प्रतापगढ़ के मानिकपुर में जब पुलिस ने एक घर में दबिश दी, तो किसी ने नहीं सोचा था कि भीतर से इतना बड़ा राज खुलेगा. कमरे के एक कोने में रखे बक्सों, थैलों और अलमारियों से जब नोट निकलना शुरू हुए, तो पुलिसवाले हैरान रह गए. नकदी इतनी थी कि गिनती में 22 घंटे लग गए. यह कोई आम कार्रवाई नहीं थी इसे अंजाम दिया था उसी अफसर ने, जिसने प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद और अशरफ के नेटवर्क को ध्वस्त कर उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्यशैली की परिभाषा बदल दी थी . जी हां नाम है आईपीएस दीपक भूकर.
22 घंटे की गिनती और टूटा ड्रग नेटवर्क
मानिकपुर थाना पुलिस ने पुलिस अधीक्षक दीपक भूकर के नेतृत्व में मादक पदार्थों की तस्करी में लिप्त एक अंतरराज्यीय गिरोह के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की. जेल में बंद गैंगस्टर राजेश मिश्रा के घर जब टीम पहुंची, तो वहां जो मिला, उसने पूरे विभाग को हिला दिया. घर की तलाशी में 2,01,55,345 नकद, 6.075 किलो गांजा और 577 ग्राम स्मैक (हेरोइन) बरामद हुई. बरामदगी की अनुमानित कीमत करीब ₹3 करोड़ आंकी गई. यह अब तक उत्तर प्रदेश पुलिस की ड्रग से जुड़ी सबसे बड़ी कैश रिकवरी बताई जा रही है. पुलिस टीम को नोट गिनने में पूरे 22 घंटे लगे. मौके पर मौजूद एक अधिकारी के मुताबिक, इतनी बड़ी मात्रा में नकदी पहले कभी नहीं देखी. नोटों की गिनती के लिए कई मशीनें लगाई गईं, पर रकम खत्म होने का नाम नहीं ले रही थी.
एक्शन प्लान के मास्टरमाइंड IPS दीपक भूकर
यह पूरी कार्रवाई प्रतापगढ़ के एसपी दीपक भूकर की रणनीति और सूझबूझ का नतीजा थी. यह वही अफसर हैं जिन्होंने प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद और अशरफ के नेटवर्क को ध्वस्त करने में अहम भूमिका निभाई थी. दीपक भूकर हरियाणा के झज्जर के रहने वाले हैं. 28 जुलाई 1986 को जन्मे भूकर ने बी.एससी. (बॉटनी) और एम.एससी. (बॉटनी) की पढ़ाई के बाद सिविल सेवा की परीक्षा पास कर आईपीएस बने. अपनी सधी हुई कार्यशैली, ठोस इंटेलिजेंस और तेज फैसलों के लिए वे जाने जाते हैं. प्रतापगढ़ में उनकी पोस्टिंग के बाद से जिले में अपराध पर लगातार शिकंजा कसा गया है. उनकी टीम ने बीते महीनों में कई गैंगों पर कार्रवाई की, लेकिन मानिकपुर की यह कार्रवाई अब तक की सबसे बड़ी और हाई-प्रोफाइल छापेमारी मानी जा रही है.
ऑपरेशन की अंदरूनी कहानी
मानिकपुर पुलिस को कुछ हफ्ते पहले जानकारी मिली कि जेल में बंद राजेश मिश्रा अपने परिवार के जरिए तस्करी का धंधा चला रहा है. जानकारी इतनी पुख्ता थी कि खुद एसपी दीपक भूकर ने ऑपरेशन का खाका तैयार किया. शनिवार सुबह टीम ने गुपचुप तरीके से घेराबंदी की. जब पुलिस ने दरवाजा खटखटाया, तो अंदर से आवाज आई घर में सिर्फ महिलाएं हैं. लेकिन पुलिस को शक था. दरवाजा तोड़ा गया, और अंदर पांच लोग काले पन्नियों में गांजा और स्मैक छिपाने की कोशिश कर रहे थे. पुलिस ने मौके पर ही सबको पकड़ लिया. जांच में गद्दों, बिस्तरों और लोहे की अलमारियों में छिपाए गए नोटों के बंडल मिले. एसपी भूकर मौके पर पहुंचे और खुद पूरी कार्रवाई की निगरानी की.
जेल से चलता था ड्रग साम्राज्य
छानबीन में सामने आया कि इस पूरे नेटवर्क का सरगना राजेश मिश्रा जेल से ही गिरोह चला रहा था. उसकी पत्नी रीना मिश्रा, बेटा विनायक, बेटी कोमल, रिश्तेदार अजीत और यश इस धंधे को बाहर से संभालते थे. पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर लिया. रीना मिश्रा गिरोह की मुख्य संचालक थी. वह अपने पति से जेल में मिले निर्देशों पर नशे के सौदे तय करती थी. माल की सप्लाई कहां होगी, पैसे किसे पहुंचाने हैं, यह सब जेल के भीतर से तय होता था. इतना ही नहीं, राजेश मिश्रा ने पहले अपनी जमानत भी फर्जी दस्तावेजों के जरिए कराई थी. पुलिस जांच में पता चला कि उसके परिवार ने एक व्यक्ति के नाम पर जाली कागजात बनवाकर अदालत को धोखा दिया.
करोड़ों की कुर्की, टूटी तस्करी की रीढ़
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, इससे पहले भी राजेश मिश्रा और उसकी पत्नी रीना की 3.06 करोड़ से अधिक की संपत्ति कुर्क की जा चुकी है. अब इस नई बरामदगी के बाद गिरोह की आर्थिक रीढ़ पूरी तरह टूट गई है. पुलिस अधीक्षक दीपक भूकर ने बताया कि यह कार्रवाई संगठित अपराध और मादक पदार्थ तस्करी के खिलाफ अभियान का हिस्सा है. हमारा मकसद केवल गिरफ्तारी नहीं, बल्कि इनकी पूरी आर्थिक ताकत खत्म करना है. उन्होंने कहा, ऐसे अपराधियों के लिए जेल से भी नेटवर्क चलाना अब असंभव होगा. आने वाले दिनों में तस्करी में शामिल और नाम भी सामने आएंगे.
अफसरों की टीम और जमीनी प्लानिंग
इस कार्रवाई में एसपी दीपक भूकर के निर्देशन में एएसपी (पश्चिमी) बृजनंदन राय, सीओ कुंडा अमरनाथ गुप्ता और मानिकपुर थाना पुलिस की टीम शामिल रही. गिरोह के ठिकाने की पहचान के लिए कई दिनों तक निगरानी रखी गई. ड्रोन और टेक्निकल सर्विलांस से लोकेशन ट्रैक की गई. जैसे ही ठोस सूचना मिली, टीम ने बिना समय गंवाए छापा मार दिया. पुलिस सूत्रों के अनुसार, बरामद कैश को जब्त कर बैंक में जमा कराने से पहले वीडियो रिकॉर्डिंग की गई. फॉरेंसिक टीम ने भी मौके से सैंपल लिए ताकि सबूत पुख्ता रहें.
ड्रग माफिया को नहीं छोड़ेंगे- दीपक भूकर
एसपी दीपक भूकर ने कहा, हमने तय कर लिया है कि जिले में नशे के कारोबार को पूरी तरह खत्म करेंगे. ये अपराधी न केवल समाज को जहर बेचते हैं बल्कि आने वाली पीढ़ियों को बर्बाद करते हैं. हमारी कार्रवाई सिर्फ कानूनन नहीं, बल्कि नैतिक लड़ाई भी है. उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि ड्रग माफिया, माफिया ही रहेंगे चाहे वे जेल में हों या बाहर.
गिरोह की कमर टूटी
इस कार्रवाई के बाद प्रतापगढ़ पुलिस की चर्चा पूरे प्रदेश में है. जहां एक ओर तस्करी नेटवर्क ध्वस्त हुआ, वहीं पुलिस की साख और जनता का भरोसा और मजबूत हुआ है. लोगों का कहना है कि यह पहली बार है जब किसी जिले में पुलिस ने इतने बड़े पैमाने पर ड्रग माफिया के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की है. सोशल मीडिया पर भी दीपक भूकर और उनकी टीम की सराहना हो रही है.
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