कृषि कानून का विरोध गांव-गांव तक जा पहुंचा है. कहीं किसान अपनी फसलों को अपने हाथों नष्ट करके गुस्से का इजहार कर रहे है तो कहीं नाराज किसानों को मनाने के लिए किसानों को ही सामने आना पड़ रहा है. यही नहीं किसानों के समर्थन में अब दूध आंदोलन का भी बिगुल बज गया है. शामली में कृषि कानून के खिलाफ फसलों को तबाह करने की खबरें लगातार आ रही हैं. रोहतक में भी कृषि कानू के खिलाफ गुस्सा देखा जा सकता है. रोहतक में हाल ये है कि किसानों को अपनी फसल पर ट्रैक्टर चलाने से रोकने के लिए खुद किसानों को सामने आना पड़ रहा है. यूपी के अमरोहा में किसानों ने सरकार के खिलाफ एक और नया आंदोलन शुरू कर दिया है और अब लगभग आधा दर्जन गांव के किसानों ने सरकार को दूध ना बेचने का मन बना लिया है. आखिर कब थमेगा टकराव, देखें खास कार्यक्रम, इस वीडियो में.
The protest against agricultural laws has reached every village. Somewhere farmers are expressing their anger by destroying their crops with their own hands, while elsewhere farmers have to come forward to convince and control angry farmers. Not only this, now the milk movement has also started in support of farmers. Continuous reports of farmers destroying their crops are coming from Shamli. In Rohtak also, anger can be seen against agricultural laws.