एल्युमिनियम फॉइल की टोपी पहने नजर आ रहीं रशियन महिलाएं? वजह जान छूट जाएगी हंसी

रूस में कुछ महिलाएं इनदिनों एल्युमिनियम फॉइल से बनी टोपी पहने नजर आ रहे हैं सोशल मीडिया पर ऐसे कई फोटो और वीडियो वायरल हैं. इसकी वजह जान आप खुद को हंसने से नहीं रोक पाएंगे.

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एल्युमिनियम फॉइल की टोपी पहने महिलाएं (सोशल मीडिया ग्रैब) एल्युमिनियम फॉइल की टोपी पहने महिलाएं (सोशल मीडिया ग्रैब)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 26 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 5:46 PM IST

इन दिनों सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो और फोटो वायरल हो रहे हैं. इसमें रूस की महिलाएं एल्युमिनियम फॉइल से बनी अजीब टोपी पहने नजर आ रही हैं. कुछ वीडियो में रशियन महिलाएं टोपी बनाती हुई दिख रही हैं. आखिर ये ऐसा करने के पीछे वजह क्या है? 

सोशल मीडिया पर एल्युमिनियम फॉइल की टोपी पहने जिन अलग-अलग महिलाओं या उनके अलग-अलग ग्रुप का फोटो वायरल हो रहा है. वे सब शिक्षिका हैं. ये आखिर ऐसा कर क्यों रही हैं, इसके पीछे भी काफी दिलचस्प वजह है. दरअसल, इन महिलाओं के साथ एक ब्लॉगर ने प्रैंक कर के ऐसा करवाया है. इस प्रैंक की असलियत जान किसी की भी हंसी छूट जाए.

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दर्जनों स्कूली शिक्षिकाओं ने बनाई ये अजीब टोपी
एक बेलारूसी ब्लॉगर ने दर्जनों रूसी शिक्षकों को नाटो उपग्रहों के रेडिएशन से बचने के लिए एल्युमिमियम फॉइल की टोपी बनाने और उसे पहनने के लिए राजी कर लिया.ब्लॉगर व्लादिस्लाव बोखान  मजाक के लिए जाने जाते हैं. इस महीने की शुरुआत में वे तब सुर्खियों में आए जब उन्होंने दर्जनों रूसी शिक्षकों की रूसी ध्वज से सजी एल्युमिनियम फॉइल टोपी पहने हुए कई तस्वीरें जारी कीं.

खुद को ब्लॉगर ने बताया सत्तारूढ़ दल का अधिकारी
उन्होंने कथित तौर पर रूस के वोरोनिश क्षेत्र के कई स्कूलों से संपर्क किया. खुद को यूनाइटेड रूस (देश की सत्तारूढ़ पार्टी) की स्थानीय शाखा के एक अधिकारी के रूप में पेश किया और उन्हें 'हेलमेट ऑफ द फादरलैंड' नामक एक देशभक्ति मास्टर क्लास आयोजित करने का आदेश दिया. बोखान ने कहा  कि इन स्कूलों में काम करने वाले शिक्षक 'नाटो उपग्रहों के  विकिरण से खुद को बचाने के लिए अपनी तत्परता का प्रदर्शन करें'. इसके लिए एल्युमिनियम फॉइल टोपी बनाएं.  

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देशभक्ति का जज्बा दिखाने के लिए शिक्षिकाओं ने बनाई टोपी
उन्हें आश्चर्य हुआ कि जिन स्कूलों से उन्होंने संपर्क किया उनमें से सात ने वास्तव में बिना किसी सवाल के उनके निर्देशों का पालन किया. ब्लॉगर ने शिक्षिकाओं से कहा कि नाटो सदस्य रूसी लोगों को शारीरिक और जैविक रूप से रेडिएट करने की योजना बना रहे हैं. इसलिए, हमारे शिक्षकों को एल्युमिनियम फ़ॉइल टोपी जैसे आदिम सुरक्षा साधनों की मदद से इसका विरोध करना सीखना होगा.

यह सुनिश्चित करने के लिए कि शिक्षक 'एल्युमिनियम फॉइल हैट' को गूगल न करें और यह न समझें कि यह सब एक शरारत है. बेलारूसी ब्लॉगर ने ChatGPT का उपयोग कर टोपी बनाने के गाइड की कॉपी भी शिक्षिकाओं को दिया. उनकी योजना काम कर गई और  सात वोरोनिश स्कूलों में शिक्षकों ने NATO विकिरण से सुरक्षा के तात्कालिक साधन बनाने पर मास्टर क्लास आयोजित की.

एल्युमिनियम फॉइल टोपी पहनकर दिये पोज
इसमें कुछ ने अपने हाथ से बने हेडगियर को सजाया और अपने सिर पर रखकर पोज दिया और एक ने मास्टरक्लास में डिप्लोमा या भागीदारी का प्रमाण पत्र मांगा. बोखान को भेजे गए एक वीडियो में एक शिक्षक ने कहा अपने हाथों से बनाए गए हेलमेट को हमारे खूबसूरत देश के बाहरी दुश्मनों से सुरक्षा का साधन बनने दें. वहीं अन्य ने इस हैट को पहनने के अतिरिक्त लाभों के बारे में बताया.

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ऐसे हुआ इस मजाक का खुलासा
व्लादिस्लाव बोखान ने इस महीने की शुरुआत में सोशल मीडिया पर अपने मज़ाक का खुलासा किया और वोरोनिश शिक्षा मंत्रालय ने पुष्टि की कि जुलाई में क्षेत्र के कई स्कूल उसके प्रैंक का शिकार हुए. हालांकि, अपने बयान में, रूसी अधिकारियों ने शिक्षकों के 'रचनात्मक दृष्टिकोण' और देशभक्ति की भावना". की प्रशंसा करते हुए इस घटना को छुपाने की कोशिश की.हाल ही में एक साक्षात्कार में, बेलारूसी ब्लॉगर ने कहा कि उन्हें दिवंगत इतालवी लेखक अम्बर्टो इको के एक निबंध से यह  मज़ाक करने की प्रेरणा मिली. 

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