पश्चिमी यूपी के बड़े नेता इमरान मसूद को बहुजन समाज पार्टी (BSP) से निकाल दिया गया है. सीनियर नेता और पूर्व विधायक मसूद पिछले साल अक्टूबर में ही समाजवादी पार्टी छोड़कर BSP में शामिल हुए थे. सपा से पहले इमरान मसूद कांग्रेस पार्टी में थे. साल 2014 में उन्होंने पीएम मोदी के खिलाफ बयान भी दिया था, जिसपर काफी विवाद हुआ था.
बहुजन समाज पार्टी ने मसूद को पार्टी विरोधी गतिविधियों और अनुशासनहीनता में लिप्त पाया था. पार्टी की तरफ से कहा गया है कि उन्होंने इमरान को कई बार चेतावनी दी थी, जिनको उन्होंने नजरअंदाज किया.
फिर कांग्रेस में लौटेंगे इमरान मसूद?
इमरान मसूद दोबारा कांग्रेस में जा सकते हैं, ऐसी चर्चा है. हाल के दिनों में उन्होंने कई मौकों पर राहुल गांधी की तारीफ की है. इतना ही नहीं, 23 अगस्त को लखनऊ में बसपा नेता और पदाधिकारियों की मीटिंग हुई थी. इसकी अध्यक्षता बसपा सुप्रिमो मायावती ने की थी. मसूद उसमें भी नहीं पहुंचे थे.
इमरान मसूद सहारनपुर जिले से आते हैं. वह यहां के प्रभावशाली मुस्लिम नेता माने जाते हैं.
एक साल में दो बार बदला था पाला
इमरान मसूद ने यूपी विधानसभा चुनाव 2022 से पहले जनवरी में पाला बदला था. तब उन्होंने कांग्रेस छोड़कर समाजवादी पार्टी का दामन थामा था. तब उन्होंने कहा था कि राज्य में सीधा मुकाबला सपा और बीजेपी के बीच है, इसलिए वह समाजवादी पार्टी में जा रहे हैं.
लेकिन ये दोस्ती ज्यादा दिन नहीं चली. अक्टूबर 2022 में मसूद ने सपा का साथ छोड़कर बहुजन समाज पार्टी को जॉइन कर लिया. लेकिन अब एक साल से भी कम वक्त में मसूद को बसपा से निकाल दिया गया है.
बसपा ने क्यों निकाला?
बहुजन समाज पार्टी की तरफ से बताया गया कि मसूद को पार्टी में शामिल करने से पहले साफ किया गया था कि उनको लोकसभा चुनाव में सहारनपुर से तब ही टिकट दिया जाएगा जब वह दिया हुआ 'टास्क' निपटाएंगे.
आगे बताया गया है कि स्थानीय निकाय चुनाव में मसूद ने सहारनपुर मेयर पोस्ट पर अपने परिवार के सदस्य को खड़े करने का प्रेशर बनाया था. यह बात मान ली गई थी. लेकिन शर्त रखी गई कि अगर मेयर पोस्ट पर उनके परिवार का सदस्य जीतता है तब ही मसूद को लोकसभा की टिकट दी जाएगी. लेकिन इस सीट पर बसपा चुनाव हार गई.
बसपा ने आगे कहा है कि मसूद पार्टी में नए सदस्यों को जोड़ने का काम भी नहीं कर रहे थे.
कौन हैं इमरान मसूद
इमरान मसूद पूर्व केंद्रीय मंत्री रशीद मसूद के भतीजे हैं. वह सहारनपुर जिले की मुजफ्फराबाद सीट (अब बेहट सीट) से साल 2007 में विधायक रहे हैं. साल 2014 और 2019 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव भी लड़ा था लेकिन दोनों ही बार हार का सामना करना पड़ा.
अपने बयान को लेकर चर्चा में रहे थे इमरान मसूद
मसूद 2014 में अपने बयान को लेकर चर्चा में थे. 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने 'मोदी की बोटी-बोटी काट लेने वाले' वाला बयान दिया था. इसे लेकर काफी हंगामा हुआ था.
आशीष श्रीवास्तव