वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट 2025 ने उन देशों की लिस्ट जारी की है, जहां जिंदगी खुशियों से ज्यादा ग़मों से भरी हुई है. गरीबी, राजनीतिक अस्थिरता और अवसरों की कमी ने लोगों के रोज़मर्रा के जीवन को बेहद कठिन बना दिया है. इन देशों के नागरिक हर दिन चुनौतियों से जूझते हैं और खुशियों की तलाश में रहते हैं. इतना ही नहीं हालात इतने बिगड़े हैं कि यहां लोग अपने ही वतन में खुशियों को ढूंढते फिरते हैं, लेकिन हाथ आती है सिर्फ़ मायूसी.
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लगातार राजनीतिक अस्थिरता और आर्थिक पतन ने अफ़ग़ानिस्तान को इस लिस्ट में सबसे ऊपर रखा है. दरअसल यहां की स्थिति बेहद कठिन है, खासकर महिलाओं और अल्पसंख्यकों के लिए, जिन्हें बुनियादी अधिकारों से भी वंचित किया जा रहा है. गरीबी, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी ने लोगों का जीवन बदहाल कर दिया है.
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यह देश लंबे समय से गरीबी, कमजोर बुनियादी ढांचे और स्वास्थ्य प्रणाली की कमी से जूझ रहा है. इसके अलावा राजनीतिक अस्थिरता ने विकास की रफ्तार को धीमा कर दिया है. इस देश में प्राकृतिक संसाधन तो भरपूर हैं, लेकिन उनका लाभ आम जनता तक नहीं पहुंच पा रहा है. यही वजह है कि यहां के लोग जीवन की बुनियादी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए भी संघर्ष करते हैं.
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लेबनान इस समय दुनिया के सबसे बुरे आर्थिक संकटों में से एक से गुज़र रहा है. राजनीतिक गतिरोध और नौकरियों की कमी ने जनता में निराशा बढ़ा दी है. यही कारण है कि बहुत से युवा बेहतर भविष्य और स्थिरता की तलाश में देश छोड़ने को मजबूर हैं. इतना ही नहीं यहां की मुद्रा की कीमत भी लगातार गिर रही है, जिससे महंगाई आसमान छू रही है.
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मलावी दुनिया के सबसे गरीब देशों में से एक है, जहां ज़्यादातर आबादी खेती पर निर्भर है. इतना ही नहीं यहां स्वास्थ्य सेवाओं की भारी कमी है, और भोजन और संसाधनों की दिक्कतें लोगों के जीवन को बेहद कठिन बना रही हैं. इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि यह देश हर साल प्राकृतिक आपदाओं का भी सामना करता है, जिससे लोगों की मुश्किलें और बढ़ जाती हैं.
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ज़िम्बाब्वे लंबे समय से महंगाई और राजनीतिक अस्थिरता की मार झेल रहा है. यहां बेरोजगारी दर बहुत ऊंची है और लोगों का जीवन स्तर लगातार गिर रहा है. एक समय जो देश अपनी सुंदरता के लिए जाना जाता था, आज वह अपने ही नागरिकों के बड़े पैमाने पर पलायन से जूझ रहा है.
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