स्पेन के गांव की 400 साल पुरानी वो रस्म, जहां बच्चों के ऊपर से कूदते हैं लोग!

स्पेन का एक छोटा सा गांव, जहां हर साल ऐसा नजारा देखने को मिलता है जिसे देखकर लोग दंग रह जाते हैं. जो कि सुनने में डरावना लगेगा, लेकिन इस रस्म को लोग पवित्र मानते हैं.

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स्पेन का सबसे अनोखा त्योहार (Photo: facebook.com/ @Myra Clergé) स्पेन का सबसे अनोखा त्योहार (Photo: facebook.com/ @Myra Clergé)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 02 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:38 AM IST

क्या आप ऐसे अनोखे त्योहारों को अपनी ट्रैवल बकेट लिस्ट में शामिल करना पसंद करते हैं, जो आपको संस्कृति और सदियों पुरानी परंपराओं के बिल्कुल करीब ले जाएं? अगर हां, तो उत्तरी स्पेन के एक छोटे से गांव कैस्ट्रिलो डी मर्सिया का रुख कीजिए. यह शांत सा गांव हर साल एक ऐसे अविश्वसनीय नजारे का मंच बन जाता है जिसे देखकर पूरी दुनिया हैरान और भयभीत रह जाती है, लेकिन स्थानीय लोग इसे पवित्र मानते हैं. हम बात कर रहे हैं 'एल कोलाचो' या 'शैतान की छलांग' नाम की एक 400 साल से भी पुरानी रस्म की.

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क्या है यह अनोखी रस्म?

यह त्योहार कैथोलिक पर्व 'कॉर्पस क्रिस्टी' के बाद जून के महीने में मनाया जाता है. इस उत्सव के केंद्र में एक असाधारण दृश्य होता है. पीले और लाल रंग के शैतानों के वेश में सजे-धजे पुरुष गांव की संकरी गलियों में दौड़ते हैं. लेकिन निर्णायक क्षण तब आता है जब ये शैतान, जिसे एल कोलाचो कहा जाता है, जमीन पर रखे गद्दों पर लेटे छोटे शिशुओं की पंक्तियों के ऊपर से छलांग लगाता है. यह दृश्य बाहरी पर्यटकों को भले ही दिल दहलाने वाला लगे, पर स्थानीय लोगों के लिए यह शुद्धिकरण का एक पवित्र कार्य है.

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350 साल पुरानी पवित्र रस्म (Photo: facebook.com/ @Myra Clergé)

पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र

यह रस्म सदियों पुरानी मान्यताओं को कैथोलिक परंपरा के साथ जोड़ती है. ऐतिहासिक रूप से, इस छलांग का मानना ​​है कि यह शिशुओं को मूल पाप से मुक्त करती है, उन्हें बीमारियों से बचाती है और दुर्भाग्य को दूर रखती है. यही कारण है कि कैस्ट्रिलो डी मर्सिया के माता-पिता, और अब पूरे स्पेन से आए परिवार, स्वेच्छा से अपने बच्चों को इस अनुष्ठान में शामिल होने के लिए आगे लाते हैं.

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यही अनोखी और विवादास्पद प्रकृति इस छोटे से गांव को जिज्ञासु पर्यटकों और फोटोग्राफरों के लिए एक प्रमुख आकर्षण बनाती है. दुनियाभर के ट्रैवलर्स इस जीवंत, ऐतिहासिक और थोड़ा अजीबोगरीब दृश्य को अपनी आंखों से देखने के लिए हर साल जून में यहां आते हैं.

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सुरक्षा और धार्मिक मान्यता

पर्यटकों के मन में सुरक्षा को लेकर सवाल उठना स्वाभाविक है, लेकिन सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि 400 सालों से निभाई जा रही इस रस्म के कारण कथित तौर पर कभी कोई दुर्घटना नहीं हुई है. "शैतान" की भूमिका निभाने वाले पुरुष छलांग लगाने का गहन अभ्यास करते हैं और बच्चों को पूरी तरह से सुरक्षित रखने के लिए बेहद सावधानी बरतते हैं.

स्थानीय परंपरा के अनुसार, यह छलांग बुराई का प्रतीक है जो मासूमियत से दूर भागती है. रस्म के बाद, बर्गोस के आर्कबिशप या कैथोलिक पादरी इन शिशुओं को पवित्र जल से आशीर्वाद देते हैं, जिससे यह रस्म भक्ति, लोकगीत और सामुदायिक गौरव का एक अद्भुत मिश्रण बन जाती है.

सिर्फ छलांग नहीं, पूरा उत्सव है

एल कोलाचो सिर्फ शिशुओं पर कूदने तक सीमित नहीं है. यह पूरे गांव का उत्सव है. इस दौरान सड़कों पर सफेद चादरें और सुंदर मेजपोश बिछाए जाते हैं जो पवित्रता और बुराई को भगाने का प्रतीक होते हैं. दिन की शुरुआत भव्य जुलूस और सामूहिक भोजन से होती है. यह अनुष्ठान पीढ़ियों को जोड़ता है और यूरोप के प्राचीन लोकगीतों और आधुनिक आस्था के बीच एक जीवंत सांस्कृतिक अनुभव प्रदान करता है, जो इसे ट्रैवल लवर्स के लिए एक अविस्मरणीय गंतव्य बनाता है. 

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