कांच के टुकड़ों जैसा बिखर सकता है विशाल ग्लेशियर, वैज्ञानिकों ने दी खतरे की चेतावनी

अंटार्कटिका के थवेट्स ग्‍लेशियर (Thwaites Glacier) में तेजी से दरार आ रही है. रिसर्चर्स ने चेताया है कि अगर यह टूटता है तो दुनिया में 25 इंच तक समुद्र का जलस्‍तर बढ़ जाएगा. साथ ही इससे कई स्थानों को भी नुकसान होगा.

Advertisement
Photo- UHEAS Photo- UHEAS

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 14 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 10:26 PM IST
  • अंटार्कटिका के ग्‍लेशियर थवेट्स में दरार आना शुरू
  • यह ग्लेशियर अमेरिका के फ्लोरिडा राज्‍य के बराबर है
  • इससे समुद्र का जलस्‍तर 25 इंच तक बढ़ जाएगा

अंटार्कटिका के थ्वाइट्स ग्लेशियर (Thwaites Glacier) में लंबी दरार आना शुरू हो गई है, जिससे धरती को खतरा हो सकता है. बता दें, यह ग्‍लेशियर 170,312 किमी लंबा है. जो कि अमेरिका के फ्लोरिडा राज्‍य के बराबर है.

'डेली मेल' पर छपी एक खबर के मुताबिक, विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगले पांच साल में थ्वाइट्स ग्लेशियर टूट जाएगा. इससे दुनियाभर के समुद्र का जलस्‍तर 25 इंच तक बढ़ जाएगा. और कई स्थानों को इससे नुकसान हो सकता है.

Advertisement

सोमवार को जारी किए गए नए डेटा से पता चला है कि महासागरों का तापमान गर्म होने से थ्वाइट्स ईस्टर्न आइस शेल्फ़ अपनी पकड़ खो रही है, जो इसे बाकी ग्लेशियर में बनाए रखने के लिए एक पिनिंग पॉइंट का काम करता है. विशेषज्ञों ने चेताया कि इस ग्‍लेशियर में आ रही दरार की गति काफी तेज है. इस बर्फ से निकला पानी वैश्विक स्‍तर पर समुद्र में जलस्‍तर में कुल बढ़ोतरी का चार प्रतिशत होगा.

Photo- The American Geophysical Union

अमेरिकन जियोफिजिकल यूनि‍यन की वार्षिक बैठक में पेश किए गए सैटलाइट आंकड़ों पर गौर करें तो, इसमें दिखाई दे रहा है कि ग्‍लेशियर में कई सारी विशाल और तिरछी दरारें हैं. रिसर्चर्स ने कहा, 'अगर तैरते हुए बर्फ की चट्टान टूटती है तो थवेट्स ग्‍लेशियर से वैश्विक स्‍तर पर समुद्र का जलस्‍तर 25 फीसदी तक बढ़ जाएगा.''

Advertisement

विशेषज्ञ प्रफेसर टेड स्‍काबोस ने बीबीसी से बातचीत में कहा, 'ग्‍लेशियर पर एक दशक से भी कम समय में बड़ा बदलाव होने जा रहा है. काफी सारे रिसर्च इस दिशा में इशारा करते हैं.''

Photo- Nature

ओरेगांव स्‍टेट यूनिवर्सिटी के रिसर्च चीफ इरिन पेट्ट‍िट ने कहा कि इससे वैश्विक स्‍तर पर समुद्र के जलस्‍तर में तीन गुना रफ्तार से तेजी आएगी. यही नहीं, इस ग्‍लेशियर के टूटने के बाद और भी कई अन्य ग्‍लेशियर अंटार्कटिका से अलग होंगे.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement