नॉर्थ कोरिया बीते कुछ सप्ताह से दुनियाभर में चर्चा में है. वहीं, अमेरिकी मिलिट्री किसी आकस्मिक घटना के मद्देनजर अपने ऑपरेशन प्लान (OPLAN) 5029 को रिव्यू कर रही है. यह प्लान नॉर्थ कोरिया के न्यूक्लियर हथियारों से जुड़ा है. आइए जानते हैं क्या है ऑपरेशन प्लान 5029- (फाइल फोटो)
अमेरिका का ऑपरेशन प्लान 5029 उस स्थिति के लिए है जब अचानक किसी वजह से नॉर्थ कोरिया की सत्ता अस्थिर हो जाए. बता दें कि नॉर्थ कोरिया और अमेरिका, सालों से एक दूसरे के विरोधी रहे हैं और दोनों देश युद्ध की धमकियां भी देते रहे हैं. हालांकि, नॉर्थ कोरिया के शासक किम जोंग उन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात के बाद स्थिति कुछ हद तक बदली है.
बीते साल किम जोंग उन और डोनाल्ड ट्रंप की वार्ता में भी अमेरिका का फोकस नॉर्थ कोरिया को परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए तैयार करना था. इससे पहले परमाणु हथियारों के परीक्षण की वजह से अमेरिका ने नॉर्थ कोरिया पर तमाम तरह के प्रतिबंध लगा दिए थे.
अगर नॉर्थ कोरिया में अचानक अस्थिरता आ जाती है तो यूनाइटेड स्टेट्स फोर्सेज कोरिया (USFK) के कमांडर के पास यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी आ जाएगी कि नॉर्थ कोरिया के न्यूक्लियर हथियार का इस्तेमाल नहीं हो. उन्हें यह भी देखना होगा कि कहीं अंतरराष्ट्रीय ब्लैक मार्केट में नॉर्थ कोरिया के न्यूक्लियर हथियारों को बेच न दिया जाए. (फोटो में USFK जनरल रॉबर्ट ब्रुस)
OPLAN 5029 की मौजूदगी को सार्वजनिक तौर पर अमेरिकी मिलिट्री ने पहली बार 1999 में स्वीकार किया था. तब USFK के कमांडर जेएच तिलेली जूनियर ने कहा था- यह असमान्य होगा अगर हमारे पास ऐसा प्लान ना हो.
OPLAN 5029 का उद्देश्य है, नॉर्थ कोरिया के न्यूक्लियर हथियार और बॉर्डर को सिक्योर करना जब वहां की सरकार काम न कर पा रही हो या फिर न्यूक्लियर हथियारों का कंट्रोल अनिश्चित हो. अमेरिका को इस बात का भी डर रहता है कि नॉर्थ कोरिया के न्यूक्लियर हथियार कोई और न इस्तेमाल कर ले या कहीं चोरी न हो जाए.
MIT के नॉर्थ कोरिया न्यूक्लियर स्पेशलिस्ट विपिन नारंग कहते हैं कि सबसे बड़ा सवाल है कि किन इंडिकेटर के आधार पर OPLAN 5029 को अमल में लाया जाएगा. क्योंकि एक देश अगर दूसरे देश को सुरक्षित करने की कोशिश करता है तो इसे आक्रमण भी समझा जाता है.
हाल ही में जब अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो से किम जोंग उन के स्वास्थ्य के बारे में पूछा गया था तो उन्होंने कहा था कि अमेरिका परमाणु निरस्त्रीकरण को लेकर काम करता रहेगा भले ही नॉर्थ कोरिया के भीतर स्थिति कुछ भी हो. बता दें कि करीब 20 दिन तक सार्वजनिक तौर से दिखाई नहीं देने के बाद एक मई को किम जोंग उन एक कार्यक्रम में नजर आए थे.
अमेरिका के हवाई में स्थित थिंक टैंक पैसिफिक फोरम के राल्फा कोसा ने कहा है कि अगर
अमेरिका के पास नॉर्थ कोरिया जाने और न्यूक्लियर हथियारों को सुरक्षित करने
का प्लान नहीं है और अगर हम इस हद तक नहीं जानते कि हथियार कहां पर हैं तो
हम अपना काम नहीं कर रहे हैं.