दिल्ली ब्लास्ट और फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल की जांच के बीच अब जांच एजेंसियों की नजरें लखनऊ के डॉक्टर परवेज अंसारी पर भी टिकी हैं. बताया जा रहा है कि परवेज, डॉक्टर शाहीन अंसारी का भाई है. वही शाहीन अंसारी जिनकी कार से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद हुए थे. सूत्रों के मुताबिक परवेज अंसारी का नाम फरीदाबाद में गिरफ्तार डॉक्टर आदिल अहमद से जुड़ने के बाद सामने आया है.
अचानक गायब हुआ परवेज
फरीदाबाद में डॉक्टर आदिल अहमद की गिरफ्तारी होते ही परवेज ने अचानक अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया. जांच में सामने आया है कि उसने 7 नवंबर को इंटीग्रल यूनिवर्सिटी प्रशासन को ईमेल के जरिए अपना त्यागपत्र भेजा था. ईमेल में उसने यह लिखा कि उसे किसी दूसरी जगह बेहतर अवसर मिला है, इसलिए वह तुरंत कार्यमुक्त होना चाहता है. लेकिन एजेंसियों के लिए चौंकाने वाली बात यह रही कि परवेज न तो अपना सामान लेने लौटा और न ही किसी सहयोगी से संपर्क किया. इसके बाद से उसका फोन बंद है और घर पर भी ताला लटका हुआ मिला.
इंटीग्रल यूनिवर्सिटी प्रशासन के पास पहुंचा ईमेल
विश्वविद्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि हमें परवेज अंसारी का ईमेल 7 नवंबर की दोपहर प्राप्त हुआ. उसने लिखा था कि उसे नई नौकरी मिल गई है और वह तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे रहा है. हमने औपचारिक रूप से उसका त्यागपत्र स्वीकार कर लिया था. इसी बीच फरीदाबाद मॉड्यूल की जांच आगे बढ़ी और एजेंसियों को परवेज अंसारी का नाम भी उन संपर्कों में मिला, जो गिरफ्तार डॉक्टर आदिल अहमद के मोबाइल से प्राप्त हुए थे.
फरीदाबाद मॉड्यूल की जांच में नए कनेक्शन
फरीदाबाद मॉड्यूल के पकड़े गए सदस्यों से पूछताछ में कई अहम सुराग मिले हैं. जांच एजेंसियों के मुताबिक, आदिल अहमद के मोबाइल चैट, ईमेल और कॉल डिटेल में परवेज अंसारी से जुड़ी बातचीत के संकेत मिले हैं. एजेंसियों का मानना है कि यह संपर्क पेशेवर या व्यक्तिगत दोनों स्तर पर हो सकता है, लेकिन इसकी प्रकृति संदिग्ध प्रतीत होती है. इसके बाद परवेज के ठिकानों पर छापेमारी की गई, लेकिन वह कहीं नहीं मिला. एटीएस और आईबी की टीमें अब उसके संभावित ठिकानों का पता लगा रही हैं.
डॉ. शाहीन की कार में मिले विस्फोटकों ने बढ़ाई चिंता
दिल्ली धमाके के बाद डॉक्टर शाहीन अंसारी की कार से भारी मात्रा में विस्फोटक मिलने से जांच एजेंसियां पहले ही सतर्क थीं. इस बरामदगी ने मामले को और गंभीर बना दिया. अब जब परवेज अंसारी का नाम भी इसी सिलसिले में उभरकर सामने आया है, तो एजेंसियां इसे एक बड़े नेटवर्क के रूप में देख रही हैं. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, हम फिलहाल यह जांच कर रहे हैं कि क्या परवेज का किसी मॉड्यूल से प्रत्यक्ष संबंध था या वह किसी नेटवर्क के संपर्क में था. फिलहाल सभी पहलुओं की गहराई से पड़ताल की जा रही है.
सूत्रों की मानें तो परवेज अंसारी पिछले कुछ महीनों से यूनिवर्सिटी में शांत स्वभाव से काम कर रहा था. वह मेडिकल लैब से जुड़ा हुआ था और छात्रों के साथ कम बातचीत करता था. इस्तीफा देने से एक दिन पहले उसने किसी से ज्यादा बातचीत नहीं की और अपने विभाग के कागज तक नहीं लिए. उसके अचानक गायब होने से अब यह शक और गहरा हो गया है कि कहीं वह जांच से बचने के लिए खुद को छिपा तो नहीं रहा.
ईमेल ट्रेसिंग और फोन सर्विलांस से सुराग जुटाने की कोशिश
एटीएस और साइबर टीम ने परवेज अंसारी के ईमेल और कॉल रिकॉर्ड्स की जांच शुरू कर दी है. बताया जा रहा है कि उसका आखिरी लोकेशन 8 नवंबर की सुबह लखनऊ के गोमती नगर इलाके में ट्रेस हुआ था. इसके बाद उसका फोन स्विच ऑफ हो गया. साइबर सेल यह भी जांच कर रही है कि इस्तीफा भेजने वाला ईमेल परवेज ने खुद भेजा था या किसी और ने उसके आईडी का इस्तेमाल किया. यूनिवर्सिटी के आईटी विभाग से भी सर्वर लॉग्स मांगे गए हैं.
शाहीन और परवेज के बीच संबंधों की भी जांच
डॉ. शाहीन अंसारी और परवेज अंसारी भाई-बहन बताए जा रहे हैं. जांच एजेंसियां अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि क्या शाहीन की कार से मिले विस्फोटकों और परवेज की अचानक गायबगी में कोई कड़ी है. एक अधिकारी ने कहा, फिलहाल हम दोनों की गतिविधियों को समानांतर रूप से जांच रहे हैं. अभी तक कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकला है, लेकिन दोनों के संपर्कों में समानता दिख रही है. उत्तर प्रदेश एटीएस ने इस पूरे मामले में लखनऊ, फरीदाबाद और दिल्ली पुलिस के साथ साझा अभियान शुरू किया है. तकनीकी जांच से लेकर बैंक लेनदेन तक सभी पहलुओं पर काम किया जा रहा है.
घर से ऐसे कई सीक्रेट डिवाइस और हथियार बरामद
एटीएस (एंटी टेररिज्म स्क्वाड) ने परवेज अंसारी के घर से ऐसे कई सीक्रेट डिवाइस और हथियार बरामद किए हैं, जो उसके देश और विदेश के संपर्कों का बड़ा खुलासा कर सकते हैं. आजतक को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक, एटीएस की टीम को छापेमारी के दौरान 6 की-पैड मोबाइल फोन मिले हैं, जिनका इस्तेमाल परवेज जम्मू और भारत से बाहर मौजूद अपने संपर्कों से बातचीत के लिए करता था.
संतोष शर्मा