रात का सन्नाटा और गूगल मैप की गाइडेंस... रेलवे ट्रैक पर कार लेकर पहुंच गया युवक , सामने आ गई मालगाड़ी

बिहार के गोपालगंज जिले का रहने वाला आदर्श राय गोरखपुर में अपने दोस्तों के साथ पार्टी करने आया था.  देर रात 1 बजे जब घर जाने के लिए आदर्श ने गूगल मैप पर अपने गांव का नाम गोपालपुर डाला, तो   गूगल मैप ने उसे बिहार के गोपालपुर की बजाय गोरखपुर के गोपालपुर गांव की लोकेशन दिखा दी .

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रेलवे ट्रैक पर लेकर पहुंच गया कार रेलवे ट्रैक पर लेकर पहुंच गया कार

गजेंद्र त्रिपाठी

  • गोरखपुर ,
  • 09 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 2:15 PM IST

गूगल मैप पर आंख मूंदकर भरोसा करना कई बार आपको मंजिल तक नहीं, मुसीबत तक पहुंचा सकता है. ऐसा ही एक चौंकाने वाला मामला गोरखपुर में हुआ, जहां रात एक बजे युवक पार्टी करने के बाद अपने गांव लौटने के लिए निकला तो  वह सीधे रेलवे ट्रैक पर पहुंच गया. दरअसल,उसे जाना था बिहार के गोपालपुर गांव, लेकिन उसने गूगल मैप में सिर्फ गोपालपुर लिख दिया. मैप ने उसे नजदीकी यानी गोरखपुर का गोपालपुर गांव दिखाया और वह उसी दिशा में कार लेकर बढ़ गया. रास्ते में रेलवे ट्रैक आया, तो वह बिना सोचे-समझे ट्रैक पार करने की कोशिश करने लगा. तभी सामने से तेज़ रफ्तार में मालगाड़ी आ गई. गनीमत रही कि लोको पायलट ने समय रहते इमरजेंसी ब्रेक लगा दिए और एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया.

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बिहार के गोपालगंज जिले का रहने वाला आदर्श राय गोरखपुर में अपने दोस्तों के साथ पार्टी करने आया था.  देर रात 1 बजे जब घर जाने के लिए आदर्श ने गूगल मैप पर अपने गांव का नाम गोपालपुर डाला, तो   गूगल मैप ने उसे बिहार के गोपालपुर की बजाय गोरखपुर के गोपालपुर गांव की लोकेशन दिखा दी . जो डोमिनगढ़ रेलवे स्टेशन और जगतबेला स्टेशन के बीच रेलवे ट्रैक के पास है. आदर्श ने बिना ध्यान दिए उसी रास्ते पर कार घुमा दी.

मैप के भरोसे कार चला रहे आदर्श को यह अहसास ही नहीं हुआ कि वह जिस रास्ते पर जा रहा है, वह सीधा रेलवे ट्रैक पर जा रहा है. जैसे ही वह डोमिनगढ़ के पास पहुंचा, गूगल मैप ने उसे एक पगडंडी से होते हुए रेलवे ट्रैक तक पहुंचा दिया. आदर्श ट्रैक पार करने की कोशिश करने लगा. लेकिन तभी कार का अगला पहिया ट्रैक के किनारे लगे बेलास्ट (पत्थरों) में फंस गया और कार वहीं अटक गई. जिस समय आदर्श की कार ट्रैक पर फंसी थी, उसी वक्त गोरखपुर की ओर से  मालगाड़ी तेज रफ्तार में आ रही थी. लेकिन किस्मत ने उस रात आदर्श का साथ दिया. मालगाड़ी के लोको पायलट ने दूर से कार को देख लिया और इमरजेंसी ब्रेक लगा दिए. लोको पायलट की सूझबूझ से एक बड़ा हादसा टल गया. अगर जरा सी भी देर होती, तो कार के परखच्चे उड़ सकते थे और आदर्श की जान भी जा सकती थी.

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घटना की सूचना मिलते ही रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) की टीम मौके पर पहुंची. आरपीएफ प्रभारी दशरथ प्रसाद ने बताया कि कार को कब्जे में लिया गया और आदर्श राय को हिरासत में लिया गया. पूछताछ में आदर्श ने बताया कि उसने गूगल मैप में गलती से अपने गांव गोपालपुर (बिहार) का नाम डाला था, लेकिन गूगल ने गोरखपुर के गोपालपुर को दिखा दिया. जब आरपीएफ टीम पहुंची, तो देखा कि मालगाड़ी का इंजन कार से लगभग छू रहा था और आदर्श अब तक कार से बाहर नहीं निकला था. टीम ने फौरन उसे बाहर निकाला और कार को हटाने का काम शुरू किया.

इस पूरी घटना के कारण डाउन लाइन की मालगाड़ी करीब 55 मिनट तक ट्रैक पर खड़ी रही. ट्रैक पर कार फंसी होने की वजह से रेल यातायात बाधित हुआ. आखिरकार आरपीएफ टीम ने जैसे-तैसे कार को बेलास्ट से बाहर निकाला और रात 2 बजे मालगाड़ी को रवाना किया गया. आरपीएफ ने आदर्श राय को हिरासत में लेने के बाद मेडिकल जांच के लिए भेजा है. अब जांच रिपोर्ट आने के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि युवक ने शराब पी थी या नहीं. फिलहाल, कार को जब्त कर लिया गया है और आदर्श को न्यायालय में पेश करने के बाद जमानत पर रिहा कर दिया गया है.

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