Operation Sindoor: यूपी के इस जिले में पैदा हुईं 17 लड़कियों का नाम मां-बाप ने 'सिंदूर' रखा, गर्व से कही ये बात

ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारत ने पाकिस्तान और पीओके के 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया. इसके बाद 'सिंदूर' एक शब्द नहीं, बल्कि लोगों की भावना बन गई. इसकी अनूठी मिसाल यूपी के कुशीनगर जिले में देखने को मिली है.

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नवजात की सांकेतिक फोटो नवजात की सांकेतिक फोटो

aajtak.in

  • कुशीनगर ,
  • 12 मई 2025,
  • अपडेटेड 4:09 PM IST

पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ भारत की सैन्य कार्रवाई 'ऑपरेशन सिंदूर' से प्रेरित होकर यूपी के कुशीनगर जिले में 17 नवजात लड़कियों का नाम उनके परिवारों ने 'सिंदूर' रखा है. 

प्रिंसिपल डॉ. आरके शाही ने सोमवार को न्यूज एजेंसी को बताया, "कुशीनगर मेडिकल कॉलेज में 10 और 11 मई को दो दिनों के अंतराल में जन्मी 17 नवजात लड़कियों का नाम उनके परिवारों ने सिंदूर रखा है."

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दरअसल, 22 अप्रैल को दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में लोकप्रिय पर्यटन शहर पहलगाम के पास बैसरन मैदान में आतंकवादियों द्वारा की गई गोलीबारी में 26 लोग मारे गए, जिनमें से अधिकतर पर्यटक थे और कई घायल हो गए. 

पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना ने 7 मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी ढांचों को नष्ट करने के लिए 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया था. पाकिस्तानी हमलों के बाद की सभी जवाबी कार्रवाई 'ऑपरेशन सिंदूर' के नाम से की गई. 

कुशीनगर निवासी अर्चना शाही ने हाल ही में एक बच्ची को जन्म दिया है. उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी बेटी का नाम इस सैन्य अभियान के नाम पर रखा है. पहलगाम हमले के बाद कई विवाहित महिलाओं की जिंदगी तबाह हो गई थी, जब उन्होंने अपने पतियों को खो दिया था. भारतीय सेना ने इसके जवाब में ऑपरेशन सिंदूर चलाया. हमें इस पर गर्व है. अब सिंदूर एक शब्द नहीं बल्कि एक भावना है. इसलिए हमने अपनी बेटी का नाम सिंदूर रखने का फैसला किया है. 

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उनके पति अजीत शाही ने भी यही भावना जताई. उन्होंने कहा, "अर्चना और मैंने अपनी बेटी के जन्म से पहले ही नाम के बारे में सोच लिया था. यह शब्द हमारे लिए प्रेरणा है."

वहीं, पडरौना के मदन गुप्ता ने कहा कि जब से भारत ने 26 निर्दोष लोगों की हत्या का बदला लिया है, तब से उनकी बहू काजल गुप्ता अपने नवजात बच्चे का नाम सिंदूर रखना चाहती थीं. 

गुप्ता ने कहा, "इस तरह हम न केवल इस ऑपरेशन को याद रखेंगे, बल्कि इस दिन को मनाएंगे." जबकि, भठही बाबू गांव के व्यासमुनि ने भी ऐसा ही फैसला लिया है. उनका कहना है कि इससे उनकी बेटी में हिम्मत आएगी. उन्होंने कहा, "जब मेरी बेटी बड़ी होगी, तो वह इस शब्द का सही मतलब समझेगी और खुद को भारत माता के लिए एक कर्तव्यनिष्ठ महिला के रूप में पेश करेगी." 

कुशीनगर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने बताया कि पडरौना की प्रियंका देवी ने भी दूसरों के साथ मिलकर अपनी बेटी का नाम भारत की सैन्य कार्रवाई के नाम पर रखने का फैसला किया है. 

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