32 साल उम्र, 40 देशों की यात्रा और अब मौत... अनुनय सूद की कहानी

कॉर्पोरेट नौकरी छोड़कर दुनिया घूमने निकला एक लड़का, जिसने सपनों को हकीकत बना दिया. पर जिंदगी की इस कहानी का आखिरी पन्ना किसी ने नहीं सोचा था... अनुनय सूद अब सिर्फ अपनी तस्वीरों में जिंदा हैं.

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अनुनय सूद का निधन (फाइल फोटो) अनुनय सूद का निधन (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 06 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 1:14 PM IST

जाने-माने ट्रैवल इन्फ्लुएंसर और फोटोग्राफर अनुनय सूद का असमय निधन एक ऐसी खबर है जिस पर लोगो को विश्वास करना मुश्किल हो रहा है. मात्र 32 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कहने वाले अनुनय की मौत की खबर ने हर किसी को परेशान कर दिया है. परिवार ने भले ही इंस्टाग्राम के माध्यम से उनके निधन की पुष्टि कर दी हो, लेकिन उनकी मौत का कारण अभी भी रहस्य बना हुआ है. जानकारी के अनुसार, अनुनय अपनी आखिरी यात्रा के दौरान अमेरिका के लास वेगास में थे और वहीं से उनकी आखिरी सोशल मीडिया पोस्ट भी आई थी. 

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उनके इंस्टाग्राम अकाउंट को देखकर लगता है कि वो कितने जिंदादिल इंसान थे, दुनिया के 40 देशों में सफर करने के बाद भी उन्हें भारत से बेहद लगाव था, उनके कई पोस्ट इसकी गवाही देते हैं. बनारस की गलियों से लेकर मनाली की बर्फीली पहाड़ियों तक घूमते हुए अनुनय ने कई वीडियो शेयर किए थे.

  

अनुनय सूद सिर्फ एक इन्फ्लुएंसर नहीं थे, वह लाखों युवाओं के लिए एक सपने का नाम थे, जिन्होंने दिखाया कि एक सुरक्षित कॉर्पोरेट नौकरी के दायरे से निकलकर भी अपने जुनून को पूरा किया जा सकता है. उनके इंस्टाग्राम पर 14 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स और यूट्यूब पर 3.84 लाख सब्सक्राइबर उनकी प्रेरणादायक उपस्थिति की गवाही देते हैं. 40 से अधिक देशों की यात्रा, फोर्ब्स इंडिया की टॉप डिजिटल स्टार्स की सूची में लगातार तीन बार जगह और नेशनल जियोग्राफिक जैसे प्रतिष्ठित प्रकाशनों में शामिल होना. यह सब कुछ उन्होंने अपनी कम उम्र में हासिल किया.

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 कॉर्पोरेट जॉब छोड़कर बने ट्रैवल ब्लॉगर

अनुनय सूद का सफर किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं था. उनके करियर की शुरुआत किसी भी सामान्य युवा पेशेवर की तरह एक कॉर्पोरेट जॉब से हुई थी. लेकिन इस नौकरी का उद्देश्य केवल वेतन कमाना नहीं था, बल्कि अपनी यात्राओं के लिए पूंजी जुटाना था. वह अपनी यात्रा की लालसा को कभी नजरअंदाज नहीं कर पाए. उनके भीतर यात्रा फोटोग्राफी और नई जगहों को खोजने का आकर्षण इतना गहरा था कि उन्होंने अपना पैशन पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत की.

वह खुद बताते थे कि यह बदलाव रातों-रात नहीं आया. इसके लिए उन्होंने यात्रा योजना में क्रांति लाने वाले प्लेटफॉर्म्स, जैसे स्काईस्कैनर, की मदद ली. उनके लिए यह सिर्फ एक ऐप नहीं था, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय यात्रा के लिए एक प्रवेश द्वार था. 'हर जगह'  सर्च उनका सबसे बड़ा ट्रैवल हैक था, जिसने उन्हें हजारों ट्रैवल साइट्स की कीमतों के आधार पर गंतव्यों को खोजने में मदद की. अनुनय ने अपनी सूझबूझ और बजट प्रबंधन से यह साबित किया कि घूमना सिर्फ अमीरों का शौक नहीं, बल्कि एक सुनियोजित प्रयास का परिणाम हो सकता है. यह उनका पहला और सबसे महत्वपूर्ण एंगल था, जिसने लाखों कामकाजी युवाओं को यह भरोसा दिलाया कि वे भी रोमांचक छुट्टियों का सपना देख सकते हैं.

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स्काईस्कैनर से 'एवरीवेयर एजेंट' तक

अनुनय सूद की विश्वसनीयता और यात्रा कौशल ने उन्हें एक खास पहचान दिलाई. एक रिपोर्ट के मुताबिक, जब उन्हें भारत के लिए 'एवरीवेयर एजेंट' बनने का अवसर मिला, तो यह उनके लिए एक व्यक्तिगत उपलब्धि थी. यह सहयोग साधारण प्रचार से कहीं ज्यादा था. यह यात्रियों को उन अनुभवी विश्वभ्रमणकर्ताओं से जोड़ना था, जिन्होंने दुनिया के हर कोने में कदम रखा है.

उनकी पेशेवर साख इतनी मजबूत थी कि उन्होंने कई बड़े नामों के साथ सफलतापूर्वक सहयोग किया. उन्होंने स्विट्जरलैंड टूरिज्म, विजिट सऊदी, न्यूजीलैंड टूरिज्म बोर्ड, ओप्पो, एयरटेल और कई अन्य शीर्ष ब्रांडों के साथ सहयोग किया था. यह उनके प्रभाव और भरोसे का प्रमाण था.

अनुनय ने अपनी यात्राओं के माध्यम से सिर्फ तस्वीरें नहीं लीं, बल्कि ढेर सारे उपयोगी यात्रा सुझाव भी तैयार किए. वह एक ऐसे पेशेवर की विशिष्ट आवश्यकताओं को समझते थे जो कॉर्पोरेट काम और रोमांचक छुट्टियों के बीच संतुलन बनाना चाहता है. उनका मिशन स्पष्ट था यात्रा के अनुभव को अधिक सुगम, सुखद और सुलभ बनाना. 'एवरीवेयर एजेंट' के रूप में, उन्होंने सिर्फ जगहों का प्रचार नहीं किया, बल्कि एक भरोसेमंद मार्गदर्शक की भूमिका निभाई, जिससे उनकी ब्रांड वैल्यू और फॉलोअर्स के साथ उनका भावनात्मक जुड़ाव और भी गहरा हो गया.

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फोटोग्राफी: हर पल को कैद करने का जुनून

यात्रा के प्रति अनुनय का प्रेम और पलों को कैमरे में कैद करने की उनकी चाहत, दोनों एक-दूसरे के पूरक थे. उन्हें पहाड़ों से विशेष लगाव था. उनके लिए, फोटोग्राफी एक माध्यम बन गया जिसके जरिए वह उन खास पलों को समय में कैद कर सकते थे. उन्होंने डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को अपना कैनवास बनाया और ऐसे कंटेट बनाने शुरू किए जो न केवल उनकी निजी यात्राओं का रिकॉर्ड था, बल्कि दूसरों को भी यात्रा करने के लिए प्रेरित करती थी. अनुनय की तस्वीरों में केवल डेस्टिनेशन नहीं होता था, बल्कि उस जगह का भाव और अनुभव झलकता था.

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लोकप्रिय जगहों से परे: 'अनजान' खजानों की खोज

शुरुआत में, अनुनय ने भी लोकप्रिय पर्यटन स्थलों पर ध्यान केंद्रित किया, लेकिन जैसे-जैसे उनका अनुभव बढ़ा, उनकी यात्रा का दृष्टिकोण बदल गया. उन्होंने यह गहरा सबक सीखा कि कम जानी-पहचानी जगहें ही असली खजाना हैं.

उनका नया एंगल अनजान रास्तों की ओर मुड़ गया, जहां उन्होंने अविस्मरणीय व्यंजनों, समृद्ध संस्कृतियों और अनोखे रीति-रिवाजों को खोजा. वह हमेशा अपने यात्रा कार्यक्रम में जाने-माने स्थानों के साथ-साथ अनदेखी जगहों का भी समावेश करने की कोशिश करते थे. यही वजह था कि उनका यह तरीका एक अधिक व्यापक और समृद्ध यात्रा सुनिश्चित करता था. आइसलैंड की यात्रा को वह अपने दिल के करीब मानते थे.

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फोर्ब्स लिस्ट से मिली पहचान

अनुनय सूद की सफलता सिर्फ सोशल मीडिया तक सीमित नहीं थी, उन्हें वैश्विक स्तर पर पहचान मिली. उन्हें फोर्ब्स इंडिया की टॉप 100 डिजिटल स्टार्स लिस्ट में लगातार तीन साल (2022, 2023 और 2024) शामिल किया गया. इस प्रतिष्ठित लिस्ट में उनका वर्णन एक ट्रैवल इन्फ्लुएंसर और यूट्यूबर के रूप में किया गया था, जो कारों, यात्रा और रोमांच के प्रति अपने जुनून के लिए जाने जाते हैं.

उनकी उपलब्धियों की सूची यहीं खत्म नहीं होती. उन्हें 'एक्जिबिट अवार्ड्स' में 'ट्रैवल इन्फ्लुएंसर ऑफ द ईयर' का प्रतिष्ठित पुरस्कार भी मिला था, जो उनकी इंडस्ट्री में उनकी सर्वोच्च पहचान को दर्शाता है. लगभग 40 देशों की यात्रा करने के अलावा, वह नेशनल जियोग्राफिक इंडिया, कॉन्डे नास्ट ट्रैवलर इंडिया और लोनली प्लैनेट इंडिया जैसे अंतरराष्ट्रीय प्रकाशनों में भी शामिल हो चुके थे. अपनी डिजिटल पहचान के साथ-साथ, वह दुबई में एक डिजिटल और परफॉर्मेंस मार्केटिंग कंपनी भी चलाते थे. 

लास वेगास में थमा अंतिम पड़ाव

विडंबना यह है कि अनुनय सूद का सफर उस दौर में खत्म हुआ जब उनका करियर नई ऊंचाइयों को छू रहा था. उनकी यात्रा की कहानी एक ऐसे युवा की है जिसने एक लक्ष्य निर्धारित किया और उसे पूरी शिद्दत से हासिल किया. आज, जब उनके लाखों फॉलोअर्स उनकी लास वेगास से की गई आखिरी सोशल मीडिया पोस्ट को देख रहे हैं, उनकी तस्वीरें और वीडियो अब सिर्फ यादें नहीं, बल्कि उनके जीवन के उस दर्शन का प्रमाण हैं जिसमें उन्होंने कभी कहा था "अगर मेरे कैमरे से कोई एक इंसान भी दुनिया देखने की प्रेरणा पाए, तो मेरा काम सफल है."

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