गाजे-बाजे के साथ न‍िकली सांड की अंतिम यात्रा, नंदी बाबा के रूप में पूजते थे गांव वाले

मध्य प्रदेश के स‍िवनी ज‍िले में एक सांड की अंतिम यात्रा में गांव के लोग शामिल हुए. 10 दिन पहले हादसे में घायल होने के बाद सोमवार को सांड की मौत हो गई थी.

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सांड की अंत‍िम यात्रा. सांड की अंत‍िम यात्रा.

पुनीत कपूर

  • स‍िवनी ,
  • 08 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 11:25 AM IST
  • नंदी बाबा के नाम से जाने वाले सांड की धूमधाम से अंतिम यात्रा
  • ट्रैक्टर पर फूलों से सजाकर निकली सांड की अंतिम यात्रा
  • पूरे गांव में गाजे-बाजे के साथ निकली अंतिम यात्रा

मध्य प्रदेश के सिवनी ज़िले धूमधाम से निकली एक सांड की अंतिम यात्रा तो हर कोई हैरान रह गया. ये वाक़या स‍िवनी ज‍िले में गनेशगंज गांव का है जहां नंदी बाबा के नाम से मशहूर सांड की अंतिम यात्रा पूरे धूमधाम से निकाली गई. ट्रैक्टर पर फूलों से सजा कर सांड के शव को रखा गया और पूरे गांव का भ्रमण कराया गया.

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रघुपति राघव राजाराम, सीताराम सीताराम और हर हर महादेव के उद्घोष के साथ स्थानीय मोक्षधाम में पूरे विधि-विधान के साथ सांड का अंतिम संस्कार किया गया.

सांड का अंत‍िम संस्कर.

स्थानीय निवासी बृजेश तिवारी ने बताया क‍ि उनका अंतिम कार्यक्रम बड़ी ही श्रद्धा और विश्वास के उनको साक्षात नंदी मानकर किया गया. 

10 द‍िन पहले एक्सीडेंट में घायल हो गया था सांड 

दरअसल, गनेशगंज गांव में सांड को श्रद्धा और आस्था के साथ नंदी बाबा के रूप में पूजा जाता रहा है. 13 साल का सांड दस दिन पहले एक सड़क हादसे में घायल हो गया था, इसके बाद गांव के लोगों ने जेसीबी और ट्रैक्टर की मदद से स्थानीय बाज़ार चौक के पास ले जया गया, जहां पशु चिकित्सक की ओर से इलाज किया जा रहा था.

नंदी बाबा के रूप में पूजा जाता था सांड.

ज़्यादा गंभीर चोट होने की वजह से सोमवार को सांड की मौत हो गई. इसके बाद मंगलवार को गांव के लोगों ने पूरे धूम-धाम से सांड की अंतिम यात्रा निकालकर अंतिम संस्कार किया. इस दौरान गांव के युवाओं से लेकर बुज़ुर्ग तक तमाम लोग शामिल हुए. 

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