उत्तर प्रदेश के बिजनौर में इन दिनों गुलदारों (तेंदुआ) ने आतंक मचा रखा है. गन्ने के खेतों और आसपास के इलाकों में घूम रहे आदमखोर गुलदारों की संख्या 300 के करीब बताई जा रही है. अब तक ये गुलदार 8 बच्चे सहित कुल 18 लोगों को अपना शिकार बना चुके हैं. आलम यह है कि लोग अब घरों से निकलने से भी डर रहे हैं. खेत की तरफ तो उन्होंने जाना लगभग बंद ही कर दिया है. अगर वह जाते भी हैं तो झुंड बनाकर.
गौरतलब है कि वन विभाग अब तक जिले से करीब 45 गुलदारों को पकड़कर जंगलों और पार्कों में छोड़ चुका है, लेकिन इनकी संख्या कम होने का नाम नहीं ले रही है. अब ये बड़ों के साथ बच्चों को भी अपना शिकार बना रहे हैं. गुलदार के हमले में दर्जनों लोग घायल हो चुके हैं.
इस बीच वन विभाग गुलदार से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान भी चल रहा है. क्योंकि, वह गुलदारों के हमले को रोकने में असफल नजर आ रहा है. गुलदार ने हफ्ते भर पहले भी अपने मामा के घर रिश्तेदारी में आए 14 साल के लड़के पर हमला कर उसे मार डाला था. वो खेलते समय जंगल की ओर चला गया था, जहां गुलदार ने उसे नोच डाला.
बिजनौर में गुलदार का आतंक
बता दें कि गुलदार के हमला करने की यह कोई पहली घटना नहीं है. 17 फरवरी से लेकर 29 नवंबर तक गुलदार जिले में अलग-अलग इलाकों में 18 लोगों को अपना शिकार बन चुके हैं. हर दिन कहीं ना कहीं से गुलदार के हमले की खबर आ जाती है. ये आदमखोर कभी किसी को घायल कर देते हैं तो कभी किसी की जान ले लेते हैं.
इसी कारण से कई स्थानों पर तो किसानों ने खेतों में जाना बंद कर दिया है. वन विभाग के लोग भी जागरूकता अभियान के तहत किसानों को और ग्रामीणों को यही समझा रहे हैं कि वो अकेले किसी भी हाल में जंगल साइड ना जाएं. अगर जाना ही है तो झुंड बनाकर जाएं. शोर मचाते रहे ताकि खेत में छुपे गुलदार शोर सुनकर वहां से दूसरी जगह भाग जाएं.
वन विभाग के मुताबिक, अधिकतर देखा गया है कि गुलदार हमेशा अकेले व्यक्ति को देखकर हमला करता है. ऐसे में विभाग लगातार गन्ना विभाग और अन्य कई विभागों के साथ मिलकर लोगों को जागरूक करने के लिए जिले भर में अभियान चला रहा है. लेकिन गुलदार के हमले अभी भी जारी हैं. लोगों में गुलदारों की दहशत बरकरार है और वह खौफ के साये में जीने को मजबूर हैं.
किसानों के सामने बड़ी मुसीबत है, क्योंकि इस समय गन्ने की कटाई चल रही है. खेतों में जाना जरूरी है. लेकिन गुलदार का आतंक उन्हें जाने से रोक देता है. इसलिए फसल पर भी असर पड़ रहा है. खेत जाने पर जान का खतरा बना रहता है.
जिले में करीब 300 गुलदार हैं
वन विभाग द्वारा जगह-जगह गुलदारों के लिए पिंजरा लगाया गया है. एक कंट्रोल रूम भी स्थापित किया गया है. क्विक रिस्पांस टीम आदि बनाई गई है. ताकि सूचना मिलने पर तुरंत वन विभाग की टीम मौके पर पहुंचकर गुलदार को पकड़ सके. बिजनौर के अलग-अलग स्थान से 42 जिंदा और तीन मृत गुलदारो का रेस्क्यू किया चुका है. वन विभाग के अधिकारियों का मानना है कि जिले में करीब 300 गुलदार हैं जिन्होंने गन्ने के खेतों को अपना ठिकाना बना रखा है.
विभाग के अनुसार, गुलदारों से बचाव सिर्फ जागरूकता ही है. इसके अलावा जहां सूचना मिलती है उनकी टीम पिंजरा लगाकर गुलदार को पकड़ने का प्रयास करती है. वन विभाग के अलावा किसान यूनियन व अन्य संगठन भी जागरूक करने के लिए अभियान चला रहे हैं.
संजीव शर्मा