झारखंड में रजिस्टर्ड फर्म, बांग्लादेश-नेपाल तक सप्लाई... कौन है कोडीन सिंडिकेट से जुड़ा अमित सिंह टाटा?

प्रतिबंधित कोडीन मिक्स कफ सिरप सिंडिकेट के खिलाफ यूपी STF ने एक्शन लिया है. इस मामले में सिंडिकेट के किंगपिन शुभम जायसवाल के खास पार्टनर अमित सिंह टाटा को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है, झारखंड में रजिस्टर्ड मेडिकल फर्म के सहारे नेपाल और बांग्लादेश तक अवैध सप्लाई चलाने वाला यह गिरोह लंबे समय से पुलिस की रडार पर था.

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बैन कफ सिरप केस में यूपी एसटीएफ का एक्शन. (Photo: Representational) बैन कफ सिरप केस में यूपी एसटीएफ का एक्शन. (Photo: Representational)

संतोष शर्मा

  • लखनऊ,
  • 27 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 12:00 PM IST

प्रतिबंधित कोडीन कफ सिरप की तस्करी करने वाले अंतरराज्यीय सिंडिकेट पर यूपी STF ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. सिंडिकेट से जुड़े अहम सदस्य अमित सिंह टाटा को STF ने हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की है. माना जा रहा है कि अमित सिंह टाटा इस अवैध कारोबार का एक बड़ा मोहरा है, जो सिंडिकेट के किंगपिन शुभम जायसवाल के साथ मिलकर देश से बाहर तक प्रतिबंधित कोडीन सिरप की सप्लाई कराता था.

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सूत्रों के मुताबिक, अमित सिंह टाटा और शुभम जायसवाल दोनों की झारखंड में मेडिकल कंपनियां रजिस्टर्ड हैं, जिनके सहारे ये लोग प्रतिबंधित कफ सिरप की सप्लाई का नेटवर्क चला रहे थे. जांच में सामने आया है कि झारखंड में रजिस्टर्ड इसी मेडिसिन फर्म का इस्तेमाल कर बांग्लादेश और नेपाल तक कोडीन मिक्स कफ सिरप की अवैध खेप भेजी जाती थी.

इस मामले को लेकर STF को शक है कि इन कंपनियों के दस्तावेज और बिलिंग सिस्टम का उपयोग कर बड़े पैमाने पर नकली या ओवर-कोटा दवाओं की खरीद-फरोख्त की जा रही थी.

यह भी पढ़ें: बाहुबली की छत्रछाया में वाराणसी का शुभम जायसवाल, ऐसे खड़ा किया कोडीन कफ सिरप सप्लाई का काला साम्राज्य! जानिए पूरी क्राइम कहानी

STF की टीम ने जौनपुर के रहने वाले अमित सिंह टाटा को हिरासत में लेकर कई अहम बिंदुओं पर पूछताछ की है. माना जा रहा है कि पूछताछ से सिंडिकेट के और भी सदस्यों के नाम सामने आ सकते हैं, जिनके जरिए यह अवैध सप्लाई चेन वर्षों से चल रही थी. उधर, वाराणसी की कोतवाली थाने में पहले से ही अमित सिंह टाटा के पिता अशोक कुमार सिंह और उनकी फर्म के खिलाफ FIR दर्ज है.

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यह मामला भी प्रतिबंधित कफ सिरप और दवाओं की अवैध खरीद-फरोख्त से जुड़ा बताया जा रहा है. फिलहाल इस पूरे मामले को लेकर STF की ओर से कार्रवाई तेज कर दी गई है और आने वाले दिनों में नेटवर्क से जुड़े अन्य सदस्यों पर भी शिकंजा कसने की तैयारी है. माना जा रहा है कि यह सिंडिकेट पूरे उत्तर भारत में सक्रिय था और विदेशों तक इसकी सप्लाई लिंक फैली हुई थी.

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