उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है. जिस विवाहिता को पुलिस और परिजन 'दहेज हत्या' का शिकार बता चुके थे, वह जिंदा निकली. पुलिस ने उसे मध्य प्रदेश के ग्वालियर से उसके प्रेमी के साथ बरामद किया है. इस खुलासे के बाद पूरा मामला उल्टा पड़ गया. दरअसल, मृत बताई गई विवाहिता रुचि अपने प्रेमी के साथ दूसरी शादी कर सुखपूर्वक रह रही थी, जबकि उसके पति, सास और चार अन्य ससुरालवालों पर दहेज हत्या और शव गायब करने का गंभीर केस दर्ज था.
मायकेवालों ने दर्ज कराया था दहेज हत्या का केस
दरअसल, यह पूरा मामला सादात थाना क्षेत्र के बरहपार भोजूराय गांव का है. मृतका बताई गई रुचि की मां राजवंती देवी ने वर्ष 2023 में अपनी बेटी की शादी राजेंद्र यादव, निवासी हथौड़ा थाना खानपुर (गाजीपुर) से की थी. 3 अक्टूबर को राजवंती देवी ने पुलिस अधीक्षक को आवेदन देकर आरोप लगाया कि उनकी बेटी की दहेज के लिए हत्या कर दी गई और ससुरालवालों ने शव गायब कर दिया. इस शिकायत पर पुलिस ने पति राजेंद्र, सास कमली देवी सहित छह ससुरालियों के खिलाफ दहेज हत्या, सबूत मिटाने और अन्य धाराओं में केस दर्ज कर लिया था.
पुलिस ने शुरू की गहराई से जांच
मामले की गंभीरता को देखते हुए सीओ सैदपुर रामकृष्ण तिवारी ने स्वयं जांच का जिम्मा संभाला. उन्होंने सर्विलांस टीम की मदद से रुचि की लोकेशन ट्रेस करवाई. लोकेशन ट्रैक करने पर पुलिस को पता चला कि रुचि जिंदा है और ग्वालियर में अपने प्रेमी गजेन्द्र यादव के साथ रह रही है. इसके बाद पुलिस की एक टीम ग्वालियर पहुंची और 7 अक्टूबर को रुचि को उसके प्रेमी के साथ बरामद कर लिया गया.
प्रेमी संग दूसरी शादी कर रह रही थी रुचि
गाजीपुर वापस लाए जाने के बाद पुलिस ने रुचि से पूछताछ की. उसने बताया कि उसकी शादी उसकी मर्जी के खिलाफ कराई गई थी. वह कक्षा 10वीं से ही रेवई गांव निवासी गजेन्द्र यादव से प्रेम करती थी. शादी के बाद भी वह अपने प्रेमी को नहीं भूल पाई और मौका मिलते ही घर से निकलकर गजेन्द्र से दूसरी शादी कर ली. रुचि ने यह भी कहा कि वह ग्वालियर में उसी के साथ पत्नी के रूप में रह रही थी.
पुलिस का बड़ा खुलासा- झूठा निकला दहेज हत्या केस
सीओ सैदपुर रामकृष्ण तिवारी ने बताया कि पुलिस जांच में दहेज हत्या और शव गायब करने का आरोप पूरी तरह झूठा और मनगढ़ंत निकला है. रुचि को जिंदा बरामद कर लिया गया है और अब उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी जिन्होंने झूठी रिपोर्ट दर्ज कराई थी. पुलिस ने विवाहिता को मेडिकल परीक्षण के बाद न्यायालय में पेश किया, जहां से आगे की कार्रवाई की जा रही है.
पति ने कहा – झूठे केस में फंसाया गया
विवाहिता के पति राजेंद्र यादव ने कहा, हम लोग निर्दोष हैं. जून 2023 में हमारी शादी हुई थी, लेकिन पत्नी हमारे साथ कभी नहीं रही. हमेशा झगड़ा करती थी और मायके चली जाती थी. उसके घरवालों को भी पता था कि उसका किसी और से प्रेम संबंध है, फिर भी उन्होंने जानबूझकर हमें झूठे केस में फंसा दिया.
राजेंद्र ने बताया कि जब वह जून में पत्नी को विदा कराने उसके घर गए तो बताया गया कि वह वहां नहीं है. उन्होंने भीमापार चौकी में इसकी शिकायत भी दी थी, लेकिन उल्टा उनके ही खिलाफ दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज हो गया. अब जब सच्चाई सामने आ गई है, हम पुलिस से मांग करेंगे कि जिन्होंने हमें फंसाया, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो.
सास ने जताई नाराजगी, बोलीं – बहू का था अफेयर
राजेंद्र की मां कमली देवी ने कहा, हमारी बहू रुचि का किसी और से चक्कर था. शादी के बाद वह घर में झगड़ा करती थी और मायके चली जाती थी. फिर उस पर झूठा केस लगाकर हमें बदनाम किया गया. पुलिस ने सच्चाई उजागर कर सही काम किया है. अब हम शिकायत करेंगे कि जिन्होंने हमें झूठे केस में फंसाया, उन पर कार्रवाई हो और जो हमारा गहना-पैसा लिया गया है, वह वापस दिलाया जाए.
पुलिस ने शुरू की कानूनी कार्रवाई की तैयारी
फिलहाल पुलिस ने विवाहिता को कोर्ट में पेश कर कानूनी प्रक्रिया पूरी कर ली है. अधिकारियों ने बताया कि अब फर्जी केस दर्ज कराने वालों पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी. गाजीपुर पुलिस का यह खुलासा दहेज हत्या जैसे गंभीर मामलों में झूठे आरोपों की सच्चाई सामने लाने का बड़ा उदाहरण बन गया है. अब देखना यह होगा कि मृतका के जिंदा लौटने के बाद पुलिस उन परिजनों पर क्या कार्रवाई करती है, जिन्होंने इस पूरे प्रकरण को हत्या का रूप देने की कोशिश की.
विनय कुमार सिंह