों ने आदेश किया है, वो सही है. कोई अधिकारी जानबूझकर गलत नहीं करता. लेकिन मुझे पूरा यकीन है कि कुछ अपराधी तत्वों ने गलत सूचनाएं देकर मेरे खिलाफ झूठी रिपोर्ट तैयार कराई. कई ऐसे गैंग हैं जिनपर मैंने सख्त कार्रवाई की थी, उन्होंने अपने पैरोकारों के जरिए ये साजिश रची है. उनका दावा है कि उन्हें किसी तरह का पूर्व नोटिस या बयान देने का मौका नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि मुझे निलंबन का पत्र कल ही मिला. उससे पहले न कोई नोटिस मिला, न ही किसी जांच में मेरा पक्ष सुना गया. अगर सुना जाता, तो मैं सारे दस्तावेज पेश कर देता.

कानपुर ने मुझे पहचान दी, लेकिन वहीं पर आरोप गढ़े गए

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ऋषिकांत शुक्ला ने अपनी सेवा का बड़ा हिस्सा कानपुर में बिताया. वहीं उनका कहना है कि यही शहर अब उनके खिलाफ खड़ा कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि कानपुर में मैंने कई खतरनाक गैंग खत्म किए. STF के सिपाही धर्मेंद्र सिंह की हत्या करने वाले D-2 गैंग के दो लाख के इनामी अतीक को कलकत्ता से गिरफ्तार कराया. शराब माफिया और मादक पदार्थ तस्करों पर कार्रवाई की. ये सब रिकॉर्ड में है. लेकिन उन्हीं लोगों के कुछ साथी अब मेरे खिलाफ साजिश कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि जिन अपराधियों के खिलाफ उन्होंने ऑपरेशन चलाए, उन्हीं के रिश्तेदारों और मुखबिरों ने आज उनके खिलाफ शिकायतें की हैं. जो लोग आज मेरे खिलाफ बयान दे रहे हैं, उनमें से एक मनोहर शुक्ला है. वो खुद सजायाफ्ता अपराधी है. पहले पुलिस का मुखबिर था, बाद में गैंगस्टर श्रीप्रकाश शुक्ला के रिश्तेदारों से जुड़ गया. अब वही मुझे फंसाने की कोशिश कर रहा है.

एनकाउंटर की धमकी देने वाला आरोप झूठा है

पीड़ित मनोहर शुक्ला ने आरोप लगाया था कि ऋषिकांत शुक्ला ने गंगा विराज इलाके में जमीन विवाद को लेकर उसे एनकाउंटर की धमकी दी थी. इस पर शुक्ला का जवाब साफ था कि यह आरोप पूरी तरह बेबुनियाद है. न मैंने किसी को धमकाया, न कोई जमीन खरीदी या बेची. जो जमीन बताई जा रही है, उसकी कीमत दो करोड़ भी नहीं, और न ही कोई सौदा हुआ. ये मनगढ़ंत कहानी है, जिसे कुछ अपराधियों ने मिलकर फैलाया है. उन्होंने यह भी कहा कि उनका किसी तरह का लेन-देन मनोहर शुक्ला से नहीं हुआ, और न ही उन्होंने किसी से संपत्ति हड़पी है. मेरा किसी से वित्तीय विवाद नहीं रहा. मैंने हमेशा ड्यूटी के दायरे में रहकर काम किया.

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जांच अधिकारी भी इंसान हैं, कभी गुमराह हो जाते हैं

जब उनसे पूछा गया कि SIT की जांच रिपोर्ट शासन को भेजी जा चुकी है, तो क्या उन्हें जांच पर भरोसा नहीं है? इस पर उन्होंने जवाब दिया कि मैं जांच पर सवाल नहीं उठा रहा. लेकिन कभी-कभी पुलिस भी गुमराह हो जाती है. कुछ झूठी जानकारी देने वाले लोग झूठे कागज बनाकर अफसरों तक पहुंचा देते हैं. ऐसे में अगर रिपोर्ट में कुछ गलती हो गई, तो उसे सही करना भी जरूरी है. उन्होंने कहा कि उन्हें SIT या पूर्व पुलिस आयुक्त अखिल कुमार से कोई नाराजगी नहीं है. मैं आज भी अखिल कुमार सर का सम्मान करता हूं. मुझे भरोसा है कि निष्पक्ष जांच होगी और सच्चाई सामने आएगी.

अखिलेश दुबे से सिर्फ प्रोफेशनल रिश्ता था

एक बड़ा आरोप यह है कि ऋषिकांत शुक्ला की जेल में बंद वकील अखिलेश दुबे से गहरी सांठगांठ थी, और उन्होंने उसकी कंस्ट्रक्शन कंपनियों में काले धन को सफेद किया. इस पर उन्होंने कहा कि अखिलेश दुबे पुलिस के कई मामलों में लीगल एडवाइजर थे. जैसे हर अधिकारी लीगल सलाह लेता है, वैसा ही रिश्ता मेरा भी था. मेरा उनके साथ कोई बिजनेस नहीं था, कोई कंपनी नहीं थी. तैंतीस कंपनियों का जो झूठ फैलाया जा रहा है, उसकी जांच हो. अगर उसमें मेरा नाम आता है तो मैं हर सजा भुगतने को तैयार हूँ.

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प्रभा शुक्ला मेरी पत्नी नहीं 

उन्होंने अपनी पत्नी को लेकर लगाए गए आरोपों को भी सिरे से नकार दिया. रिपोर्ट में लिखा गया कि मेरी पत्नी प्रभा शुक्ला है  ये गलत है. मेरी पत्नी का नाम कुछ और है. किसी और महिला के नाम को जोड़कर मुझे फंसाया जा रहा है. देवेंद्र द्विवेदी के नाम पर संपत्ति की बात सुनकर मैं खुद हैरान हूँ. SIT की रिपोर्ट में वकील देवेंद्र द्विवेदी के नाम पर कुछ संपत्तियों का जिक्र था, जिन्हें ऋषिकांत शुक्ला की बताई गई थीं. इस पर शुक्ला बोले कि देवेंद्र मेरे दोस्त हैं, सीनियर एडवोकेट हैं. जब रिपोर्ट आई, तो मैंने खुद उन्हें फोन किया. उन्होंने कहा — ‘मुझे खुद नहीं पता कि मेरे नाम पर कौन सी प्रॉपर्टी दिखाई गई है.’ यही तो साजिश है. ऐसे झूठे लिंक जोड़कर कहानी बनाई जा रही है.

20 से ज्यादा एनकाउंटर किए, अपराधियों ने रच दी साजिश

अपने करियर पर बात करते हुए शुक्ला ने कहा कि उन्होंने अब तक 20 से ज्यादा एनकाउंटर किए, कई बड़े गैंग खत्म किए. मैंने कई गैंगस्टरों को खत्म किया.शराब, ड्रग और फिरौती के रैकेट तोड़े. अब वही गैंग मेरे खिलाफ बयान दे रहे हैं. किसी भी पुलिस अधिकारी को समझना चाहिए कि अपराधी कभी शांत नहीं बैठते. जब वो कानून से नहीं लड़ सकते, तो अफवाहों से लड़ते हैं.

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कोर्ट नहीं जाऊँगा, अपने अधिकारियों पर भरोसा है

जब उनसे पूछा गया कि क्या वे कोर्ट में जाकर अपना पक्ष रखेंगे या मानहानि का दावा करेंगे, तो उनका जवाब था कि मैं पुलिस अधिकारी हूँ, वकील नहीं. मुझे अपने विभाग और शासन पर पूरा भरोसा है. मैं जांच में हर तरह से सहयोग करूँगा. जब सच्चाई सामने आएगी, तो सब साफ हो जाएगा. उन्होंने कहा कि वो खुद सभी दस्तावेज विजिलेंस को सौंपने को तैयार हैं और कोई भी गलत काम साबित हुआ तो सजा भुगतने से पीछे नहीं हटेंगे.

शादी का खर्च मेरा नहीं, लड़कीवालों का था

उनकी चर्चा उस लक्ज़री रिसॉर्ट वाली शादी से भी जुड़ी, जिसकी वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी. जब उनसे पूछा गया कि एक पुलिस अधिकारी की सैलरी में इतना भव्य आयोजन कैसे हुआ, तो उन्होंने जवाब दिया कि वो मेरे बेटे की शादी थी, बेटी की नहीं. बारात लेकर गया था. आयोजन लड़कीवालों ने किया था. अगर लड़कीवालों ने अपनी इच्छा से रिसॉर्ट लिया, तो मैं कैसे मना कर सकता हूँ? उसमें मेरा एक पैसा नहीं लगा.

नेताओं से अच्छे संबंध होना अपराध नहीं

रिपोर्ट में यह भी सवाल उठे थे कि बेटे की शादी में कई सांसद, विधायक और सत्ताधारी दल के नेता मौजूद थे. इस पर उन्होंने कहा कि  अगर अपराधी मुझसे डरते हैं और जनप्रतिनिधि मेरा सम्मान करते हैं, तो इसमें बुराई क्या है? मैं हमेशा जनता और कानून के बीच पुल बनकर काम करता रहा हूँ. नेताओं से अच्छे संबंध होना कोई अपराध नहीं है. मैंने कभी अपनी वर्दी का गलत इस्तेमाल नहीं किया.

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पैतृक संपत्ति को भी गलत तरीके से दिखाया जा रहा है

SIT रिपोर्ट में जिन संपत्तियों का जिक्र है, उनमें आर नगर में गेस्ट हाउस, दुकाने और चार मंजिला इमारतें शामिल हैं. इस पर उन्होंने कहा कि मेरे दादा पुलिस इंस्पेक्टर थे, पिता मैनेजर थे. जो कुछ मिला है, वो पैतृक संपत्ति है. जिस घर को मेरी संपत्ति बताया जा रहा है, वो मेरे ग्रैंडफादर ने खरीदा था. अगर सरकार को लगता है कि वह संपत्ति गलत है, तो मैं सबूत पेश कर दूँगा. लेकिन किसी की मेहनत की कमाई को भ्रष्टाचार कहना सही नहीं.

मुझसे गलती नहीं, साजिश हुई है

उन्होंने कहा कि मैंने जिंदगी भर ड्यूटी को पूजा की तरह निभाया है. अगर मुझसे कोई गलती हुई होती, तो आज मैं आपकी आंखों में देखकर ये बातें नहीं कह पाता. लेकिन मुझे पूरा यकीन है कि ये सब एक बड़ी साजिश है, जिसमें अपराधियों ने राजनीति का सहारा लिया है. उन्होंने यह भी कहा कि वो अपनी बेगुनाही साबित करेंगे, और आने वाले समय में सब सच सामने आएगा.
 

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