उत्तर प्रदेश के गोंडा से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (RPF) की कस्टडी में पूछताछ के दौरान एक व्यक्ति की संदिग्ध हालात में मौत हो गई. मृतक की पहचान संजय सोनकर (35 साल) के रूप में हुई है, जो किंकी गांव का रहने वाला था.
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक परिजनों ने आरोप लगाया है कि पूछताछ के दौरान आरपीएफ कर्मियों ने उसकी बेरहमी से पिटाई की और करंट देकर प्रताड़ित किया, जिसके बाद उसकी हालत बिगड़ गई और उसने दम तोड़ दिया.
करंट देकर हत्या का आरोप
जानकारी के मुताबिक, आरपीएफ ने मंगलवार को संजय को एक चोरी के मामले में पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था. परिजनों का कहना है कि जांच के दौरान उसे न केवल पीटा गया बल्कि इलेक्ट्रिक शॉक भी दिया गया, जिससे उसकी तबीयत बिगड़ गई. इसके बाद आरपीएफ कर्मी उसे गोंडा मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
मृतक के परिवार का आरोप है कि आरपीएफ अधिकारियों ने मौत की सूचना परिवार को नहीं दी और शव को मोर्चरी में छोड़ दिया. जब परिजनों ने खुद खोजबीन की तो उन्हें अस्पताल से यह जानकारी मिली कि संजय की मौत हो चुकी है.
जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई: अधिकारी
वहीं, इस पूरे मामले में आरपीएफ असिस्टेंट सिक्योरिटी कमिश्नर महेंद्र प्रसाद दुबे ने बयान जारी करते हुए कहा कि पूछताछ के दौरान संजय की तबीयत अचानक बिगड़ गई थी और उसे तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया. उन्होंने कहा कि मौत के सही कारण का खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही होगा.
दूसरी ओर, संजय के भाई की शिकायत पर स्थानीय पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर लिया है. रिपोर्ट के अनुसार, दो आरपीएफ सब-इंस्पेक्टर, एक कांस्टेबल और अन्य अज्ञात कर्मियों के खिलाफ एफआईआर की गई है. पुलिस ने कहा कि मामले की विस्तृत जांच शुरू कर दी गई है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
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