डॉक्टर ने की गलती... और 12 साल के लड़के का निकालना पड़ गया पूरा डायजेस्टिव सिस्टम

चीन में एक लड़के के पेट की सर्जरी में हुई गलती की वजह से उसका पूरा पाचन तंत्र ही बर्बाद हो गया. अब बच्चा न कुछ खा-पी नहीं सकता है. इंजेक्शन के सहारे उसके शरीर में पोषक तत्व पहुंचाए जाते हैं.

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डॉक्टर की एक गलती से लड़के के पेट से निकालना पड़ा पूरा पाचन तंत्र (Photo - AI Generated) डॉक्टर की एक गलती से लड़के के पेट से निकालना पड़ा पूरा पाचन तंत्र (Photo - AI Generated)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 13 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 8:42 AM IST

चीन में 12 साल का एक बच्चा ऐसी त्रासदी से गुजर रहा है, जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती. वह न ठीक से कुछ खा सकता है और न कुछ पी सकता है. ऐसा कुछ भी करने से उसकी हालत खराब होने लगती है. क्योंकि, डॉक्टरों की एक गलती की वजह से उसका पूरा डायजेस्टिव सिस्टम बाहर निकालना पड़ा. 

साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक,  12 साल के एक चीनी लड़के के पेट से ट्यूमर हटाने के लिए की गई सर्जरी में डॉक्टरों ने एक गलती कर दी. इस वजह से उसका पूरा पाचन तंत्र नष्ट हो गया.

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शहर- दर- शहर बेटे के इलाज के लिए घूम रही मां
पिछले दो सालों से उसकी मां बेटे को इलाज के लिए चीन के विभिन्न शहरों में ले जा रही है. विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि उसे ट्रांसप्लांट सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है.

इंजेक्शन के सहारे दिया जाता है पोषक तत्व
पूर्वी चीन में एक 12 साल का लड़का, जिसका पाचन तंत्र एक चिकित्सीय भूल के कारण लगभग पूरी तरह से नष्ट हो गया था. वह अब इंट्रावेनस (IV) पोषण पर जीवित है. यानी इंजेक्शम के माध्यम से सीधे पोषक तत्व बच्चे के खून तक पहुंचाई जाती है.

 26 अक्टूबर, 2023 को 10 वर्ष की आयु में इस लड़के को शांदोंग प्रांत के चेंगवु काउंटी पीपुल्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जब स्कूल के खेल के मैदान में एक बच्चे ने गलती से उसके पेट पर चोट लगा दी थी. इसके बाद उसे तेज दर्द हुआ था.

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चोट लगने से पेट में बन गया था गांठ
नियमित जांच के दौरान, डॉक्टरों को लड़के के पेट में एक गांठ का पता चला. डॉक्टरों ने इसके लिए लेप्रोस्कोपिक सर्जरी करने का विकल्प चुना. जैसे ही लड़का दोपहर के समय ऑपरेशन रूम में पहुंचा, कुछ जटिलताएं पैदा हो गईं. इससे सर्जरी 14 घंटे तक चली और यह बेहद कष्टदायक रही. नतीजतन, उसके लगभग सभी पाचन अंग निकाल दिए गए.

14 घंटे तक चली सर्जरी
लड़के की मां ने बताया कि यह मेरे जीवन का सबसे लंबा इंतजार था. डॉक्टर बार-बार आते थे और हमसे अलग-अलग सर्जरी के सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर करने को कहते थे. उन्होंने रक्तस्राव की समस्या का भी जिक्र किया. फिर लैपरोटॉमी का सुझाव दिया और जोर देकर कहा कि उन्हें कुछ अंग निकालने होंगे. आखिरकार, हमने ऐसे चार सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किए.

एक-एक कर निकाल दिए गए पाचन अंग
सर्जरी के बाद बच्चा अब जीवित रहने के लिए इंट्रावेनस IV पोषण पर निर्भर है. उसका वजन काफी कम हो गया है. बच्चे की मां के अनुसार, सर्जरी शुरू होने के कुछ ही समय बाद, डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि अत्यधिक रक्तस्राव के कारण लैपरोटॉमी जरूरी है.

जब उन्होंने और उनके पति ने अपने बेटे को किसी उच्च-स्तरीय अस्पताल में स्थानांतरित करने का सुझाव दिया, तो डॉक्टरों ने यह कहते हुए इस विचार को खारिज कर दिया कि उस समय वह स्थानांतरण के लिए उपयुक्त नहीं था.

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पैनक्रेयाज में बन गया था ट्यूमर
इसके बाद, डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि उनके पैनक्रेयाज में एक बड़ा ट्यूमर है, जिसके कारण पैनक्रेयाज और ड्यूडोनम दोनों को निकालना आवश्यक हो गया. मां ने बताया कि इन सर्जरी के लिए सहमति देने के लिए उन पर दबाव डाला गया. अन्यथा, डॉक्टरों ने उन पर आवश्यक उपचार में बाधा डालने का आरोप लगाया.

मां ने बताया कि इन दो अंगों के अलावा, डॉक्टरों ने छोटी आंत और पित्ताशय के कुछ हिस्से भी निकाले. उन्होंने मेरे बेटे के पेट का दो-तिहाई हिस्सा निकाल दिया, जिससे उसकी बड़ी आंत का केवल 50 सेमी हिस्सा ही बचा है.

अस्पताल ने दिया 28 हजार डॉलर का मुआवजा
बच्चे की मां के अनुसार, अस्पताल ने परिवार को 200,000 युआन (28,000 अमेरिकी डॉलर) का मुआवजा दिया है, जो कि लड़के की निरंतर देखभाल के लिए आवश्यक चिकित्सा व्यय से काफी कम है. पिछले दो वर्षों से महिला अपने बेटे को इलाज के लिए चीन के अन्य शहरों में ले जा रही हैं.

दूसरे जगह विशेषज्ञों ने संकेत दिया है कि संभावित समाधान में निकाले गए अंगों के लिए प्रत्यारोपण सर्जरी हो सकती है. हालांकि संगत अंगों को खोजने की संभावना कम है. इसके अलावा, जीवन भर एंटी-रिजेक्शन दवाओं की आवश्यकता के कारण परिवार पर भारी वित्तीय दबाव पड़ेगा.

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बच्चा कुछ खा-पी नहीं सकता
मां ने कहा कि हम अपने बेटे को बचाने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं. हम अपने बेटे की सच्चाई जानने के लिए सर्जिकल सर्विलांस रिकॉर्ड तक पहुंचना चाहते हैं.मेरा बेटा अक्सर मुझसे पूछता है - मां, मैं न तो खा सकता हूं और न ही पी सकता हूं. ऐसे जीने का क्या मतलब है?

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