Lucknow: नई बाइक और 2 लाख कैश नहीं मिलने पर पत्नी को दिया तीन तलाक, घर से भी निकाला, पति के खिलाफ दर्ज हुई FIR

लखनऊ में मुजीब नाम के एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी को पहले मारा-पीटा और फिर उसे तीन बार तलाक-तलाक बोलकर घर से बाहर निकाल दिया.  मुजीब की पत्नी ने इसकी शिकायत पुलिस में दर्ज कराई है.

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लखनऊ से सामने आया तीन तलाक का केस लखनऊ से सामने आया तीन तलाक का केस

सत्यम मिश्रा

  • लखनऊ ,
  • 08 मई 2024,
  • अपडेटेड 5:21 PM IST

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक शख्स पर पत्नी को तीन तलाक देने का आरोप लगा है. आरोप है कि दहेज में बाइक और दो लाख रुपये नहीं मिलने पर पति ने अपनी पत्नी को तलाक देकर घर से निकाल दिया. बाहर निकालने से पहले पत्नी के साथ मारपीट भी की गई. पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है. 

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दरअसल, पूरा मामला लखनऊ के मदेयगंज थाना क्षेत्र का है जहां मुजीब नाम के व्यक्ति ने अपनी पत्नी को पहले मारा-पीटा और फिर उसे तीन बार तलाक-तलाक बोलकर घर से बाहर निकाल दिया.  मुजीब की पत्नी ने इसकी शिकायत पुलिस में दर्ज कराई है. जिसपर केस दर्ज कर पुलिस टीम जांच कर रही है.  

आरोप है कि पीड़ित महिला से उसका पति निकाह के बाद दहेज में और 2 लाख रुपये मांगा करता था. साथ ही नई बाइक भी खरीदवाने के लिए दवाब बनाता था. लेकिन पीड़िता के मायके पक्ष की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है, ऐसे में वह मुजीब की मांग को पूरा न कर सकी. जिसके चलते  मुजीब ने अपनी पत्नी को तीन बार तलाक-तलाक-तलाक बोलकर रिश्ता खत्म कर उसे घर से बेघर कर दिया. 

इस बाबत पीड़िता ने थाने में तहरीर देकर मुकदमा दर्ज करवाया है. महिला ने बताया कि उसकी शादी 2019 में दुबग्गा के रहने वाले मुजीब अहमद से हुई थी. निकाह के कुछ दिन बाद ही मुजीब उसको मारने-पीटने और मानसिक तौर पर प्रताडित करने लगा. साथ ही दो लाख रुपये और बाइक की मांग करने लगा. लेकिन आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण मैंने अपने मायके वालों को ये सब नहीं बताया. पिछले पांच सालों से चुपचाप घरेलू हिंसा झेलती रही. लेकिन जब पति ने तीन तलाक देकर घर से निकाल दिया तो थाने में एफआईआर दर्ज कराई. 

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वहीं, मदेयगंज एसएचओ राजेश सिंह ने बताया कि मामले को पहले मध्यस्थता के जरिए हल करने का प्रयास किया गया. लेकिन प्रयास असफल रहा जिसके कारण पीड़ित महिला की शिकायत पर आईपीसी की धारा 498, 323, 313, 504, 506 और 3/4 डीपी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया. अब अभियोग पंजीकृत कर आगे की विधिक कार्यवाही की जा रही है. 

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