Amroha: रिश्वतखोरी में फंसे कानूनगो, किसानों के प्रदर्शन के चलते बीच सड़क लौटानी पड़ी रकम, तहसीलदार ने भी लगाई फटकार

किसान नेता कानूनगो के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे. इसी बीच आरोपी कानूनगो, तहसीलदार और अन्य अधिकारी मौके पर पहुंच गए. जब तहसीलदार ने कानूनगो को फटकार लगाई तो उसने रिश्वत लेने की कबूल ली. साथ ही पैसे भी वापस कर दिए. जिसके बाद धरना-प्रदर्शन समाप्त हुआ.

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अमरोहा: तहसीलदार से बात करते किसान नेता अमरोहा: तहसीलदार से बात करते किसान नेता

बी एस आर्य

  • अमरोहा ,
  • 14 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 5:30 PM IST

आपने शायद ही किसी सरकारी कर्मचारी को बीच सड़क अपने अधिकारी के सामने भरी पंचायत में रिश्वत लेने की बात कबूलते हुए और फिर उसे वापस करते सुना होगा. यूपी के अमरोहा से ऐसा ही मामला सामने आया है. जहां कानूनगो मुस्तकीम ने तहसीलदार हेमंत कुमार के सामने रिश्वत लेने की बात कबूली और रिश्वत वापस भी कर दी. 

इस दौरान आसपास काफी किसान मौजूद थे. जिनके द्वारा घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया गया. फिलहाल, इस मामले में जिला प्रशासन चुप्पी साधे हुए है. डीएम ने किसान नेता को आवास पर बुलाकर मान मनौव्वल भी की है. 
 
जानकारी के मुताबिक, वीडियो अमरोहा जिले के नेशनल हाइवे 9 पर बने जोया टोल का है. जहां पर किसानों ने कानूनगो मुस्तकीम पर रिश्वत लेने के बाद भी विधवा महिला मोनिका की जमीन पर कब्जा ना दिलाने का आरोप लगाते हुए धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया था. जिसपर तहसीलदार हेमंत कुमार भी पुलिस बल के साथ इस धरना स्थल पर पहुंचे थे. उनके साथ आरोपी कानूनगो मुस्तकीम भी था. 

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किसान नेता का आरोप है कि कानूनगो 50000 रुपये रिश्वत लेने के बावजूद पीड़ित महिला को कब्जा नहीं दिला रहा था. ऐसे में मौके पर मौजूद तहसीलदार ने कानूनगो को लताड़ लगाते हुए रिश्वत की रकम वापस करने की नसीहत दी और कार्रवाई की धमकी भी दी. जिसपर आरोपी मुस्तकीम ने रिश्वत की रकम पीड़िता को धरनास्थल पर ही लौटा दिया.   

मामले में जिले के डीएम ने किसान नेता को अपने आवास पर बुलाकर मान मनौव्वल की है. हालांकि, अभी तक आरोपी कानूनगो के खिलाफ जिला प्रशासन ने कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की है. फिलहाल, रिश्वतखोरी का यह मामला इलाके में सुर्खियां बटोर रहा है. 

क्या बोले किसान नेता?

किसान नेता नरेश चौधरी (अध्यक्ष, भारतीय किसान यूनियन चढूनी) ने माइक पर बोलते हुए कहा कि तहसीलदार साहब ये कौन सा नियम है कि पैसे लेकर जमीन को नपवाया जाए, बाद में कब्जा भी ना दिलवा जाए. जबकि, तहसील दिवस में एप्लीकेशन दी गई थी. उस पर एसडीएम साहब के और तहसीलदार साहब के आदेश भी हैं. फिर भी ये लापरवाही. 

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किसान नेता ने बताया कि पीड़ित महिला की शादी काला खेड़ा गांव में हुई थी. पति बीमारी के चलते गुजर गया है. ऐसे में जमीन, मकान महिला के नाम हो गया है. लेकिन कब्जा नहीं मिल पा रहा. कानूनगो पैसे भी खा गया. 

किसान नेता नरेश चौधरी की बात सुनकर तहसीलदार ने कानूनगो को नसीहत दी. जिसपर कानूनगो ने सबके सामने पैसे निकालकर पीड़ित महिला को वापस कर दिए. आसपास खड़े लोग इसके वीडियो बना रहे थे. 

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