लखनऊ में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए लगाए गए पौधे एक बार फिर चोरी हो गए हैं. लखनऊ की सजावट में लगे पौधे गायब होने की जानकारी लगते ही रिपोर्ट दर्ज की गई है. गमले चोरी होने की जानकारी लगते ही फर्म संचालक ने पौधे चोरी होने का केस दर्ज कराया है. गमलों की चोरी की घटना को देखते हुए अब मंडलायुक्त ने शहर में ग्लोबल इन्वेस्टर से जुड़ी लाइटिंग, स्कल्पचर ,वॉल पेंटिंग और अन्य के रख रखाव को लेकर सीसीटीवी लगाकर टीम गठित किया है. साथ ही सेक्टर वाइज ड्यूटी लगाने के निर्देश दिए हैं. मंडलायुक्त रौशन जैकब ने LDA लखनऊ विकास प्राधिकरण और नगर आयुक्त को इस बाबत पत्र लिखा है.
इन्वेस्टर समिट के लिए लुलु मॉल से रायबरेली रोड तक पौधे लगाने का ठेका अर्पित को मिला था. सुशांत गोल्फ सिटी थाना में फर्म संचालक की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया है.
उधर, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 (UP GIS) ने औद्योगिक नगरी के रूप में बन रही ''गोरक्षनगरी'' की नई पहचान को और मजबूत कर दिया है. दशकों तक पिछड़ा माना गया गोरखपुर निवेशकों के लिए पसंदीदा जगह बनकर उभरा है. यूपी जीआईएस (UP GIS) की उपलब्धियों के आंकड़े इसकी पुष्टि करते हैं. गोरखपुर टॉप फाइव रैंकिंग वालों में शुमार हुआ है.
निवेश जुटाने के मामले में प्रदेश के सभी 75 जिलों में पूर्वांचल को लीड करते हुए गोरखपुर ओवर ऑल चौथे पायदान पर रहा है. पहले नंबर पर गौतमबुद्ध नगर, दूसरे नंबर पर आगरा, तीसरे नंबर पर लखनऊ है. निवेश जुटाने में गोरखपुर जनपद गाजियाबाद, कानपुर और मुरादाबाद से भी आगे रहा है.
1.71 लाख करोड़ रुपये से अधिक के एमओयू साइन
दरअसल, यूपी जीआईएस में गोरखपुर को 1.71 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के लिए एमओयू किए गए हैं. इसके धरातल पर उतरने से करीब 1.98 लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है. जिले में होने जा रहे निवेश में परंपरागत उद्योगों के साथ कई नए सेक्टर भी शामिल हुए हैं.
आशीष श्रीवास्तव