10 साल से चल रहा था फर्जीवाड़ा, बलरामपुर में 11 करोड़ का मिड-डे मील घोटाला

बलरामपुर में मिड-डे मील योजना (MDM) में करोड़ों के घोटाले का बड़ा खुलासा हुआ है. जांच में पाया गया कि जिला समन्वयक फिरोज़ अहमद खान और उनके नेटवर्क ने कन्वर्ज़न कॉस्ट में हेरफेर कर 11 करोड़ रुपये से अधिक की राशि गबन की. पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है जबकि 44 नामजद सहित कई अज्ञात लोगों पर FIR दर्ज कर ली गई है. विभाग ने जिला कॉर्डिनेटर को बर्खास्त कर 5 हेडमास्टरों को भी सस्पेंड कर दिया है.

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MDM का जिला कॉर्डिनेटर गिरफ्तार (Photo: Screengrab) MDM का जिला कॉर्डिनेटर गिरफ्तार (Photo: Screengrab)

aajtak.in

  • बलरामपुर,
  • 28 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 12:34 PM IST

यूपी के बलरामपुर में मिड-डे मील योजना से जुड़े बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है. बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) की विस्तृत जांच में कन्वर्ज़न कॉस्ट के भुगतान में भारी हेरफेर के सबूत मिले. मामले में MDM के जिला कॉर्डिनेटर फिरोज़ अहमद खान सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि कुल 44 नामजद और कई अज्ञात आरोपियों पर मुकदमा दर्ज कर पुलिस जांच तेज कर दी है.

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कन्वर्ज़न कॉस्ट में कटौती कर किया पैसों का घोटाला

जांच रिपोर्ट के अनुसार, यह घोटाला लगभग 10 साल (2015–2025) से चल रहा था. डिस्ट्रिक कॉर्डिनेटर फिरोज़ अहमद खान और उसके सहयोगियों ने 2200–2300 स्कूलों की एक्सेल शीट में हेरफेर कर प्रत्येक छात्र की प्रतिदिन की निर्धारित 8.17 कन्वर्ज़न कॉस्ट में कटौती की. बचाई गई राशि को योजनाबद्ध तरीके से कुछ चुने हुए स्कूलों, मदरसों और खातों में ट्रांसफर किया जाता था.

जांच में सामने आया कि मुख्य आरोपी फिरोज़ अहमद और सहायक अध्यापक मलिक मुनव्वर ने कई विद्यालयों और मदरसों का ठेका अपने नियंत्रण में रखा और 25% से अधिक कमीशन लिया. कुल मिलाकर अब तक 11 करोड़ रुपये से ज्यादा की वित्तीय अनियमितताओं के पुख्ता प्रमाण मिले हैं. गिरफ्तार आरोपियों में  फिरोज़ अहमद, प्रधानाध्यापक अशोक कुमार गुप्ता, ग्राम प्रधान नसीम अहमद, प्रबंधक मोहम्मद अहमदुल क़ादरी और सहायक अध्यापक मलिक मुनव्वर शामिल हैं.

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2021 से 2025 के बीच लाखों रुपये का गलत भुगतान

वित्त और लेखाधिकारी की टीम द्वारा PFMS पोर्टल के वास्तविक भुगतान से मेल कराने पर बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा पकड़ में आया. BSA और पुलिस की संयुक्त टीम सभी वर्षों के रिकॉर्ड खंगाल रही है ताकि यह पता चल सके कि घोटाले की कुल राशि कितनी है और इसमें किन-किन अधिकारियों, प्रधानाध्यापकों और प्रबंधकों की भूमिका रही. इनमें अशोक कुमार गुप्ता, अंजुम बानो, मलिक खुर्शीद अरशद, सलीम अहमद और सुनील सिंह शामिल हैं, जिनके विद्यालयों में 2021 से 2025 के बीच लाखों रुपये का भुगतान हुआ.

एसपी विकास कुमार ने कहा कि मिड-डे मील जैसे संवेदनशील योजना में भ्रष्टाचार किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. जिन अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका सामने आएगी, उनके खिलाफ कड़ी कानूनी धाराओं में कार्रवाई की जाएगी.
 

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