उत्तर कोरिया के सुप्रीम कमांडर किम जोंग उन सत्ता संभालने के बाद पहली बार किम जोंग उन किसी देश की यात्रा पर चीन पहुंचे. चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात और उसके राजनयिक मायनों के अलावा चर्चा एक ट्रेन को लेकर है जिससे किम चीन पहुंचे. कहा जा रहा है कि जिस ट्रेन से किम जोंग उन चीन पहुंचे वो ट्रेन रूस के स्टालिन से उनके परिवार को गिफ्ट में मिली थी. 1949 में उन के दादा किम इल संग इसी ट्रेन से मॉस्को गए थे. आइए जानते हैं इस ट्रेन की 5 खासियतें...
1. ट्रेन बुलेट प्रूफ है.
2. इसमें तमाम कार्यक्रम आयोजित करने के हिसाब से जगह बनाए गए हैं.
3. ट्रेन में खाने का भी भरपूर इंतजाम करता है और पीने का भी.
4. ट्रेन में लेडी कंडक्टर मनोरंजन के लिए होती हैं.
5. ट्रेन में मर्सिडिज गाड़ियां भी रहती हैं.
दरअसल, किम जोंग उन ही नहीं बल्कि उनके पिता किम जोंग-इल भी ऐसी ट्रेन से ही सफर करना पसंद करते थे. इसके पीछे सुरक्षा के कारण माने जाते हैं. किम जोंग इल को हवाई सफर से डर लगता था. अगर ट्रेन की खासियत की बात करें तो यह बुलेट ट्रेन के जमाने में बहुत ही स्लो है. इसकी अधिकतम रफ्तार 60 किमी प्रति घंटे है. हालांकि, इसके पीछे इसका भारी होना बताया जाता है. यह बुलेट प्रूफ है. सुविधाएं फाइव स्टार होटल जैसी हैं.
किम जोंग इल के साथ सफर करने वाले एक रूसी अफसर ने लिखा था कि इस ट्रेन में सफर के दौरान पेरिस की शराब, झींगा मछली और पोर्क की व्यवस्था होती थी. इतना ही नहीं, एंटरटेनमेंट के लिए लेडी कंडक्टर भी ट्रेन में थीं. बता दें कि उत्तर कोरिया में 20 ऐसे स्टेशन हैं जो किम जोंग उन के निजी इस्तेमाल के लिए बने हैं. इस ट्रेन में 21 आलीशान डिब्बे लगे हुए हैं. इतना ही नहीं इस ट्रेन में मर्सेडीज गाड़ियां भी हैं जो किम को ट्रेन से बाहर ले जाती हैं.
आपको बता दें कि किम जोंग उन चीन के चार दिवसीय दौरे पर रविवार को बीजिंग पहुंचे. राष्ट्राध्यक्ष बनने के बाद वह पहली बार अपने देश से बाहर निकले हैं. चीन के उच्चाधिकारियों का कहना है कि वह राष्ट्रपति शी जिनपिंग के आमंत्रण पर पहुंचे हैं और यह उनकी निजी यात्रा है.
अभिषेक आनंद