ऊपर से भारत जितना रंग-बिरंगा और अनोखा है, नीचे से भी कम नहीं! दरअसल हमारे देश की धरती के नीचे कुछ ऐसे रहस्य और अजूबे छुपे हैं जिन्हें देखकर आप भी हैरान रह जाएंगे. ये जगहें सिर्फ पर्यटन नहीं, बल्कि इतिहास, वास्तुकला और प्रकृति की अनोखी ताकत का बेहतरीन नमूना हैं. ऐसे में अब रोमांच के लिए विदेश जाने की जरूरत नहीं है, इंडिया की ये 5 अंडरग्राउंड जगहें ही आपको दे देंगी असली एडवेंचर और रहस्य का मजा.
महाराष्ट्र की वाघोरा नदी के पास एक घोड़े की नाल जैसी पहाड़ी है. इसी में बसी हैं अजंता की गुफाएं, जो बौद्ध धर्म की कला और संस्कृति का खजाना हैं. यहां कुल 30 गुफाएं हैं, जिनमें कई कहानियां दीवारों पर चित्रों के जरिए दिखाई गई हैं. ये गुफाएं दूसरी सदी ईसा पूर्व की मानी जाती हैं. इन गुफाओं की हर दीवार और हर मूर्ति बुद्ध की जिंदगी और उनकी सीखों को शांत भाव से सामने लाती है. बात की जाए यहां के माहौल की तो यहां बेहद शांत है, जैसे ध्यान के लिए बना हो.
आंध्र प्रदेश की अराकू घाटी में बसी ये लाखों साल पुरानी चूना-पत्थर की गुफाएं किसी अजूबे से कम नहीं. 80 मीटर गहराई में बनी इन गुफाओं में बनीं प्राकृतिक आकृतियां, पानी से तराशी गई कलाकृतियां और रहस्यमयी माहौल, आपको एक अलग ही दुनिया में ले जाते हैं.
भारत का गुफाओं की राजधानी (Caving Capital) कहे जाने वाले मेघालय में देश की सबसे गहरी और लंबी गुफाएं हैं. यहां सिजू और लियत प्राह जैसी गुफाएं रोमांच और रहस्य से भरपूर हैं. इतना ही नहीं यहां के संकरे रास्ते, भूमिगत नदियां और अनोखी चट्टानी संरचनाएं इन्हें एडवेंचर पसंद करने वालों के लिए एक बेहतरीन जगह बनाती हैं.
साल 1499 में बनी ये बावड़ी देखने में जितनी खूबसूरत है, उतनी ही गहराई में बसी है. पांच मंजिल नीचे तक बनी इस बावड़ी में पत्थरों पर की गई बारीक नक्काशी, ज्यामितीय पैटर्न और अद्भुत वास्तुकला देख कर आंखें ठहर जाएंगी. इसके बारे में कहा जाता है कि ये सिर्फ पानी का स्रोत नहीं, बल्कि सामाजिक और आध्यात्मिक केंद्र भी था.
मुंबई से कुछ दूरी पर एक द्वीप पर स्थित ये प्राचीन गुफाएं शिवजी को समर्पित हैं. यहां की सबसे खास मूर्ति है 'त्रिमूर्ति शिव', जो निर्माण, संरक्षण और संहार के तीन रूप दिखाती है. पांचवीं सदी की ये गुफाएं भारत की आध्यात्मिक और शिल्पकारी परंपरा की जिंदा मिसाल हैं.
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