मलबे में दबे लोगों का पता लगा सकेगा अनूठा उपकरण

स्विट्जरलैंड के ईटीएच ज्यूरिख और आस्ट्रिया के यूनिवर्सिटी ऑफ इन्सब्रक के वैज्ञानिकों ने एक किफायती सेंसर विकसित किया है जो हल्का है और जिसे ड्रोन के सहारे घटनास्थल पर ले जाया जा सकता है.

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प्रतीकात्मक फोटो. प्रतीकात्मक फोटो.

अभि‍षेक आनंद

  • नई दिल्ली,
  • 23 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 4:05 PM IST

वैज्ञानिकों ने एक हल्का और सचल सेंसर विकसित किया है जो जीवन के बहुत हल्के संकेत भी पकड़ सकता है और भूकंप या हादसों में मलबे के नीचे दबे लोगों के बचाव में मददगार हो सकता है.

किसी हादसे में मकानों के ढहने के बाद पहला कदम मलबे के नीचे दबे लोगों को बचाना होता है. लेकिन ये एक बड़ी चुनौती होती है. इसीलिए स्विट्जरलैंड के ईटीएच ज्यूरिख और ऑस्ट्रिया के यूनिवर्सिटी ऑफ इन्सब्रक के वैज्ञानिकों ने एक किफायती सेंसर विकसित किया है जो हल्का है और जिसे ड्रोन के सहारे घटनास्थल पर ले जाया जा सकता है.

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‘एनालिटिकल केमिस्ट्री’ में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार वैज्ञानिक एक ऐसा हल्का सेंसर विकसित करना चाहते थे जो जिंदगी के हल्के से हल्के संकेत को पकड़ सके. इस सेंसर में यही कोशिश की गई है.

विनाशकारी घटना के बाद के घंटों में मलबे में दबे लोगों के बचने की उम्मीद तेजी से घटती है. लिहाजा उनकी तलाश तेजी से करना जरूरी होता है. अभी मानव को सूंघ पाने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित कुत्तों और ध्वनि पर आधारित उपकरणों की मदद ली जाती है. हालांकि, विशेष रूप से प्रशिक्षित कुत्तों की संख्या सीमित है और उनकी फौरी उपलब्धि सुनिश्चित करना मुश्किल होता है. इसके अलावा कई बार मलबे के नीचे दबे लोग बेहोश होते हैं.

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