कूड़े में फेंके '1 अरब रुपये', एक बेवकूफी से फूट गई महिला की किस्मत!

न्यूयॉर्क की एक 77 साल की महिला जेनेट वैलेंटी ने बताया है कि कैसे अपनी एक बेवकूफी के चलते आज से 30 साल पहले उन्होंने लगभग 1 अरब रुपये गवां दिए थे. उसने बताया कि कैसे उसकी किस्मत एक दिन में बदल सकती थी लेकिन उसे गरीबी में जिंदगी काटनी पड़ी.

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सांकेतिक तस्वीर (फोटो- Freepik) सांकेतिक तस्वीर (फोटो- Freepik)

aajtak.in

  • नई दिल्ली ,
  • 25 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 6:20 PM IST

एक 77 साल की महिला ने खुलासा किया है कि कैसे 30 साल से पहले अपनी एक बेवकूफी के चलते 12 मिलियन डॉलर (लगभग 1 अरब रुपये) गंवा दिए और सारी जिंदगी अपने बच्चों को गरीबी में पालते हुए काटी. न्यूयॉर्क की जेनेट वैलेंटी, अपने पति ब्रूनो की 1984 में दुखद मौत के बाद, अपने दो बच्चों, केविन और जेनिफर मुश्किल से पालन-पोषण कर रही थीं. 

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कचरे में फेंक दिए 1 अरब रुपये?

उन्होंने  17 जुलाई, 1991 को  ग्रेनाइटविले में डेलिसटेसन जे.एन.जे. में $1 का लॉटरी टिकट खरीदा. उसी दिन  वह अपने दोस्त के वीकेंड बिताने के लिए निकल गई. अगले दिन एक दोस्त ने उसे बताया कि स्टेटन द्वीप में एक विनिंग टिकट बेचा गया था, जब जेनेट ने विनिंग लॉटरी नंबर चेक किया तो उसे मालूम हुआ कि वह  12 मिलियन डॉलर (लगभग 1 अरब रुपये) जीत गई है. उसने घर जाकर टिकट ढूंढना शुरू किया तो उसे याद आया कि घूमने निकलते हुए उसने जल्दबाजी में टिकट को अपने घर में कूड़े में फेंक दिया था.

'जिंदगी में पहली बार पड़ोसी ने मेरा कूड़ा उठाया'

'हड़बड़ी में जेनेट ने कूड़े से टिकट ढूंढ़ने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं मिली. वैलेंटी ने स्टेटन आइलैंड एडवांस को बताया, 'मेरी पड़ोसन, जिसने पूरे जीवन में, मेरी साइड का कूड़ा नहीं फेंका था उसने बस उसी दिन मेरा कूड़ा फेंक दिया था. इसके बाद कचरा गाड़ी कचरा ले गई और जिंदगी बदल देने वाले मेरे एक अरब रुपये भी.'

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'परेशान रही और लंबे समय तक बीमार रही'

जेनेट ने अपनी गलती समझाने की कोशिश करने के लिए तुरंत वकीलों से कॉन्टैक्ट किया, लेकिन उसे बताया गया कि पुरस्कार का दावा करने का एकमात्र तरीका लॉटरी टिकट है. उन्हें बताया गया कि खुदरा विक्रेता से टिकट खरीदने का सीसीटीवी फुटेज भी किसी काम नहीं आ सकता . वैलेंटी ने स्टेटन आइलैंड एडवांस को याद करते हुए बताया, "मैं कुछ मिलने से पहले खो चुकी थी इसलिए लंबे समय तक बीमार रही. "

राज्य लॉटरी नियमों के अनुसार, विजेता टिकट की खरीद के एक साल बाद 17 जुलाई 1992 तक ही दावा किया जा सकता था. इसके साथ ही 12 मिलियन डॉलर का पुरस्कार बेकार हो गया और अंततः इसे राज्य लॉटरी फंड में वापस कर दिया गया. यह उस समय राज्य के इतिहास में सबसे बड़ा लावारिस लॉटरी पुरस्कार कहलाया.

'एक दिन तो फिर जीतूंगी'

हालांकि, जेनेट को विनिंग टिकट खो देने को लेकर अब कोई शिकायत नहीं है और उनका मानना ​​है कि इससे उनके जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता था. वैलेंटी ने स्टेटन आइलैंड एडवांस को बताया, "उस तरह के पैसे को देखते हुए, चीजें खराब हो सकती हैं. कौन जानता है कि अगर मेरे पास वह पैसा होता तो क्या होता? दो बच्चों की माँ ने कहा कि वह अभी भी इस उम्मीद में लॉटरी खेलती है कि एक दिन वह फिर से जीतेंगी और इस बार अपना टिकट अपने पास रखती है. उन्होंने कहा, "मुझे अब तक मिले इनाम में मैक्सिमम फ्री खेल या कुछ डॉलर हैं." 

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