बेंगलुरु (Bengaluru) में किराए के घर को लेकर एडवांस या डिपॉजिट सिस्टम बाकी शहरों से काफी अलग और चर्चा में रहता है. अभी हाल ही में कनाडा के शख्स का एक पोस्ट वायरल हो रहा है, जिसमें उसने बताया कि बेंगलुरु में किराए के घर के लिए उसे 19 लाख रुपये एडवांस देने पड़े. तो चलिए जानते हैं क्या है मामला.
जानें क्या है मामला?
वर्तमान में आइजोल में रह रहे एक कनाडाई व्यक्ति, जो बेंगलुरु में शिफ्ट होने की योजना बना रहे हैं, उनका पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिसमें उन्होंने बताया कि उसे बेंगलुरु में किराए के घर के लिए 19 लाख रुपये एडवांस देने पड़े. इस पोस्ट की सोशल मीडिया पर काफी चर्चा हो रही है. एक्स पर वायरल हो रहे इस पोस्ट में, कैलेब फ्राइसन ने बेंगलुरु के अपस्केल डायमंड डिस्ट्रिक्ट, डोम्लुर में एक 3BHK फ्लैट की लिस्टिंग शेयर की. जिसमें मासिक किराया 1.75 लाख रुपये और सिक्योरिटी डिपॉजिट के लिए 19.25 लाख रुपये था.
'सिक्योरिटी डिपॉजिट से खरीद सकता हूं थार'
उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा, "सिक्योरिटी डिपॉजिट के लिए 19 लाख रुपये! आजकल मकान मालिक जो उम्मीद कर रहे हैं, वह बिल्कुल बेतुका है. मैं वाकई इस डिपॉजिट से भी कम में एक नई महिंद्रा थार खरीद सकता हूं. कैलेब ने यह भी पूछा कि क्या कोई उन्हें इंदिरानगर या उसके आस-पास 2-3 महीने की डिपॉजिट के साथ घर ढूंढ़ने में मदद कर सकता है, जिससे उनका किराया बजट 80,000 रुपये से 1 लाख रुपये के बीच रहे.
एक अन्य यूजर ने मुंबई की स्थिति की तुलना करते हुए कहा, "मुझे खुशी है कि बेंगलुरु रियल एस्टेट की यह संस्कृति मुंबई तक नहीं पहुंची है. यहां एक मकान मालिक ने 4BHK के लिए 3 महीने की मानक जमा राशि के साथ 5 लाख रुपये प्रति महीने मांगे. किराएदार ने किराया घटाकर 4 लाख रुपये प्रतिमाह करने के लिए 5 महीने की जमा राशि देने की पेशकश की तो मकान मालिक ने मना कर दिया. एक यूजर ने कहा: "यह पूरी तरह से पागलपन है, मकान मालिक ऐसे व्यवहार कर रहे हैं जैसे वे इंदिरानगर में 2BHK नहीं, बल्कि मार्स को किराए पर दे रहे हों.
बेंगलुरु में क्या है किराए का सिस्टम?
बेंगलुरु में रहने वाले गौतम खुराना का कहना है कि बेंगलुरु में किराए का एडवांस सिस्टम काफी अलग है. यहां सिक्योरिटी डिपॉजिट काफी ज्यादा लिया जाता है. आपको बता दें कि बेंगलुरु में मकान मालिक आमतौर पर 6 महीने से लेकर 10 महीने तक का किराया बतौर सिक्योरिटी डिपॉजिट लेते हैं. कई बार तो यह रकम लाखों में भी पहुंच जाती है, खासकर पॉश इलाकों या बड़े फ्लैट्स में. बड़े IT सेक्टर, स्टार्टअप और विदेशी कंपनियों के कारण किराए बहुत ऊंचे हैं. वहां रहने वाले लोग लोकेशन, स्कूल, ऑफिस की नजदीकी के हिसाब से ज्यादा एडवांस देने को मजबूर होते हैं.
19 लाख रुपये एडवांस कैसे?
यह मामला हाई-एंड प्रॉपर्टी या लग्जरी अपार्टमेंट्स का होता है, अगर कोई फ्लैट का मासिक किराया ₹1.5 लाख से ₹2 लाख तक है, तो 10 महीने का डिपॉजिट सीधे 15 से 20 लाख रुपये तक पहुंच सकता है.
क्यों लेते हैं इतना ज्यादा एडवांस?
मकान मालिक खुद को नुकसान से बचाने के लिए और प्रॉपर्टी डैमेज, किराया न चुकाने या लीगल विवाद से सेफ्टी के लिए लेते हैं. इसके अलावा बेंगलुरु में बड़ी संख्या में ट्रांसफरेबल नौकरी वाले लोग आते हैं, इसलिए मालिक स्थायी गारंटी चाहते हैं
क्या है रेंटल रेगुलेशन ड्राफ्ट
कर्नाटक सरकार ने 2017 में रेंटल रेगुलेशन ड्राफ्ट लाने की कोशिश की थी, जिसमें 2-3 महीने से ज्यादा डिपॉजिट पर रोक लगाने की बात थी, लेकिन वह लागू नहीं हुआ. इसलिए प्रैक्टिकल तौर पर अभी भी 6 से 10 महीने का डिपॉजिट आम है.
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