पांच बार के MLC और BJP कैंडिडेट को हराने वाले कौन हैं निर्दलीय विधायक राज बहादुर चंदेल?

उत्तर प्रदेश में शिक्षक एमएलसी चुनाव के नतीजे आ गए हैं. कानपुर शिक्षक खंड सीट से निर्दलीय उम्मीदवार राज बहादुर चंदेल (Raj Bahadur Singh Chandel) छठवीं बार एमएलसी बने हैं. उन्होंने एक अन्य निर्दलीय उम्मीदवार को चुनाव हराया है. इस सीट पर बीजेपी तीसरे नंबर पर आई है. उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार हेमराज सिंह गौर को 1548 वोटों के अंतर से हराया है. राज बहादुर चंदेल पहली बार 1992 में एमएलसी चुनाव जीते थे.

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राज बहादुर चंदेल छठी बार एमएलसी का चुनाव जीते हैं. राज बहादुर चंदेल छठी बार एमएलसी का चुनाव जीते हैं.

सिमर चावला

  • कानपुर,
  • 03 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 3:46 PM IST

MLC Elections Result 2023: उत्तर प्रदेश की पांच विधान परिषद (MLC) सीटों के चुनावी नतीजे आ गए हैं. बीजेपी का क्लीन स्वीप करने का सपना निर्दलीय उम्मीदवार राज बहादुर चंदेल ने तोड़ दिया है. पांच बार के एमएलसी रहे राजबहादुर चंदेल ने छठी बार जीत दर्ज की है और बीजेपी के मंसूबों पर पानी फेर दिया है. कानपुर शिक्षक खंड सीट से राज बहादुर चंदेल ने 1548 मतों से जीत दर्ज की है. चुनाव में कुल 13431 वोट पड़े थे. निर्दलीय प्रत्याशी राज बहादुर चंदेल को 5290 वोट मिले. दूसरे नंबर पर निर्दलीय हेमराज सिंह गौर को 3409 वोट मिले. बीजेपी से प्रत्याशी वेणु रंजन को 3182 वोट मिले.

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राज बहादुर चंदेल लगातार पांच बार से शिक्षक विधायक थे और ये उनकी 6 जीत है. चंदेल उन्नाव के रहने वाले हैं और चुनाव लड़ने के पहले भी वह शिक्षक विधायक थे. वह पहली बार 1992 में शिक्षक विधायक चुने गए थे. उसके बाद 1998, 2004, 2010 और 2017 में भी वह विधायक चुने गए. बताते चलें कि उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा संघ के शर्मा गुट के ओम प्रकाश शर्मा ने पहली बार राजबहादुर चंदेल को चुनाव लड़वाया था, जिसके बाद चंदेल ने अपना खुद का फील्ड बना लिया. जबसे एमएलसी इलेक्शन की शुरुआत हुई है तब से लेकर 1986 तक यह सीट कानपुर में किसी ना किसी प्रत्याशी के पास रही है. लेकिन जबसे उन्नाव के रहने वाले राजबहादुर चंदेल चुनकर आए, तब से लेकर अब तक यह सीट उन्हीं के पास है.

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चंदेल ने शिक्षकों के बीच बनाई है अच्छी पकड़

सूत्रों के मुताबिक, इस इलेक्शन के पहले भाजपा चंदेल को पार्टी में लाकर अपने टिकट पर चुनाव लड़वाना चाहती थी, जिसके लिए चंदेल से बातचीत भी हुई और वह राजी भी हो गए थे. लेकिन पार्टी में उनकी उम्र को लेकर कार्यकर्ताओं में विरोध के बाद यह बातचीत नहीं बन पाई. राज बहादुर चंदेल विधायक निधि से मिले पैसों को स्कूल और कॉलेज की व्यवस्था को बेहतर बनाने की लिए खर्च करते रहे हैं. स्कूलों से जुड़े मुद्दे भी प्रमुखता से उठाते रहे हैं, जिससे शिक्षकों में उनका काफी नाम है.

'पेंशन बहाली का मुद्दा उठाएंगे'

आजतक से बातचीत में राजबहादुर चंदेल ने कहा कि वह पुरानी पेंशन का मामला सदन में उठाएंगे, जब न्यायपालिका को पेंशन मिलती है, विधायिका को पेंशन मिलती है तो शिक्षकों को क्यों नहीं. शिक्षक बहाली के लिए भी उन्होंने इस मुद्दे को उठाने की बात कही है.

 

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