एक इंटेलिजेंस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यूक्रेन पर हमला टालने के लिए चीन ने रूस से रिक्वेस्ट किया था. दरअसल, चीन के अधिकारियों ने अपने रूसी समकक्षों से विंटर ओलंपिक के बाद यूक्रेन पर कार्रवाई करने को कहा था. और हुआ भी ऐसा ही.
अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने एक इंटेलिजेंस रिपोर्ट के आधार पर लिखा है कि चीन के सीनियर अधिकारियों को रूस के प्लान की भनक लग गई थी. उन्हें इस बात का अंदाजा था कि रूस यूक्रेन को लेकर कोई बड़ा कदम उठाने वाला है. इंटेलिजेंस रिपोर्ट इस ओर इशारा करती है.
वहीं इस दावे को लेकर अमेरिका में चीनी दूतावास के प्रवक्ता लियू पेंग्यु ने कहा- ये रिपोर्ट आधारहीन है. ये सिर्फ कयासबाजी है. इसका मकसद चीन को बदनाम करना है.
हालांकि इस इंटेलिजेंस रिपोर्ट पर यूएस स्टेट डिपार्टमेंट, सीआईए और व्हाइट हाउस नेशनल सिक्योरिटी ने प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया. खास बात ये भी है कि पश्चिमी नेता हफ्तों से यूक्रेन पर रूसी हमले की चेतावनी दे रहे थे. और फिर 24 फरवरी को यूक्रेन पर रूस के तीन तरफा हमले का खुलासा हुआ. वो भी बीजिंग विंटर ओलंपिक के खत्म होने के सिर्फ एक दिन बाद.
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक पश्चिमी इंटेलिजेंस सर्विस ने चीन और रूसी अधिकारियों के बीच हुए इस समझौते पर ये खुफिया रिपोर्ट तैयार की है. और फिर अधिकारियों की समीक्षा के बाद इसे विश्वसनीय बताया गया है.
खास बात ये भी है कि विंटर ओलंपिक के ओपनिंग सेरेमनी में हिस्सा लेने के लिए फरवरी में पुतिन बीजिंग पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने अपने चीनी समकक्ष शी जिनपिंग के साथ कई समझौते किए थे. दोनों देश आर्थिक और गैस की सप्लाई के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर राजी हुए थे.
यूक्रेन पर हमले के बाद रूस पर कई आर्थिक प्रतिबंध लगाए गए हैं. चीन ने इसकी निंदा की थी. और कहा था कि यूएस और उसके साथियों ने मॉस्को को उकसाया था. चीन एशियाई महाद्वीप में अमेरिका के पावर से चिंतित है. इसलिए वो रूस के साथ मिलकर पश्चिमी देशों को चुनौती देना चाहता है.
खास बात ये भी है कि यूक्रेन के साथ भी चीन के अच्छे संबंध रहे हैं. जनवरी 2022 में ही यूक्रेन और चीन के रिश्ते के 30 साल पूरे हुए. इस पर चीनी राष्ट्रपति शी जिंगपींग ने दोनों देशों के बीच बढ़ते राजनीतिक विश्वास का जिक्र किया था.
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