NEET में पास करवाने और मेडिकल कॉलेज में सीट दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी, लखनऊ साइबर क्राइम पुलिस ने दो आरोपी दबोचे

लखनऊ साइबर क्राइम पुलिस ने NEET पास कराने और मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले गैंग का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने मुख्य सरगना प्रेमशंकर विद्यार्थी उर्फ अभिनव शर्मा और संतोष कुमार को गिरफ्तार किया. गैंग फर्जी वेबसाइट, इंस्टाग्राम पेज और बैंक खातों के जरिए लाखों रुपये वसूलता था.

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₹4 लाख 98 हजार 490 कैश बरामद.(Photo: Ashish/ITG) ₹4 लाख 98 हजार 490 कैश बरामद.(Photo: Ashish/ITG)

आशीष श्रीवास्तव

  • लखनऊ,
  • 26 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 12:34 PM IST

लखनऊ में साइबर क्राइम पुलिस ने NEET परीक्षा पास कराने और मेडिकल कॉलेजों में मैनेजमेंट कोटे से एडमिशन दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले गैंग का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने गैंग के मुख्य सरगना और उसके एक साथी को गिरफ्तार किया है. यह ठग सोशल मीडिया पर HIND INSTITUTE OF MEDICAL SCIENCES के नाम से फर्जी वेबसाइट और इंस्टाग्राम पेज बनाकर लोगों से लाखों रुपये वसूल रहे थे.

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दरअसल, शिकायतकर्ता विजय बहादुर ने 1 नवंबर 2025 को पुलिस से शिकायत की थी कि उनके नाम और अन्य अभ्यर्थियों से बड़ी रकम ठगी गई है. आरोपियों ने उनसे 45 लाख, राजेश वर्मा से 20 लाख, दीप सिंह से 38 लाख और प्रीति सिंह से 23 लाख रुपये हड़प लिए. मामले में कई अन्य पीड़ितों ने भी शिकायतें दर्ज कराई थीं.

यह भी पढ़ें: फर्जी इंस्टा ID, प्राइवेट फोटोज और धमकियां...लखनऊ में साइबर बुलिंग का शिकार हुई नाबालिग

सोशल मीडिया पर फर्जी विज्ञापन से फैलाते थे जाल 

पुलिस आयुक्त के आदेश के बाद एक विशेष टीम बनाई गई, जिसने 25 नवंबर को कठौता झील के पास से मुख्य आरोपी प्रेमशंकर विद्यार्थी उर्फ अभिनव शर्मा को गिरफ्तार किया. आरोपी ने पूछताछ में स्वीकार किया कि वह कई राज्यों में फर्जी एडमिशन कन्सल्टेन्सी चलाकर करोड़ों की ठगी कर चुका है. वह सोशल मीडिया पर आकर्षक और भरोसेमंद दिखने वाले विज्ञापन डालकर छात्रों और अभिभावकों को अपने जाल में फंसाता था.

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आरोपी NEET पास लेकिन कम मेरिट वाले छात्रों का डेटा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से खरीदता था. फिर उनसे संपर्क कर बाराबंकी और सीतापुर स्थित हिन्द मेडिकल कॉलेज में मैनेजमेंट कोटे से सीट दिलाने का झांसा देता था.

फर्जी खाते, नकद और ऑनलाइन पेमेंट से वसूले करोड़ों

जांच में सामने आया कि आरोपी अलग-अलग बैंकों में कई फर्जी खातों का इस्तेमाल कर रहा था. इन्हीं खातों में पीड़ितों से डिमांड ड्राफ्ट, नकद और ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के जरिए मोटी रकम मंगवाई जाती थी. छापेमारी में पुलिस ने 3 मोबाइल, 6 सीपीयू, 6 मॉनिटर, वाईफाई डोंगल, वाईफाई राउटर, चेकबुक, पैन, आधार और ₹4 लाख 98 हजार 490 कैश बरामद किया है.

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान अभिनव शर्मा उर्फ प्रेम प्रकाश विद्यार्थी (औरंगाबाद, बिहार) और संतोष कुमार (समस्तीपुर, बिहार) के रूप में हुई है. इनके खिलाफ यूपी, दिल्ली, गुजरात और बिहार में धोखाधड़ी और आईटी एक्ट के 18 से अधिक मुकदमे पहले से दर्ज हैं. पुलिस का कहना है कि गैंग में और लोगों की संलिप्तता हो सकती है और आगे और नाम सामने आने की संभावना है.

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